सोहना,(उमेश गुप्ता): शासन-प्रशासन की बंदिश व रोक के बावजूद सोहना शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में जगह-जगह लक्की ड्रा और कमेटी डालने का अवैध धंधा बड़े पैमाने पर चल रहा है। पहले भी कमेटी-लाटरी वाले मकड
ज़ाल में फंसकर कई परिवार बर्बाद हो गए तो ना जाने कितने लोगों को लाखों-करोड़ों रुपए की रकम से हाथ धोना पड़ा। जिन लोगों ने लाटरी-कमेटी डालने वाले संचालक के पास लाटरी-कमेटी डाली और डाली गई रकम वापिस ना मिलने से वह सडक़ों पर आ गए और कई लाटरी-कमेटी डालने वाले संचालक उनकी रकम को खाकर रातोंरात मालामाल बनकर धनाढय हो गए। बावजूद इसके यहां पर लाटरी-कमेटी डालने वाला यह अवैध धंधा थमने का नाम नही ले रहा है और अब भी यह अवैध धंधा बेरोकटोक चल रहा है। आए दिन नए-नए कमेटी-लाटरी डालने वाले और लक्की ड्रा डालने वाले संचालक उभर कर आ जाते है और आम लोग उनकी चिकनी-चुपड़ी बातों और प्रलोभनों में फंसकर उनके बुने गए मकडज़ाल में फंसकर रह जाते है। कई लोगों ने बताया कि उन्होने पहले एक महिला के पास लाटरी-कमेटी डाली लेकिन महिला उनकी रकम डकार गई और उनके जैसे सैकड़ों लोग है, जो रकम देने के बाद भी वापिस लेने में नाकाम रहे है। जब उन्होने रकम वापिस लौटाने का तकाजा किया तो उपरोक्त महिला ने उन्हे छेड़छाड़ व दुष्कर्म के झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दे डाली। जिससे वह अपनी रकम डूबने के बावजूद चुपचाप बैठ गए। इस धंधे से जुड़े कई सूत्रों ने अपना नाम व पहचान गुप्त रखते हुए बताया कि जब से नोटबंदी हुई है और मंदे का दौर चला है, तब से कई लक्की व कमेटी-लाटरी संचालकों के पास काफी निवेशकों का पैसा डूब गया है लेकिन लक्की और लाटरी डालने वाले संचालक निवेशकों से हर महीना नकद रूप में लिए जाने वाली रकम की एवज में कोई रशीद अथवा सबूत नही देते है। जिस कारण पैसा डूबने पर निवेशक चाहकर भी ना तो कानूनी कार्रवाई कर पाते है और ना ही पुलिस अथवा अदालत का सहारा ले पाते है। यही कारण है कि सोहना शहर में सैकड़ों से ज्यादा लोग लाटरी संचालक के रकम ना लौटाए जाने पर भारी आर्थिक नुकसान झेल चुके है तो काफी निवेशक ऐसे है, जो लाटरी संचालकों के भाग जाने पर अपना पैसा निकालने के लिए आज भी इधर-उधर चक्कर काट रहे है लेकिन उनका लाटरी संचालक पर जमा किया गया पैसा वापिस नही मिल पा रहा है। लोगों में चर्चाएं है कि कई लाटरी संचालक दीवालिया हो गए तो कई मोटी रकम इकटठा होने पर अंडरग्राउंड हो गए। बीते कई दशकों से अब तक निवेशकों का पैसा अलग-अलग संचालकों के पास डूबता रहा है। देखने वाली बात ये है कि जब कोई संचालक इकटठा की गई रकम को लौटाने की बजाय भागता या डूबता है तो कुछ दिनों तक मामला चर्चाओं में रहता है और उसके कई महीनों के बाद कोई नया व्यक्ति लक्की व कमेटी-लाटरी डालना शुरू कर देता है और फिर से नए लोगों को तरह-तरह के प्रलोभन देकर उन्हे अपने साथ उनका पैसा निवेश करा लेता है लेकिन लोग यह नही समझ पा रहे है कि बिना लाइसेंस और अनुमति के शासन-प्रशासन की बंदिश व रोक के बावजूद सोहना शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में जगह-जगह लक्की ड्रा और कमेटी डालने वाले इस धंधे में संचालक अपने निवेशकों को पता नही कौन सी घुटटी पिलाते है कि सब कुछ जानते हुए भी निवेशक उनके बुने हुए मकडज़ाल में फंस जाता है और जब निवेशकों का पैसा लाटरी संचालक हजम कर लेता है तो लिखित में कोई सबूत आदि ना होने पर कानून भी इनकी सहायता नही कर पाता। डीसीपी साउथ राहुल सेतिया ने आम जनमानस से आग्रह किया है कि वह बिना किसी लाइसेंस और सरकार की अनुमति के किसी भी तरह का लक्की ड्रा और कमेटी-लाटरी डालने वालों के मकडज़ाल में ना फंसे और यदि बिना लाइसेंस-अनुमति के कोई कमेटी-लाटरी संचालक कमेटी-लाटरी डाल रहा है अथवा लक्की ड्रा चला रहा है तो उसकी जानकारी प्रशासन को जरूर दे ताकि इस प्रकार के अवैध धंधे पर कानूनी कार्रवाई कर लोगों को लुटने से बचाया जा सके।
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