पानीपत, आज एक मार्च है। यही वो महीना है, जब कोरोना की वजह से देश में लाकडाउन लगाना पड़ा। दिसंबर और जनवरी का महीना आते-आते हम कोरोना को हराने लगे थे। लेकिन ये फिर से सिर उठाने लगा है। उसकी वजह है ह
ारी लापरवाही। पानीपत शहर का कोई भी बाजार हो, मुहल्ला हो, मंदिर हो या फिर सार्वजनिक जगह। किसी भी जगह पर कोई भी व्यक्ति मास्क लगाए नहीं दिखा। शारीरिक दूरी का कोई ध्यान नहीं। दैनिक जागरण ने माडल टाउन, बस स्टैंड, लघु सचिवालय से लेकर शहर के सभी क्षेत्रों में यही हालात देखे। यहां मौजूद लोगों से बात की तो उनका कहना था कि अब कोरोना से क्या डरना। उनके यही शब्द भारी पड़ सकते हैं। पिछले एक सप्ताह से कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। रविवार को तो 21 केस सामने आए। कारण नंबर 1- माडल टाउन, रामलाल चौक दोपहर के एक बजे। चहल-पहल लगी हुई थी। ट्रैफिक पुलिस का एक कर्मी यातायात व्यवस्था सुचारू करवा रहा था। आम लोगों के साथ पुलिसकर्मी ने भी मास्क नहीं लगाया हुआ था। यहां से गुजर रहे राजेश से बात की तो उन्होंने कहा, अब कोरोना का खतरा नहीं है। वह इस बात से अंजान थे कि एक दिन पहले ही मॉडल टाउन में आठ केस सामने आए थे। कारण नंबर 2 - सवारियों से लादे आटो रिक्शा आटो रिक्शा एक वर्ष पुराने हालात में दिखने लगे हैं। तीन लोगों के बैठने की सीट पर छह लोग बैठे मिले। मास्क किसी ने नहीं लगाया था। बस स्टैंड से लेकर सेक्टर 12 तक यही दिखा। कारण नंबर 3- बस स्टैंड में लापरवाही बस स्टैंड में भी लापरवाही ही दिखी। बस के चालक, परिचालक से लेकर सभी सवारियां बिना मास्क ही दिखीं। देखने में ऐसा लग रहा था, जैसे कोरोना का सफर इनके माध्यम से ही आगे बढ़ रहा है। कारण नंबर 4- लघु सचिवालय : नाम की टंकी लघु सचिवालय में प्रवेश द्वार पर ही पानी की टंकी रखी है। इससे हाथ धोने का इंतजाम किया गया था। अब इसमें पानी नहीं है। न ही सैनिटाइजर और साबुन है। ये वो जगह है, जहां से पूरे जिले की व्यवस्था ठीक होती है। खुद सचिवालय अव्यवस्था का शिकार है। कारण नंबर 5- इंसार बाजार, संजय चौक, सनौली रोड शहर के सबसे व्यस्त रोड हैं इंसार बाजार, सनौली रोड और जाटल रोड। तीनों ही जगह पर एक भी व्यक्ति मास्क लगाए नहीं दिखा। रविवार को बाजार खुला था। पैर रखने की जगह नहीं थी। कमी थी तो बस सावधानी भरे कदमों की। सनौली रोड पर पुराने कपड़ों की बिक्री का बाजार लगता है। यहां सबसे ज्यादा भीड़ दिखी। न शारीरिक दूरी का नियम पूरा हो रहा था न मास्क लगाया था। जून के बाद फरवरी में सबसे ज्यादा केस जनवरी-फरवरी में एक दिन में मिले संक्रमितों की यह सबसे बड़ी संख्या है। माडल टाउन में सात मरीज मिले हैं, इनमें सात वर्षीय बच्चा भी शामिल है। बता दें कि जून 2020 में 136 केस मिले थे, फरवरी 2021 में संख्या 166 हो गई है। चपेट में बुजुर्ग और युवा वायरस बुजुर्गों और युवाओं को अधिक चपेट में ले रहा है। पाजिटिव केस रेलवे स्टेशन के पास, माडल टाउन, न्यू सब्जी मंडी, प्रकाश नगर, राधे विहार, महावीर कालोनी, विराट नगर, खोतपुरा, कुराड़, शिव नगर, ददलाना, सुलोचना सदन और गोशाला मंडी में ज्यादा मिले हैं। जानिये, कैसे बढ़ रहा कोरोना 21 फरवरी, छह केस 23 फरवरी, आठ केस 24 फरवरी, दस केस 27 फरवरी, दस केस 28 फरवरी, 21 केस जागरण के सवाल, सिविल सर्जन डा. संतलाल के जबाव - क्या मरीज की मर्जी है कि टीका लगवाए या नहीं? - यह स्वैच्छिक है, लेकिन जोखिम से बचने, दूसरों को बचाने के लिए टीका लगवाएं। क्या वैक्सीन की दो डोज लेना जरूरी है? - वैक्सीन की दोनों डोज लेने के 15 दिन बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। व्यक्ति छह से 12 महीने सुरक्षित रहेगा। - जिसे कोरोना हो चुका है, क्या उसे भी वैक्सीन लगवानी चाहिए? - कोरोना संक्रमित ठीक हो चुका है तो समझो उसके शरीर में एंटीबाडी विकसित हो चुकी है। वह अस्थायी होती है, टीका वायरस के विरुद्ध एंटीबाडी बनाता है। - वैक्सीन लगवाते समय क्या सावधानी बरती जाए? - अपनी मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी दें। किसी दवा से एलर्जी है तो टीकाकरण से पहले बताएं। - क्या लाभार्थी अपनी मर्जी से वैक्सीन चुन सकता है? - नहीं, भारत सरकार ने पूरे मानकों पर परखने के बाद वैक्सीन को मंजूरी दी है। - क्या अपनी मर्जी से वैक्सीनेशन केंद्र चुन सकते हैं? - जी बिल्कुल, ध्यान रहे निजी अस्पताल में 250 रुपये प्रति डोज फीस है, सरकारी में फ्री। - क्या, दूसरी डोज किसी दूसरी कंपनी की वैक्सीन की ले सकते हैं? - जी नहीं, जिस कंपनी का पहला टीका लगा, 28 दिन बाद उसी का दूसरा लगेगा। - दूसरा टीका कब से कब तक लग सकता है? - दूसरा टीका 28 दिन बाद और 42 दिनों तक लग जाना चाहिए। - क्या दो डोज लगवाने के बाद भी कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करना होगा? - सुरक्षा के लिहाज से मास्क लगाएं, सार्वजनिक स्थानों पर दो गज की दूरी बनाए रखें। - वैक्सीन की दोनों डोज के बाद क्या लाभार्थी कोरोना के खतरे से मुक्त हो जाएगा? - वायरस के जीन में अचानक बदलाव हो सकता है। इसलिए कोई गारंटी नहीं दी जा सकती। - दूसरी डोज नहीं लेने के क्या नुकसान हैं? - दोनों डोज लेने के बाद ही शरीर में एंटीबाडी विकसित होती है। - क्या लाभार्थी किसी भी वैक्सीनेशन केंद्र पर बिना रजिस्ट्रेशन डोज लगवा सकता है? - जी हां, किसी भी केंद्र पर ऐनवक्त रजिस्ट्रेशन कराकर, टीका लगवाया जा सकता है।
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