सोहना,(उमेश गुप्ता): सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों को अच्छे तरीके से शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए शिक्षा निदेशालय सक्रिय हो गया है। सोहना में बच्चों को सही से ना पढ़ा
े व बार-बार अवकाश लेने के कारण 2 शिक्षकों का वेतन रोका गया है। यह कार्रवाई जिला शिक्षा अधिकारी कैप्टन इंदु बोकन ने स्कूलों का निरीक्षण करने के बाद की है। उनकी माने तो जब उन्होने स्कूलों का निरीक्षण किया तो उपरोक्त स्कूलों में बच्चे चैप्टर का नाम तक नही बता पाए। ऐसे में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है ताकि शिक्षक अपने कर्तव्य के प्रति पूरी तरह सजग रहे और सरकारी स्कूलों में पढ़ाई निजी स्कूलों से भी ज्यादा अच्छे तरीके से कराए जाने पर प्रतिस्पर्धा के इस युग में सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी किसी भी तरह शिक्षा के क्षेत्र में निजी स्कूलों से तनिक भी पीछे ना रहे। देखा जाए तो 20 अप्रैल से बोर्ड कक्षाओं की परीक्षाएं शुरू होने वाली है। जिनकी तैयारियों के लिए अलग-अलग रणनीति के तहत इन दिनों स्कूलों में कार्य किया जा रहा है। जो शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में लापरवाही बरत रहे है, अब वही लापरवाही उन पर भारी पडऩे लगी है। यही वजह है कि जो शिक्षक अब बच्चों को पढ़ाने में और बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों में लापरवाही दिखा रहे है, ऐसे शिक्षकों की पहचान कर उनका वेतन रोका जा रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी कैप्टन इंदु बोकन की माने तो सोहना ब्लॉक में 2 शिक्षकों का वेतन इसी के चलते रोका गया है क्योकि यह शिक्षक अपनी कक्षाओं को ठीक से नही पढ़ा पा रहे थे। इतना ही नही इन शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई किए जाने के लिए रिपोर्ट तैयार कर शिक्षा निदेशालय को भेजी गई है ताकि भविष्य में यह शिक्षक गंभीरता से विद्यार्थियों को पढ़ाए। तनिक भी लापरवाही ना बरते और अन्य शिक्षकों को भी लापरवाही ना बरतने के लिए सबक मिले। उन्होने बताया कि सोहना ब्लॉक में विभिन्न सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में उनका चल रहा निरीक्षण आगे और तेजी पकड़ेगा। जब उन्होने सोहना ब्लॉक में 2 सीनियर सैकेंडरी स्कूलों का निरीक्षण किया तो इस दौरान कई विद्यार्थी तो चैप्टर का नाम तक नही बता पाए। आरोप यह भी है कि यह शिक्षक बच्चों को पढ़ाने की बजाय छुटिटयां ज्यादा ले रहे है। जिला शिक्षा अधिकारी कैप्टन इंदु बोकन की माने तो बोर्ड कक्षाओं पर पूरा फोकस किया जा रहा है। प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत जिले के कुछ सरकारी स्कूलों में बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी हो रही है तो अलग-अलग ग्रुप के साथ विद्यार्थियों को पढ़ाने का क्रम जारी है। इसके अलावा विद्यार्थियों के बार-बार टैस्ट लेकर उनकी मार्किंग बोर्ड परीक्षाओं के आधार पर कराने को कहा गया है। एबीआरसी व डाइट फैकल्टी की ओर से भी स्कूलों की मानीटरिंग की जा रही है। कलस्टर, नोडल, ब्लॉक और जिला लेवल पर बार-बार स्कूलों का निरीक्षण कर विद्यार्थियों का ज्ञान परखा जा रहा है। सभी स्कूलों को बीते वर्ष के मुकाबले 15 से 20 फीसदी और ज्यादा बेहतर परिणाम करने का लक्ष्य दिया गया है। जाहिर है कि सभी सरकारी स्कूलों को अपने रिजल्ट में सुधार लाना होगा। जिन स्कूलों का परीक्षा परिणाम गत वर्ष काफी खराब रहा, ऐसे स्कूलों पर ज्यादा मेहनत की जा रही है। वही शिक्षकों से भी उनके सुझाव मांगे गए है कि किस तरीके से परीक्षा परिणाम में सुधार लाया जा सकता है। जिला शिक्षा अधिकारी कैप्टन इंदु बोकन की माने तो इस दौरान केवल कक्षाओं पर ध्यान देने की जरूरत है। इसलिए स्कूलों का निरीक्षण करके उनकी रिपोर्ट भी साथ-साथ तैयार की जा रही है और राइटिंग सुधार पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अच्छी राइटिंग के लिए अलग से मेहनत कराई जा रही है।
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