ताइपे । चीन और ताइवान के बीच तनाव और टकराव किसी से छिपा नहीं है। चीन ताइवान के खिलाफ अलग-अलग रणनीतियां बनाकर इसको बढ़ाने और दबाव बनाने का काम करता आया है। लेकिन अब उसका यही दांव उसके ही खिलाफ पड
़ता दिखाई दे रहा है। दरअसल 28 फरवरी को चीन ने ताइवान से आने वाले अनानास पर ये कहते हुए प्रतिबंध लगा दिया था कि इसमें कीड़े पाए गए हैं। इस फैसले से उसका मकसद ताइवान पर दबाव बनाना था, क्योंकि ताइवान विश्व में अनानास उत्पादन करने वाला सबसे बड़ा देश है और चीन उसका सबसे बड़ा उपभोक्ता है। चीन को लगता था कि इस रोक से ताइवान घुटनों पर आ जाएगा और उसको व्यापार में जबरदस्त नुकसान उठाना होगा। लेकिन हुआ इसका उलट। चीन द्वारा लगाई गई रोक का ताइवान के लोगों ने कड़ा जवाब दिया और जितनी सप्लाई चीन को होती थी उससेअधिक घरेलू बाजार में ही हो गई। इस रोक के बाद ताइवान में अनानास की खपत अचानक बढ़ गई और लोगों ने इसको चीन के खिलाफ उठाई जाने वाली आवाज का प्रतीक बना दिया। चीन के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ कस्टम्स द्वारा ताइवान के अनानास पर लगी रोक 1 मार्च से प्रभावी हुई है। आपको जानकर हैरानी होगी कि चीन की लगी रोक के बाद ताइवान के लोगों ने एकजुटता का प्रदर्शन करते हए चार दिनों में ही अनानास की उतनी मात्रा खरीद ली जितनी चीन को निर्यात होती थी। ताइवान में अनानास की सालाना लगभग 4.20 लाख टन पैदावार होती है। इसका करीब 80 फीसद तक चीन खरीद लेता है। इसके बाद 11 फीसद दुनिय के 16 देशों को बेचा जाता है। चीन द्वारा लगी रोक के बाद ताइवान के कृषि विभाग ने अनानास को लेकर एक मुहिम शुरू की और लोगों से अपील की कि वो किसानों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए अधिक से अधिक अनानास खरीदें। शुरुआत में ताइवान को उम्मीद थी कि इस मुहिम से करीब 20 हजार टन अनानास की खपत घरेलू बाजार में हो जाएगी। लेकिन ये खरीद इससे दोगुनी हुई। ताइवान की इस पहल में उस वक्त और तेजी देखने को मिली जब ताइवान की राष्ट्रपति थाई वेन की अनानास खाते हुए तस्वीर स्थानीय अखबारों की सुर्खियां बनी सरकार की इस मुहिम के बाद वहां की 180 कंपनियों ने 7187 टन, 19 कंपनियों ने 15 हजार टन, शराब बनाने वाली कंपनियों ने 4500 टन और अन्य खुदरा विक्रेताओं ने 15 हजार टन अनानास की खरीद लिया। सरकार का कहना है कि वो अब अनानास की सप्लाई चीन के अलावा दूसरे देशों को बढ़ाने पर जोर देगा। ताइवान के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2020 में ताइवान ने करीब 131 मिलियन डॉलर का अनानास चीन को निर्यात किया था जबकि 52 मिलियन डॉलर का निर्यात अन्य देशों को किया गया था। ताइवान लगातार चीन द्वार लगाई गई रोक के तर्क में जो बताया जा रहा है उसका विरोध कर रहा है और उसको गलत बता रहा है। ताइवान का कहना है कि चीन इस तरह का दुष्प्रचार केवल अपनी दबाव बनाने की रणनीति के तहत कर रहा है। ताइवान के मुताबिक सरकार निर्यात किए जाने वाले सभी तरह के फलों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देती है। इसलिए अनानास में कीड़े निकलने की बात कभी मानी नहीं जा सकती है। ताइवान अनानास के अलावा चीनी और चावल का भी निर्यात काफी बड़ी तादाद में करता है। अनानास के निर्यात के मामले में ताइवान का प्रतिद्वंदी हवाई है। ताइवान को अनानास को लेकर चीन के खिलाफ शुरू की गई मुहिम में अमेरिका, कनाडा, जापान जैसे देशों का भी साथ मिल गया है। ताइवान में सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोग अनानास की घरेलू खपत बढ़ाने और चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की अपील कर रहे हैं। सभी ताइवान की अनानास बचाओ मुहिम का समर्थन कर रहे हैं। पिछले दिनों कनाडा व्यापार संगठन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए लिखा कि उन्हें पिज्जा के साथ अनानास काफी अच्छा लगता है। ताइवान के विदेश मंत्रालय ने इस पोस्ट को लाइक कर हैशटैग फ्रीडमपाइनेप्पल के साथ तस्वीर ट्वीट की है। ऐसे में अमेरिकी संस्थान ने हैशटैग रीयलफ्रेंडरीयलप्रोग्रेस और हैशटैग पाइनएपलसॉलिडेटरी के साथ ताइवान का समर्थन किया है। सोशल मीडिया पर लोग और राजनेता अनानास खाते हुए अपनी तस्वीर को साझा कर चीन को सीधेतौर पर कड़ा संदेश देने में लग गए हैं।
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