वन परिसर पिंजौर में मनाया गया विश्व वन्य प्राणी दिवस।

Khoji NCR
2021-03-04 08:24:37

खोजी/सुभाष कोहली। कालका। वन परिसर पिंजौर में विश्व वन्य प्राणी दिवस का आयोजन किया गया। इस मौके पर वन परिसर पिंजौर में प्रशिक्षु उप वन राजिक अधिकारीयों को सम्बोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्

य अतिथि प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवम् मुख्य वन प्राणी वार्डन हरियाणा जगदीश चन्द्र भा0 व0 से0 द्वारा वन प्राणियों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए अवगत करवाया गया कि वन्य प्राणियों का सरंक्षण कार्य क्यों आवश्यक है तथा उन्होंने विभिन्न कालों में वन्य प्राणियों के साथ राजा महाराजाओं मुगलकालिन, बोधकालीन, ब्रिटिश शासन के दौरान किये गए प्रयासों का उल्लेख करते हुए बताया कि आज वन्य प्राणियों की जो स्थिति है वो एक दिन में ही पैदा नहीं हुई अपितु कालांतर में वन्य प्राणियों के अंधाधुन्द शिकार व उनके आश्रय स्थल को पहुंचाए गए नुकसान इसके मुख्य कारण है। आज विश्व वन्य प्राणी दिवस के मौके पर वन्य प्राणी सरंक्षण कार्य को महत्वता देते हुए बताया कि वन्य प्राणियों के अवैध शिकार व उनके अंगों के अवैध व्यापार को पूरी तरह से रोकने के अतिरिक्त उनके आश्रय स्थालों को संरक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया तथा प्रशिक्षु उप वन राजिक अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि संरक्षित क्षेंत्रों में वन्य प्राणियों के आश्रय स्थलों के प्रबंधन, मसलन पौधारोपण आदि कार्य उस क्षेत्र में मौजूद वन्य प्राणियों की प्रजातियों के अनुरूप एवम् उनकी आवश्यकता अनुसार ही किया जाए ताकि उनका बेहतर सरंक्षण किया जा सके। इसके अतिरिक्त वन व एवं वन्यप्राणी विभाग हरियाणा द्वारा वन्यप्राणियों के बेहतर सरंक्षण हेतु किये जा रहे प्रयासों का भी उल्लेख किया गया। इस अवसर पर उप मुख्य वन्य प्राणी वार्डन पंचकूला श्याम सुंदर कौशिक द्वारा अपने संबोघन में बताया गया कि 3 मार्च के दिन, पूर्व कें वर्षों में 183 देशों द्वारा सम्मिलित रूप से संकटग्रस्त जीवों तथा वनस्पतियों की रक्षा के लिए यानी कि कन्वेशन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन एन्डेंजर्ड स्पेसिज पर हस्ताक्षर किये गये थे। विश्व वन्यजीव दिवस का प्रस्ताव प्रथमतया थाईलैंड द्वारा वर्ष 2013 बैंकाक में साइट्स के 16 वें अधिवेशन के दौरान दिया गया था एवं इसी के परिणाम स्वरूप 20 दिसम्बर 2013 को यूनाइटेड नेशन्स जरनल असेंबली द्वारा 68 वें अधिवेशन में 3 मार्च को प्रतिवर्ष विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई।

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