सोहना,(उमेश गुप्ता): मुख्यमंत्री मनोहरलाल सरकार की निगाह बिजली चोरों पर टेढ़ी होने के बाद अब उन सरकारी महकमों पर लग गई है, जो सरकारी महकमे बिजली खपत करने के बावजूद अपनी तरफ बकाया बिजली बिल भरने
की बजाय अनदेखी बरत रहे है। ऐसे में बिजलीनिगम ने बिजली के बकाया बिलों का भुगतान ना करने वाले संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर हर कीमत पर 31 मार्च तक बिजली का बकाया भुगतान करने के निर्देश दिए है। ऐसे भी संकेत मिल रहे है कि जो भी विभाग अपनी तरफ बकाया बिजली बिल का भुगतान नही करेगा, उन विभागों के विभागाध्यक्षों को मुख्यमंत्री दरबार में तलब किया जा सकता है। बिजलीनिगमों के सीएमडी और बिजलीनिगम में अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने एक भेंट में हमारे प्रतिनिधि उमेश गुप्ता को उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में विभिन्न सरकारी विभागों पर बिजलीनिगम का 654 करोड़ रुपया बकाया है। जिसे भरने में संबंधित विभाग रूचि नही ले रहे। ऐसे में पूरा मामला बिजलीमंत्री और मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाकर उनकी मंजूरी लेने के बाद बिजलीनिगम ने बिजली के बकाया बिलों का भुगतान ना करने वाले संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर हर कीमत पर 31 मार्च तक बिजली का बकाया भुगतान करने के निर्देश दिए है। बिजलीनिगमों के सीएमडी और बिजलीनिगम में अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास की माने तो मौजूदा वक्त में राज्य में विभिन्न महकमों ऊपर बिजलीनिगम का 654 करोड़ रुपया बकाया है। जिन्होने बिजली का इस्तेमाल तो कर लिया लेकिन खपत की गई बिजली की एवज में भुगतान नही किया। बिजलीनिगम के बकाएदार चले आ रहे विभागों में पब्लिक हैल्थ, शहरी स्थानीय निकाय विभाग, सिंचाई महकमा और पंचायत एवं विकास विभाग प्रमुख है। सबसे ज्यादा 250 करोड़ रुपए से ज्यादा की उधारी पब्लिक हैल्थ से होनी है। सिंचाई विभाग पर भी 100 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया बिजलीनिगम का चला आ रहा है। दिलचस्प बात ये है कि इन दोनों ही महकमों की कमान खुद मुख्यमंत्री के पास है तो शहरी स्थानीय निकाय विभाग की कमान गृहमंत्री अनिल विज के पास है। बिजलीनिगम को इस महकमे से 200 करोड़ रुपए से ज्यादा की बकाया चली आ रही धनराशि रिकवरी करनी है, जिसमें अधिकांश स्ट्रीट लाइट के बिल बताए गए है। बिजलीनिगमों के सीएमडी और बिजलीनिगम में अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास की माने तो बिजलीनिगम ने नीतिगत तौर पर यह तय किया है कि मोटे बिलों का हिसाब-किताब सीधे विभागों के साथ होगा और जिन कार्यालयों के अधिकारियों द्वारा बकाया बिजली बिलों का भुगतान नही किया जा रहा है, उनके बिजली कनेक्शन तत्काल प्रभाव से काटे जाएंगे।
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