सोहना,(उमेश गुप्ता): सोहना में कक्षा तीसरी से 5वीं तक स्कूलों के खुलने और विद्यार्थियों का दाखिला सीजन नजदीक आते ही कई दिन पहले से ही क्षेत्र में निजी स्कूलों के बीच चल रहे पंपलेट युद्ध ने जोर प
ड़ लिया है। रोजाना किसी ना किसी स्कूल संचालक द्वारा अपने स्कूल की प्रशंसा में छपवाए गए पंपलेट-इस्तहार सुबह उठते ही लोगों को देखने-पढऩे को मिल रहे है। दिलचस्प ये है कि निजी स्कूल संचालकों के बीच आपसी प्रतिस्पर्धा के चलते आए दिन इश्तहारों-पम्पलेटों के जरिए अपने-अपने शिक्षा विद्यालयों में अत्याधिक सुविधाएं देने के दावे भी खूब किए जा रहे है लेकिन यह भी एक सच्चाई है कि यहां शिक्षा विभाग की अनदेखी और जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते सोहना क्षेत्र में आज भी गैरमान्यता प्राप्त अथवा तंग गलियों में चलने वाले अनेकों स्कूलों के संचालक अभिभावकों को अपनी चिकनी-चुपड़ी, लच्छेदार बातों में फंसाकर लोगों को बरगलाने और विद्यार्थियों के जीवन से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे है। क्षेत्र के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में काफी ऐसे स्कूल चल रहे है, जिनके पास शिक्षा विभाग से स्कूल चलाने के लिए मान्यता तक नही है और ना ही अन्य संबंधित विभागों से व दमकल केन्द्रों से एनओसी आदि प्राप्त है। ऐसे स्कूलों में विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम भी नही है। जिससे देश के नौनिहालों का भविष्य इन स्कूलों में खतरे में नजर आता है। ऐसे में अभिभावक भी रह-रहकर इस असमंजस में फंसे है कि वे अपने कुल दीपकों का आगे दाखिला कौन से स्कूल में करवाए क्योंकि दाखिलों का सीजन जल्द शुरू होने वाला है। बावजूद इसके शिक्षा विभाग यहां जनहित में मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची मीडिया के माध्यम से जारी करने के बजाय आज भी कुंभकर्णी नींद में सोया प्रतीत होता है। स्वयंसेवी संस्था सोहना जागृति मंच के उपाध्यक्ष रहे डाक्टर सुरेश कालड़ा, समाजसेवी कर्मपाल बोकन, बलबीर सिंह रावत गब्दा, पूर्व नगरपार्षद ओमप्रकाश सैनी, सोहना बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान देवदत्त शर्मा एडवोकेट व पवन वर्मा, राकेश शर्मा सांचौलिया आदि जागरूक लोगों ने शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची सार्वजनिक किए जाने और विभाग द्वारा लागू नियमों, कायदे, कानूनों को कड़ाईपूर्वक लागू करवाए जाने की मांग की है। क्षेत्र के जागरूक लोगों ने मुख्यमंत्री और शिक्षा निदेशालय से मांग की है कि बिना मान्यता प्राप्त तथा बिना सुरक्षा इंतजामों के चल रहे ऐसे स्कूलों की पहचान करने और तालाबंदी के लिए उपायुक्त, अतिरिक्त उपायुक्त, एसडीएम रैंक के अधिकारियों की छापामार टीमें बनाई जाए, जो नगरपरिषद के तहत लगने वाले सभी वार्डों और सोहना ब्लॉक में प्रत्येक गांव का दौरा कर वहां चल रहे स्कूलों की सूची तैयार कर उनकी शिक्षा बोर्ड से मान्यता की जांच करे। साथ ही इस बात की भी जांच करे कि उपरोक्त स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर क्या इंतजाम किए गए है और यह स्कूल शिक्षा निदेशालय द्वारा लागू नियमों की पालना कर रहे है अथवा नही। यदि निर्धारित नियमों की अवहेलना कर रहे है तो उनके खिलाफ तुरंत ठोस कार्रवाई अमल में लाई जाए और शिक्षादान के नाम पर जगह-जगह खुल रही दुकानों पर ताला लगाने का काम किया जाए।
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