सोहना,(उमेश गुप्ता): स्थानीय डाकघर कार्यालय में जनवरी महीने की पात्रों को पेंशन वितरण का कार्य शुरू हो गया है। जब पात्र विधवा महिलाएं बुधवार को अपनी पेंशन लेने के लिए डाकघर कार्यालय में आई तो
न्हे बताया गया कि सरकार की तरफ से विधवा महिलाओं की जनवरी महीने की पेंशन अभी नही भिजवाई गई है। इतना सुनते ही मौजूद विधवा महिलाओं में रोष बन गया और वह सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए जमकर हंगामा मचाने लगी। गुस्साई विधवा महिलाओं ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल सरकार को कोसते हुए कहा कि एक तो पहले ही विधाता ने उनका जीवन साथी छीनकर उन्हे विधवा श्रेणी में ला खड़ा किया और अब सरकार भी उनसे भेदभाव बरत रही है। सरकार ने जनवरी महीने की वृद्धावस्था, दिव्यांग और चिल्ड्रन पेंशन तो भिजवा दी है लेकिन अभी तक भी बीते महीने की बकाया चली आ रही विधवा पेंशन पात्रों को उपलब्ध नही कराई जा रही है जबकि होना ये चाहिए था कि महाशिवरात्रि नजदीक है तो होली भी अगले महीने में आने वाली है। ऐसे में पात्र पेंशनरों को जनवरी से लेकर मार्च महीने की पेंशन एकमुश्त उपलब्ध कराई जाती लेकिन ऐसा नही हो रहा है। जनवरी का पूरा महीना बीत गया है तो चालू फरवरी महीने के बीतने में 3 दिन बाकी है और सरकार की तरफ से अभी तक जनवरी महीने की पात्र विधवाओं को पेंशन उपलब्ध नही कराई गई है। गुस्साई विधवा महिलाओं ने आरोप लगाया कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार अपने वादों के विपरीत काम कर रही है। विधानसभा चुनावों के वक्त जजपा ने पेंशन 5100 रुपए महीना किए जाने का भरोसा दिया था। भाजपा ने भी कुछ इसी तरह के वादे किए लेकिन सत्ता में आने पर उपरोक्त दोनों पार्टियों की गठबंधन सरकार अपने वादे को पूरा करने की बजाय ना केवल वादाखिलाफी कर रही है बल्कि जनवरी महीना पूरा बीतने और फरवरी महीना बीतने की कगार पर होने के बावजूद उन्हे बकाया महीने की विधवा पेंशन नही दी जा रही है, जो उनके साथ घोर अन्याय है। जिसे वह कीमत पर हर्गिज बर्दाश्त नही करेंगे। इस मसले पर जल्द ही विधवा पेंशनर इकटठा होगी और अपने हकों की लड़ाई लड़ेगी। जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी चलाया जाएगा लेकिन सत्ता के नशे में चूर सरकार को मनमानी हर्गिज नही करने दी जाएगी।
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