भौंड़सी जेल में बंदियों के बीच जमकर चले लात-घूंसे-6 बंदी घायल-2 बंदी गंभीर हालत होने पर किए रैफर-19 बंदियों के खिलाफ पुलिस ने किए मामले दर्ज-जेल बैरकों में बढ़ाई गई सुरक्षा के साथ-साथ निगरानी
सोहना,(उमेश गुप्ता): सोहना खंड में गांव भौंडसी स्थित जिला मार्डन जेल में मामूली बात को लेकर बंदियों के 2 गुटों में खूनी संघर्ष बन गया। झगड़े में 6 बंदी घायल हुए है। झगड़े के दौरान जब किसी बंदी ने बचाओ-बचाओ का शोर मचाया तो जेल वार्डन घटनास्थल पर पहुंचे और बंदियों को आपस में अलग-थलग कर घायल बंदियों को उपचार के लिए जेल परिसर में बने चिकित्सालय में लाया गया है, जिनमें से 2 बंदियों की हालत बिगड़ती देख उन्हे गंभीर हालत में बड़े अस्पताल के लिए रैफर किया गया है। जेल प्रशासन की शिकायत पर पुलिस ने अलग-अलग मामले दर्ज कर कुल 19 बंदियों के खिलाफ झगड़ा व मारपीट करने और गिलास-प्लेट को हथियार बनाकर हमला करने के आरोप में भादस की विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। जेल प्रशासन से झगड़े की सूचना पाकर पहुंची पुलिस मामले की जांच-पड़ताल में जुटी है। भौंड़सी पुलिस थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जयबीर का कहना है कि जांच के दौरान झगड़े में जो भी बंदी दोषियान पाए जाएंगे, उन्हे अदालत से प्रोडक्शन वारंट पर पूछताछ के लिए लिया जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार भौंड़सी स्थित जिला मार्डन जेल में बीती शाम करीब पौने 6 बजे जेल की कैंटीन में जब हवालाती जोनी पेशी से वापिस आने के बाद गया, उसी वक्त वहां पर ओम, सलीम, रोहित, राजेश, राहुल, अर्चित उर्फ दिलावर आदि आ गए और उनके बीच जोनी से किसी बात पर कहासुनी हो गई। तकरार इतनी बढ़ी कि उपरोक्त बंदियों ने मिलकर जोनी को पीटना शुरू कर दिया। जब जेल वार्डन ने बीच बचाव का प्रयास किया तो उपरोक्त बंदियों को अपने ऊपर भारी पड़ते देख जेल वार्डन ने जेल का सायरन बजा दिया। सायरन की आवाज सुन बाकी जेल वार्डन तुरंत दौड़े आए और बंदियों के चंगुल से जोनी को छुड़ाया लेकिन इसी बीच बंदियों के 2 गुट बन गए और उनमें जमकर लात-घूसे चलने लगे। जिससे झगड़े में घायल हुए 6 बंदियों के कमर, कान में ज्यादा चोटें आई है। जेल वार्डन घायल बंदियों को इलाज के लिए जेल की डिस्पेंसरी में ले गए लेकिन वहां तैनात चिकित्सकों ने घायल 6 बंदियों में से 2 बंदियों की हालत बिगड़ती देख उन्हे जिला अस्पताल के लिए रैफर कर दिया है। समाचार लिखे जाने तक झगड़े का सही कारण ज्ञात नही हो पाया है लेकिन शुरूआती जांच में आपसी मारपीट की वजह कोई पुरानी रंजिश मानी जा रही है। एसीपी क्राईम प्रीतपाल सिंह सांगवान का कहना है कि भौंड़सी पुलिस ने जेल प्रशासन की शिकायत पर आरोपित 19 बंदियों के खिलाफ झगड़े और पिटाई के अलग-अलग मामले दर्ज किए है। पुलिस मामले की गहराई से जांच में जुटी है। यह अलग बात है कि झगड़े का सही कारण अभी ज्ञात नही हो पाया है। उन्होने बताया कि भौंड़सी पुलिस आरोपित बंदियों को जल्द ही पूछताछ के लिए अदालत से प्रोडक्शन वारंट पर भौंड़सी जेल से थाने में लाएगी। पुलिस इस बात की तहकीकात में लगी है कि बंदियों के बीच बने झगड़े की असल वजह क्या है? जेल प्रशासन ने जेल परिसर में मारपीट की घटना के बाद बैरकों की चौकसी बढ़ा दी है। देखने वाली बात ये है कि पहले भी भौंड़सी जेल के अंदर मारपीट की कई वारदातें सामने आ चुकी है। भौंडसी जेल में पहले भी 2 गैंगस्टरों के 3 गुट आपस में भिड़ गए थे। कैंटीन से सामान खरीदने के दौरान शुरू हुआ विवाद इतना बढ़ा कि करीब 30 हवालाती बंदी व कैदी आपस में ही मारपीट करने लगे। उस समय सामने आया कि जेल की बैरक नंबर एक व 8 में बंद बिंदर गुर्जर, राजेश बवानिया और मंजीत महाल गैंगस्टर के गुर्गों में जेल की कैंटीन में विवाद शुरू हुआ था। झगड़ा बनने पर राजेश बवानिया व मंजीत महाल के गुर्गें इकटठा हो गए और दूसरी तरफ बिंदर गुर्जर पक्ष के कैदी आमने-सामने आ गए। तब झगड़े में शामिल रहे कैदियों ने पेड़ों की डालियां तोडक़र करीब आधे घंटे तक एक-दूसरे से जमकर मारपीट की। सूचना पाकर उस वक्त काफी तादाद में जेल वार्डन इकटठा होकर वहां पहुंचे और मुश्किल से उन्हे अलग-थलग कर हालातों को काबू किया था। उस वक्त भौंड़सी पुलिस के साथ-साथ सीआईए पुलिस भी जेल पहुंची थी। जिसके बाद कैदियों को भी अलग-अलग बैरकों में शिफ्ट किया गया था ताकि ये आपस में ना लड़े। काबिले गौर यह कि अब से पहले भी वक्त-वक्त पर भौंड़सी स्थित यह जिला मार्डन जेल कभी जेल में बंद अपराधियों के जेल में बैठे-बैठे धमकी भरे फोन व अवैध वसूली की मांग तो कभी नशीले पदार्थों और सिम व मोबाइल फोनों की बरामदगी, कैदियों के बीच गैंगवार, कभी जेल बैरक के समीप विदेशी रिवाल्वर मिलने, जेल के भीतर बंद कैदी के अपने साथी के साथ ही कुकर्म करने, एक कैदी के दूसरे कैदी को अंगीठी मारकर हत्या करने, जेल वार्डनों के बीच आपस में टकराव, कभी जेल वार्डन को जेल के भीतर गांजा ले जाते रंगे हाथों पकड़े जाने तो कभी जेल में अपने वर्चस्व को लेकर कैदियों के दो गुटों के बीच खूनी संघर्ष जैसे कारनामों के चलते भौंड़सी जिला जेल अपने शुरूआती दिनों से आज तक वक्त-वक्त पर अखबारों की सुर्खिया बनती रही है।
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