सोहना,(उमेश गुप्ता): यहां पर व्यापारमंडल संघ के अध्यक्ष मनोज बजरंगी ने अनाजमंडियों में सरकारी एजेंसी के लिए होने वाली फसल खरीद कार्य में अनाज ढुलाई, परिवहन व श्रमिकों से जुड़ी टेंडर प्रक्रिय
में आढ़तियों को बाहर का रास्ता दिखाए जाने पर नाराजगी जाहिर की है और इसे सरकार का गल्ला आढ़ती विरोधी कदम बताया है। उन्होने बताया कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने चालू वर्ष में छब्बीस जनवरी को जारी किए गए अपने दिशा-निर्देशों में आढ़तियों को फसलों की ढुलाई, वाहन व श्रमिक मुहैया कराने के लिए निविदा डालने से बाहर कर दिया है। यह कदम घोर आढ़ती विरोधी है। जिसे व्यापारमंडल संघ किसी भी कीमत पर हर्गिज बर्दाश्त नही करेगा। गल्ला व्यापारी आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश आर्य के प्रतिष्ठान पर मीडिया से मुखातिब व्यापारमंडल संघ के अध्यक्ष मनोज बजरंगी ने आरोप लगाया कि सरकार ने अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए यह आढ़ती विरोधी निर्णय लिया है ताकि इस काम में बाहर का रास्ता दिखाकर अपने चहेते प्रभावशाली ठेकेदारों का एकछत्र एकाधिकार स्थापित किया जा सके। लिए गए फैसले से जाहिर हो रहा है कि सरकार अपने चहेते ठेकेदारों को अनाज उठान, श्रमिक व ट्रांसपोर्ट के ठेके देना चाह रही है जबकि यह किसी से भी छुपा नही है कि पहले से कुछ ठेकेदार ये काम करते आ रहे है, जो अनाजमंडी में आढ़तियों के माध्यम से सरकारी एजेंसी द्वारा खरीदी गई फसल के भराव, उठान, लदान में देरी कर किसान व आढ़तियों को नाजायज तरीके से परेशान करने और उठान-लदान के नाम पर अपनी मनमानी बरत अलग से अपनी जेबों को भरने व भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने से बाज नही आए। सरकारी खरीद एजेंसी के अधिकारी व ठेकेदार की लापरवाही से अनाजमंडी में खरीदी गई फसल का उठान देरी से होने पर तेज गर्मी में अनाज सूख जाता है और प्रति कटटे में तौल कम होने पर घटौती अनाज की राशि आढ़ती से वसूली जाती है जबकि होना ये चाहिए कि घटौती वाले अनाज की यह राशि सरकार खरीद एजेंसियों, उठान में लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों से वसूले ताकि आढ़तियों को बेवजह मानसिक तनाव के साथ-साथ नुकसान ना झेलना पड़े। उन्होने कहा कि यह बात किसी से छुपी हुई नही है कि पहले भी ठेकेदार परिवहन दरें ज्यादा भरकर सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगा चुके है तो अनाज उठान के नाम पर चुपके-चुपके आढ़तियों से 2 से 5 रुपए बोरी नजराने के नाम पर पहले भी वसूले जाने की शिकायतें जगह-जगह से देखने-सुनने को मिली लेकिन सरकार चुप्पी साधे रही।
Comments