सोहना,(उमेश गुप्ता): सोहना तहसील कार्यालय के तहत लगने वाले शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर कृषि योग्य भूमि पर बिना लाइसेंस लिए और बिना भूमि की तकसीम कराए अवैध रूप से कॉलोनी काटने
और प्लाटिंग कर अवैध कॉलोनियों में काटे गए प्लॉटों की रजिस्ट्री बिना एनओसी के ना होने पर भूमाफियाओं द्वारा ऐसे प्लॉटों को बेचे जाने के लिए जीपीए गे्रटरनोएडा व अन्य प्रदेश की दूसरी तहसीलों में कराए जाने वाला मामला संज्ञान में आने पर मुख्यमंत्री मनोहरलाल सरकार की निगाहे भूमाफियाओं पर टेढ़ी हो गई है। मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डीटीपी को निर्देश दिए है कि कृषि योग्य भूमि में अवैध कॉलोनी काटने वाले भूमाफियाओं और प्रोपर्टी डीलरों के साथ-साथ ऐसी कॉलोनियों में प्लॉट खरीदने वाले लोगों के खिलाफ संबंधित पुलिस थानों में नामजद एफआईआर दर्ज कराई जाए। ध्यान योग्य ये है कि अभी तक डीटीपी विभाग की तरफ से अवैध कॉलोनी विकसित करने वाले प्रोपर्टी डीलर अथवा बिल्डर के खिलाफ पुलिस थानों में एफआईआर कराई जाती रही है और किए गए निर्माणों को तोडऩे के लिए बार-बार पीला पंजा चलाया जाता रहा है। ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब मुख्यमंत्री मनोहरलाल के निर्देश पर डीटीपी अब हरियाणा अर्बन डवलपमेंट एक्ट 1975 की धारा 7/2 के तहत अवैध कॉलोनी में प्लॉट खरीदने, उस पर गैर कानूनी तरीके से निर्माण करने वाले और प्लॉट बेचने में मध्यस्थता करने वाले प्रोपर्टी डीलरों की पहचान कर उनके खिलाफ भी पुलिस थाने में मामले दर्ज करने वाली कार्रवाई अमल में लाएगा। साथ ही इन अवैध कॉलोनियों में हुए निर्माणों को पूरी तरह जमीदोज करने के लिए डीटीपी का पीला पंजा भी तेज गति से चलेगा। डीटीपी विभाग की तरफ से शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर कृषि योग्य भूमि पर बिना लाइसेंस लिए और बिना भूमि की तकसीम कराए अवैध रूप से कॉलोनी काटने और प्लाटिंग पर रोक लगाने तथा बिना एनओसी रजिस्ट्रियां ना होने देने के लिए सोहना समेत सभी तहसील कार्यालयों में डीटीपी विभाग की तरफ से अपने जेई और पटवारी आदि को निगरानी के लिए लगाया गया था लेकिन योजना कारगर साबित नही हो पाई। जिसके बाद तहसील के कम्पयूटरों में सॉफ्टवेयर बदल कर यह सुनिश्चित बनाया गया है कि बिना एनओसी के एक भी रजिस्ट्री ना हो पाए। जिसके बाद अब भूमाफियाओं ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है और वह बेची जा रही भूमि की रजिस्ट्री ना होने पर अब ऐसे प्लॉटों को बेचे जाने के लिए जीपीए गे्रटरनोएडा व अन्य प्रदेश की दूसरी तहसीलों में कराने से बाज नही आ रहे है। डीटीपी इंफोर्समेंट आरएस बाठ की माने तो टाउन एंड कंट्री प्लानिग के डीटीपी (इन्फोर्समेंट) ने अवैध कॉलोनियां काटने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का फैसला लिया है। अवैध कॉलोनी में प्लॉट खरीदने वाले व प्रॉपर्टी डीलरों के खिलाफ भी एफआइआर दर्ज कराने की तैयार कर ली है। डीटीपी ने आदेश को सख्ती से लागू करने के लिए अपनी टीम के अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर दिए है। टाउन प्लानिग के निदेशक केएम पांडुरंग के निर्देशों पर अवैध कॉलोनियों पर लगाम लगाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है। अभी तक विभाग की तरफ से अवैध कॉलोनी विकसित करने वाले प्रॉपर्टी डीलर या बिल्डर के खिलाफ एफआइआर की सिफारिश की जाती रही है। अब विभाग के डीटीपी ने हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट एक्ट 1975 की धारा 7/2 के तहत अवैध कॉलोनी में प्लॉट खरीदने, उस पर गलत तरीके से निर्माण करने वालों व प्लॉट बेचने में मध्यस्थता करने वाले प्रॉपर्टी डीलरों के खिलाफ भी मामला दर्ज कराने के निर्देश दिए है। अवैध कॉलोनियों में तोडफ़ोड़ को लेकर डीटीपी इन्फोर्समेंट ने अधिकारियों के साथ बैठक की। भौंड़सी आसपास क्षेत्र में आज भी अवैध कॉलोनियां ना केवल जमकर कट रही है बल्कि इन कॉलोनियों में अवैध रूप से काटे गए प्लॉटों की रजिस्ट्री ना होने पर अब ऐसे प्लॉटों को बेचे जाने के लिए जीपीए गे्रटरनोएडा व अन्य प्रदेश की दूसरी तहसीलों में कराने से बाज नही आ रहे है। हालांकि एक विडंबना यह भी है कि अब तक विभाग की तरफ से कॉलोनी विकसित करने वाले प्रॉपर्टी डीलरों के खिलाफ एफआइआर की सिफारिश की जाती है और एफआइआर दर्ज भी हो जाती है लेकिन पुलिस कोई ठोस कार्रवाई करती नजर नही आई है। डीटीपीई आरएस बाठ का कहना है कि विभाग अब प्लॉट मालिकों एवं प्रॉपर्टी डीलरों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराना शुरू करेगा। अधिनियम में इसका प्रावधान भी है और अब अवैध कॉलोनियों में मुख्य फोकस केवल स्ट्रक्चर एवं निर्माणधीन इमारतों को तोडऩे पर रहेगा।
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