लगातार 4 दिन बंद रहेंगे बैंक-उपभोक्ता पहले निपटा ले बैंकिंग कार्य

Khoji NCR
2021-03-05 08:54:22

सोहना,(उमेश गुप्ता): सरकार की तरफ से 10 बैंकों को दूसरे बैंकों में मर्ज किए जाने वाले ऐलान के खिलाफ बैंक यूनियनों की हड़ताल और बैंकों में अवकाश के चलते चालू महीना मार्च में बैंकों में 4 दिन कोई का

काज 13 से 16 मार्च तक नही होगा। इन 4 दिनों में बैंकों के मेन गेट पर ताले लटके नजर आएंगे। इन दिनों में बैंककर्मी हड़ताल पर रहेंगे। इसलिए जरूरी है कि उपभोक्ता अपना बैंकिंग कार्य पहले ही निपटा ले। अन्यथा बैंकों में कामकाज ठप रहने पर बैंक शाखाओं में लेनदेन और चेक क्लीयरेंस जैसे महत्वपूर्ण कार्य रूकने से ग्राहक परेशान हो सकते है। सरकारी बैंकों में 13 मार्च से 16 मार्च तक लगातार 4 दिनों के लिए ठप रहेगा। जिसका प्रमुख कारण ये है कि 13 मार्च को शनिवार तथा 14 मार्च को रविवार होने की वजह से बैंकों में अवकाश रहेगा। जिसके बाद 15 व 16 मार्च लगातार 2 दिन सरकारी बैंकों की यूनियनों की अगुवाई में बैंक कर्मचारी हड़ताल पर जाने वाले है। इसलिए इन दोनों दिन देश भर में सरकारी बैंक बंद रहेंगे। ऐसे में जरूरी है कि उपभोक्ता अपना बैंकिंग कार्य पहले ही निपटा ले। ध्यान योग्य ये है कि सरकार की तरफ से सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैकों को मर्ज कर 4 बैंक बनाए जाने की घोषणा तीस अगस्त को की गई थी। सरकार के इस ऐलान से बैंक कर्मचारियों को अपनी नौकरी पर खतरा मंडराने का डर सता रहा है। हालांकि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन की तरफ से भरोसा दिया गया है कि बैंकों के मर्ज होने के बावजूद किसी की नौकरी नही जाएगी लेकिन फिर भी बैंक कर्मचारी नौकरी जाने के डर से डरे हुए है। बैंक यूनियनों की माने तो बैंक आगे भी अपनी मांगों को लेकर बेमियादी हड़ताल पर जा सकते है। बैंक यूनियनों की मांग है कि बैंक कामकाज के लिए 5 दिन का सप्ताह किया जाए और नकद लेनदेन के घंटों और विनियमित कार्यों के घंटे कम किए जाए। विजिलेंस में बाहरी एजेंसियों का हस्तक्षेप रोका जाए। सेवानिवृत कर्मचारियों से संबंधित मुददों को जल्द सुलझाया जाए। बैंकों में रिक्त पड़े स्थानों पर पर्याप्त भर्तियां की जाए। एनपीएस को समाप्त किया जाए और ग्राहकों के लिए सर्विस टैक्स कम करने तथा अच्छा प्रदर्शन नही करने के नाम पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई ना की जाए। हर पांच वर्ष में बैंकों के अधिकारियों व कर्मचारियों का रिवाइज किए जाने वाला वेतन वर्ष-2012 के बाद से रिवाइज नही किया गया है। उससे भी बैंकिंग सेवा से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों में रोष नजर आ रहा है।

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