मोटरसाइकिलों की नंबर प्लेटों पर नंबर की बजाय जाति और महकमे का नाम लिखने का बढ़ा क्रेज सोहना,(उमेश गुप्ता): शहर में जगह-जगह बिना नंबरी और पावर हार्न के साथ-साथ नंबर प्लेट वाले स्थान पर जातिसूचक
ब्द लिखे मोटरसाइकिलों की भरमार देखने को मिल रही है। देखने में आ रहा है कि टौर दिखाने के चक्कर में एक-एक मोटरसाइकिल पर 3-3, 4-4 युवक गली, मोहल्लों में पावर हार्न लगातार बजाते हुए आवाजाही करने से बाज नही आ रहे है। जिससे महिलाएं, बच्चे, बुुजुर्ग और रोगी सभी परेशान है। साथ ही मोटरसाइकिलों पर पंजीकरण नंबर की बजाय जातिसूचक शब्द डिजाईन में लिखवाकर बिना नंबरी मोटरसाइकिलों को सडक़ों पर दौड़ाना स्टेटस सिंबल माना जा रहा है। कम उम्र के छोटे बच्चे भी बिना लाइसेंस, कागजातों के धडल्ले से मोटरसाइकिलों को चला रहे है। शहर सोहना में पुलिस प्रशासन की अनदेखी के चलते दोपहिया वाहनों पर नंबर प्लेट के ऊपर नंबर लिखवाने की बजाय कुछ लोगों ने अपनी जाति और महकमे का नाम लिखवाने को अपना स्टेटस सिंबल बना लिया है। देखने में आ रहा है कि कई मोटरसाइकिलों पर लोग नंबर लिखवाने की बजाय राजनीति, धर्म और जाति से जोडक़र उसे प्रदर्शित कर रहे है जबकि कानूनन नंबर प्लेट और उस पर लिखे जाने वाले अंकों तथा अल्फाबेट का आकार यातायात विभाग की तरफ से निर्धारित है। केन्द्रीय मोटर अधिनियम-1989 के नियम संख्या-51 में विभिन्न वाहनों के नंबर प्लेट के लिए मानकों का विवरण स्पष्ट रूप में दिया हुआ है और साफ है कि नंबर प्लेट पर नंबर के अलावा कुछ भी लिखवाना कानूनन अपराध है और मोटर यान अधिनियम का उल्लंघन है। फिर भी लोग हाई सिक्योरिटी प्लेट लगाना तो दूर नंबर प्लेटों पर नंबर अंकित कराना भी पसंद नही कर रहे है और निर्धारित यातायात नियमों की पुलिस की नाक के नीचे सरेआम धज्जियां उड़ा रहे है। देखा जाए तो किसी भी वाहन के लिए सबसे महत्वपूर्ण पंजीकरण नंबर ही होता है। इस नंबर से वाहन व वाहन स्वामी का पूरा विवरण उपलब्ध हो जाता है। यही कारण है कि वाहन चोरी करने के बाद चोर सबसे पहले वाहन की नंबर प्लेट बदलता है। जिससे उसकी पहचान छुपाई जा सके। पुलिस आयुक्त केके राव का कहना है कि पुलिस ऐसे वाहनों को पकडऩे के लिए समय-समय पर अभियान चलाती है। नंबर प्लेट पर नंबर के सिवा कुछ भी लिखवाना कानूनन अपराध है और मोटर यान अधिनियम का उल्लंघन है। पकड़े जाने पर जुर्माना है। यातायात पुलिस और सभी थाना चौकी पुलिस के एक कार्य योजना बनाकर दोबारा अभियान चलाने के निर्देश दिए जाएंगे। पुलिस प्रशासन को चाहिए कि समय रहते इस तरफ ध्यान दिया जाए और बिना नंबरी व पावर हार्न वाली मोटरसाइकिलों के चालान काट कब्जा पुुलिस में लिया जाए ताकि इन पर प्रभावी तरीके से रोक लगे।
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