सुकन्या समृद्धि योजना में अब 250 रुपए से 1.50 लाख रुपए तक निवेश : अजय कुमार नारनौल,। सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के उज्जवल भविष्य के लिए बहुत ही अहम योजना है। इस योजना के तहत जिला में ज्यादा से ज्
ादा लड़कियों के खाते खुलवाए जाएं। सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत पहले कम से कम प्रतिमाह एक हजार रुपए देने का प्रावधान था जिसे अब काम करके 250 प्रतिमाह कर दिया गया है। इस योजना के अंतर्गत अब₹250 से लेकर 1.5 लाख तक निवेश किए जा सकते हैं। योजना के अनुसार बैंक अकाउंट खुलवाने के 14 साल तक निवेश करना अनिवार्य है। ये निर्देश उपायुक्त अजय कुमार ने आज लघु सचिवालय मेंं बेटी बचाओ-बटी पढ़ाओ की जिला टास्क फोर्स कमेटी की बैठक में दिए। डीसी ने कहा कि सुकन्या समृद्धि योजना के तहत 10 साल की आयु तक बेटी का बैंक अकाउंट खोला जा सकता है। अकाउंट का संचालन बेटी के माता-पिता या फिर अभिभावक के पास होगा। योजना का उद्देश्य लड़कियों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाना है। इससे गरीब लोग बचत खाते में अपनी बेटी की पढ़ाई और शादी में होने वाले खर्च को आसानी से पूरा कर सकते हंै। इस योजना से लड़कियों को प्रोत्साहन मिलेगा और वह आगे बढ़ पाएंगी। पीएनडीटी की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि फील्ड स्तर के आंगनबाड़ी वर्कर, आशा वर्कर व एएनएम को एक्टिव किया जाए ताकि वे गर्भवती महिलाओं को गर्भ में लिंग जांच व भ्रूण हत्या न करवाने और उनके स्वास्थ्य व पोषण के बारे में जागरूक कर सकें। उन्होंने बताया कि कन्या भ्रूण हत्या जैसे कृत्योंं की सूचना देना हर इंसान का फर्ज है। ऐसा कृत्य करने वालोंं पर कड़ी नजर रखें। उन्होंने शिक्षा विभाग केअधिकारियों को निर्देश दिए कि वे यह सुनिश्चित करें कि कोई भी लड़की 10वीं कक्षा से पहले किसी भी सूरत में स्कूल न छोड़े। उनके मां-बाप से मिलकर उनकी काउंसलिंग करें तथा यह सुनिश्चित करें कि जिला में कोई लड़की कक्षा दस से पहले स्कूल न छोड़े। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि गुड्ïडा-गुडिया बोर्ड को आंगनबाड़ी केंद्रों के अलावा गांव के ऐसे स्थान पर भी लगाएं जहां पर ग्राम सभा आदि होती हों ताकि गांव के हर नागरिक को अपने गांव की लिंगानुपात की स्थिति का पता चले। उन्होंने निर्देश दिए कि अगली बैठक में हर खंड के सबसे खराब लिंगानुपात वाले चार गांवों की सूची भी बनाकर लाएं। पोषण अभियान के संबंध मेंं उन्होंने निर्देश दिए कि जो बच्चे व बच्चियां कम हाइट के हैं तथा खून की कमी है उनके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर सप्ताह मेंं एक दिन निर्धारित करके उन्हें सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाएं। इस बैठक में एसडीएम रणबीर सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अशोक कुमार तथा कार्यक्रम अधिकारी लता शर्मा के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
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