फर्जी फर्म बनाकर 237.98 करोड़ के फर्जी बिल बनाने के आरोप में एक गिरफ्तार

Khoji NCR
2021-03-13 10:31:54

सोहना,(उमेश गुप्ता): केन्द्र व प्रदेश सरकार व्यापारियों और ग्राहकों से ईमानदारी से जीएसटी जमा कराने के लिए जागरूकता अभियान चला रही है, वही एक ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें जालसाजों न

े कई फर्जी फर्म बनाकर जीएसटी के नाम पर ना केवल राज्य सरकार बल्कि केन्द्र सरकार को भी करोड़ों रुपए की चपत लगाने का काम किया है। इस सनसनीखेज मामले का खुलासा उस वक्त हुआ, जब माल एवं सेवाकर आसूचना महानिदेशालय की साइबर सिटी जोनल यूनिट ने एक कारोबारी को इनपुट टैक्स के्रडिट धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए आरोपी की पहचान रविन्द्र कुमार निवासी दिल्ली के रूप में हुई है। छापामार टीम आरोपी से पूछताछ कर रही है। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। जिसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। आरोपी पर जाली दस्तावेजों के आधार पर फर्जी कंपनी बनाने व चलाने का आरोप है। कंपनियों का इस्तेमाल इनपुट टैक्स क्रेडिट पर लाभ उठाने में किया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस को मुखबिर खास से सूचना हाथ लगी कि हरियाणा, दिल्ली एवं झारखंड में कई स्वामित्व सांझेदारी वाली एवं प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों को सिर्फ कागज पर ही बनाकर चलाया जा रहा है। मामले की जांच शुरू कर कई बार आरोपी को सम्मन जारी किया गया लेकिन वह हाजिर नही हुआ और गिरफ्तारी से बचने के लिए वह बार-बार जगह बदलता रहा। जिस पर जीएसटी टीम सक्रिय हो गई और आरोपी के बार-बार जगह बदलने पर उससे कड़ाई से निगरानी रखने लगी। निगरानी की बदौलत ही टीम आरोपी को पकडऩे में कामयाब हो पाई है। आरोपी ने पूछताछ में 2 प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां, एक पार्टनरशिप फर्म के साथ ही कई स्वामित्व की फर्में बनाने की बात स्वीकार की है और खुलासा किया है कि बिना सामान के ही 237.98 करोड़ रुपए के फर्जी बिल बनाए और फर्जी आईटीसी पर 43 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि की हेराफेरी को अंजाम दिया। जांच में सामने आया है कि दिल्ली एवं हरियाणा में रविन्द्र कुमार जाली दस्तावेजों के आधार पर फर्जी कंपनियों का रैकेट चलाने वाला प्रमुख व्यक्ति है। शक होने पर इसकी जांच की गई। तब घोटाला उजागर हुआ। आरोपी को अदालत ने जेल भेज दिया है।

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