क्या आप भी पहनते हैं चश्मा? तो 3 गुना कम हो सकती है कोविड-19 संक्रमण होने की संभावना

Khoji NCR
2021-02-24 08:18:31

नई दिल्ली, । Covid-19 Infection: जब से कोविड-19 महामारी शुरू हुई है, तभी से रोकथाम को ही घातक संक्रमण के खिलाफ सबसे अच्छा बचाव माना गया है। यहां तक ​​कि जब दुनिया के विभिन्न हिस्सों में वैक्सीनेशन लगना शुरू ह

ो गया है, तब भी सभी के लिए सावधानी के तौर पर मास्क पहनना, शारीरिक दूरी बनाए रखना और स्वच्छता का पालन करना ज़रूरी है। कोरोना वायरस खांसी और छींक से निकली बूंदों के माध्यम से फैलता है और किसी को भी संक्रमित कर सकता है। वायरस आमतौर पर मुंह और नाक के ज़रिए शरीर में प्रवेश करता है, लेकिन आंखें भी एक ज़रिया हैं। इसी वजह से एक्सपर्ट्स ने शुरुआत में सभी को मास्क के साथ ग्लासेज़ पहनने की भी सलाह दी थी, ताकि कोविड-19 संक्रमण का जोखिम कम हो जाए। यहां तक कि कुछ एक्सपर्ट्स का ये भी मानना था कि कोविड-19 से बचाव के लिए कॉन्टेक्ट लेंसेज़ से बेहतर है चश्मा पहनें। जो लोग चश्मा पहनते हैं उन्हें कोविड-19 होने के आसान तीन गुणा कम हो जाते हैं हाल ही में हुए शोध के अनुसार, जो लोग चश्मा लगाते हैं उन्हें कोविड-19 संक्रमण होने के आसार कम होते हैं, क्योंकि वे अपनी आंखों पर कम हाथ लगाते हैं। शोधकर्ताओं ने भारत के 10 से 80 साल के 304 लोगों पर शोध किया। जब उनसे उनकी दृष्टि के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कोविड-19 के लक्षणों की सूचना दी। शोध के मुताबिक, 19 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने ज़्यादातर समय चश्मा लगाकर रखा था। शोध के निष्कर्षों से यह बात सामने आई कि जो लोग दिन में आठ घंटे चश्मा पहनते हैं, उनमें कोरोना वायरस होने की संभावना काफी कम हो जाती है। शोध में बताया गया कि कोविड-19 का जोखिम चश्मा न पहनने वाली आबादी की तुलना में लगभग दो से तीन गुना कम हो जाता है। औसतन एक व्यक्ति को हर घंटे अपना चेहरा 23 बार और आंखों को 3 तीन छूने की आदत होती है। ज़्यादा समय तक चश्मा पहनने से आप चेहरे और आंखों को बार-बार छूने से बचेंगे। चीन में हुई एक रिसर्च के मुताबिक, पिछले साल भी ये पाया गया था कि चश्मा पहनने वाले कोविड रोगी की संभावना पांच गुना कम थी। शोध कर रही टीम का मानना था कि ऐसा इसलिए है क्योंकि ACE-2 रिसेप्टर्स, जिसकी मदद से वायरस मनुष्यों के शरीर में प्रवेश करता है और सेल्स को संक्रमित करता है, नाक और मुंह के अलावा आंखों में भी पाए जाते हैं। इसलिए जो लोग दिन में 8-9 घंटे चश्मा लगाते हैं, वे चेहरे को कम छूते हैं और इसलिए संक्रमित होने के आसार भी कम हो जाते है।

Comments


Upcoming News