सोहना,(उमेश गुप्ता): यहां पर एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। एक विवाहित महिला ने अपना वंश आगे बढ़ाने के लिए भौंड़सी जेल में बंद अपने पति से संतान पैदा करने के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्चन्याया
य में याचिका दायर कर आरोपी से संबंध बना वंश आगे बढ़ाने की अनुमति दिए जाने की मांग की है। इस मांग पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोट ने राज्य सरकार से जानकारी मांगी है कि क्या सरकार की कोई ऐसी नीति है, जिसके आधार पर महिला को वंश आगे बढ़ाने के लिए जेल में बंद हत्यारोपी पति से संतान पैदा करने के लिए इजाजत दी जा सके। याचिका दाखिल करते हुए महिला ने बताया कि उसका पति हत्या के एक मामले में दोषी करार दिया जा चुका है और अठाईस अगस्त, 2018 से भौंड़सी जेल में बंद है। याची का कहना है कि संविधान हर व्यक्ति को जीवन व स्वतंत्रता का अधिकार देता है। इन्ही अधिकारों में वंश को आगे बढ़ाने का अधिकार भी शामिल है। यह अधिकार जेल की कैद के दौरान भी नही छीना जा सकता है। याची ने जसबीर सिंह बनाम पंजाब सरकार केस का हवाला देते हुए बताया कि उस मामले में पति-पत्नी दोनों जेल में थे और निसंतान थे। उन्होने हाईकोर्ट से बच्चा पैदा करने के लिए अनुमति देने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने सवाल उठाया था कि क्या हिरासत की स्थिति में किसी को वंश वृद्धि का अधिकार दिया जा सकता है। उस मामले में हाईकोर्ट का उत्तर सकारात्मक था और हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिया था कि इस विषय पर नीति बनाने को लेकर आवश्यक निर्णय लिया जाए। याची का कहना है कि उसके साथ भी लगभग ऐसी ही परिस्थिति है और संविधान के दिए अधिकार को उससे ना छीना जाए। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा तो राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि वह इस मामले में गृह विभाग के एसीएस से राय के बाद ही कुछ बता सकते है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्या राज्य में ऐसी कोई नीति मौजूद है और यदि ऐसी कोई नीति मौजूद नही है तो क्या इस दिशा में कानूनी रूप से कुछ कदम उठाया जा सकता है? पंजाब एवं हरियाणा उच्चन्यायालय ने इस मामले में अगली सुनवाई से पहले राज्य के मुख्य सचिव गृह को इस बाबत हलफनामा देने का आदेश दिया है।
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