भारत के साथ स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में समझौता करने को तत्‍पर अमेरिका, कही ये बड़ी बात

Khoji NCR
2021-02-23 08:24:52

वाशिंगटन,। भारत ने कोरोना महामारी के बीच पहले दवा और अब वैक्‍सीन के जरिए दुनियाभर के कई देशों की खुले दिल से मदद की है। अमेरिका भी इन देशों में शामिल है। यही वजह है कि अमेरिका भारत के साथ स्वास्

थ्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए व्यापक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए तत्पर है। बता दें कि अमेरिका में कोरोना वायरस के कारण विश्वभर में करीब 25 लाख लोगों की मौत हुई है, जिनमें से 20 प्रतिशत लोगों की मौत अमेरिका में हुई है। भारत में एक ओर जहां तेजी से कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में गिरावट दर्ज की गई है, वहीं अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों में इस जानलेवा वायरस ने फिर से हलचल बड़ा दी है। अमेरिका में कोरोना से मरनेवालों का आंकड़ा 5 लाख के पार पहुंच गया है। इस बीच अमेरिका ने कहा कि कोविड-19 महामारी को लेकर दोनों देशों के बीच सहयोग स्वास्थ्य एवं जैवचिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच दशकों से चली आ रही सफल भागीदारी पर आधारित है। बाइडन ने अमेरिका में ऐसे समय सत्‍ता संभाली है, जब वहां कोविड-19 के संक्रमण से मरने वालों की संख्या पांच लाख पार पहुंच गई है। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार, अमेरिका में संक्रमण के कुल 28,184,218 मामले हैं और मरनेवालों की संख्या 500,172 है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने सोमवार को प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के दौरान कहा, 'हम स्वास्थ्य के क्षेत्र में दोनों देशों (भारत और अमेरिका) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए तत्पर हैं। हम महामारी से निपटने के लिए निदान, चिकित्सा, टीके के क्षेत्र में मिलकर काम कर रहे हैं।' प्राइस ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच जब व्यापक मुद्दे पर भागीदारी की बात आती है, तो मैं कहना चाहूंगा कि दोनों देशों के बीच यह सहयोग स्वास्थ्य एवं जैवचिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में दशकों से चली आ रही सफल भागीदारी पर आधारित है। गौरतलब है कि अमेरिका में दिसंबर के मध्‍य से ही कोविड-19 की वैक्‍सीन लोगों को लगनी शुरू हो गई थी। लेकिन अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे ज्‍यादा मामले सामने आ चुके हैं। इसलिए हालात सुधरने में समय लगेगा। अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण से पहली मौत फरवरी 2020 में हुई थी। 1 से 100000 मौत का आंकड़ा पहुंचने में चार महीने तक का समय लगा था।

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