सुभाष कोहली। कालका। फरवरी, मार्च 2020 में कोरोना नामक व्याधि ने भारत में प्रवेश किया तो मार्च के अन्त में भारत सरकार ने पूरे देश में लॉकडाऊन लगा दिया ताकि यह व्याधि भारत में महामारी का रूप धारण न
ा कर सके, क्योंकि भारत की जनसंख्या बहुत ज्यादा है और साधन सीमित थे, जिस कारण भारत सरकार को ये कड़ा कदम उठाना पड़ा। इससे सरकार और आम जनता को बहुत सी परेशानियों का सामना तो करना पड़ा, लेकिन लाखों लोगों की जाने बच गई। यह कहना है कालका की समाजसेविका प्रेम लता का। प्रेम लता का कहना है कि लगभग दो महीने बाद जरूरी निर्देशों के साथ (मास्क लगाना, बार-बार हाथ धोना, दो गज की दूरी आदि) सरकार ने धीरे-धीरे लॉकडाऊन हटाना शुरू किया तो कुछ लोगों को जैसे सदियों बाद आजादी मिली हो, बिना मास्क, स्कूटर-बाईकों पर 3-3, 4-4 लोगों ने बिना जरूरी काम के बाजारों व गलियों में घुमना शुरू कर दिया। वैसे कुछ लोग तो लॉकडाऊन में भी निर्देशों का पालन नहीं कर रहे थे तथा अब भी नहीं करते, क्योंकि वो लोग करोना को शायद अपना रिस्तेदार समझते हैं। हम बहुत जल्दी भूल जाते हैं कि कोरोना काल में दिन-रात कोरोना पीड़ितों की सेवा करते-करते कितने डाक्टरों, नर्सों, पुलिस कर्मियों व अन्य लोगों ने अपनी जाने गंवाई हैं। जो लोग करोना से ठीक हुए हैं, वो उनका सौभाग्य है, किन्तु उनके जीवन पर खतरा टला नहीं है, जरा सी लापरवाही उनके लिए भारी पड़ सकती है। प्रेम लता का कहना है कि हर रोज देखने में आता है कि लोग बाजारों में, भीड़ बना कर बिना मास्क के घूम रहे हैं। जहां पर प्रशासन सख्ती करता है, वहां पर थोड़ी देर को मास्क पहन लेते हैं, आगे जाकर फिर गले में लटका लेते हैं। अब क्या सरकार या प्रशासन एक-एक को मास्क पहनाने का काम करे, जरा सोचिए। लोगों की ऐसी ही लापरवाही के कारण कुछ राज्यों में कोरोना ने भयंकर रूप धारण कर लिया है। इसीलिए समाजसेवी प्रेम लता का हाथ जोड़ कर आम जनता से अनुरोध है कि अपनी व अपने परिवार की चिन्ता स्वयं कीजिए। मास्क पहने, सामाजिक दूरी बनाए रखें, हाथ साफ रखें तथा समय-समय पर सरकार द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें। ऐसा करके आप किसी पर एहसान नहीं कर रहे हैं, बल्कि अपनी व अपने परिवार की कोरोना महामारी से सुरक्षा कर रहे हैं। वैक्सीन की चिन्ता छोड़ कर सावधानी बरतें, अपनी व अपने परिवारजनों व सगे-सम्बन्धियों, मित्रों की चिन्ता व सुरक्षा स्वयं करें। यदि कोरोना महामारी ने हर राज्य में इसी तरह का भयंकर रूप ले लिया तो ना हस्पताल में जगह मिलेगी, ना इतने डाक्टर होंगे और ना कोई कन्धा देने वाला मिलेगा। इसलिए अपना व अपनों का भला सोचिए, इसी में ही सब की भलाई है। हम, आप और सब सुरक्षित रहेंगे तभी तो देश सुरक्षित रहेगा। कृपया सावधानी बरतें, क्योंकि सावधानी में ही सुरक्षा है।
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