तहसील में नहीं जनरेटर, बिजली गुल होते ही बाधित हो जाता है काम

Khoji NCR
2021-02-20 07:05:28

रादौर : करोड़ों का राजस्व जुटाने वाली रादौर तहसील में कार्यों के लिए एक जनरेटर की सुविधा नहीं है। इसका खामियाजा वहां अपने कार्यों के लिए आए लोगों को भुगतना पड़ता है। घंटों तक अपने कार्यों के लिए

बैठे रहते हैं। शुक्रवार को भी घंटों लाइट न आने से रजिस्ट्री का कार्य देरी से शुरू हुआ। ज्यादा परेशानी महिलाओं व बुजुर्गों को होती है जो घंटों बैठ नहीं पाते। लेकिन मजबूरी में बैठना पड़ता है। कितने ही अधिकारी यहां आए और चले गए परंतु यह सुविधा कोई नहीं दे पाया। तहसील में पहुंचे जयपाल, प्रवीन, राजेश, विजय, कृष्णा देवी, माया रानी, बिमला ने बताया कि तहसील में हर दिन सैकड़ों लोग अपने कार्यों के लिए आते हैं। यहां उन्हें कोई सुविधा नहीं मिल रही। सारा कार्य बिजली से संबंधित है। बिजली चले जाने पर पूरा कार्य प्रभावित हो जाता है। इसके बावजूद तहसील परिसर में जनरेटर नहीं है। बिजली जाते ही सारा काम बाधित हो जाता है। महिलाएं अपने घर का कामकाज छोड़ तहसील में लाइन में खड़ी रहती है। वह कई बार तो बिना कार्य बैंरग लौट जाती हैं। लोग आज भी परेशान हो रहे हैं। लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द यहां जनरेटर की व्यवस्था करवाई जाए। डीसी को लिखेंगे : सुरेश कुमार रादौर तहसीलदार सुरेश कुमार का कहना है कि यह मामला उनके संज्ञान में है। जिसको लेकर जल्द ही जिला उपायुक्त के पास मांग पत्र भेजा जाएगा। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर ही जनरेटर की व्यवस्था की जाएगी। यमुना नदी पार होने का दंश झेल रहा पोबारी गांव यमुना नदी पार बसे पोबारी गांव में आज भी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। बार-बार मांग करने पर भी लोगों की समस्या का समाधान नहीं होता। परेशान लोगों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया। गांव निवासी रसीद, रुक्षणा, अदृश्य, सबरी, खुरशद, कामिल, नफीस, मोमिन ने बताया कि उनका गांव उन्हेड़ी पंचायत के साथ जुड़ा हुआ है। गांव यमुना नदी पार होने के कारण यहां पर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी समस्याओं का जायजा लेने नहीं आता। जबकि गांव में किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है। गलियां नालियों के नाम पर व्यवस्था जीरो है। गांव में मक्खी, मच्छरों की भी भरमार रहती है। जीवन के लिए जरूरी हर सुविधा से गांव के लोग महरूम है। यहां तक कि आज तक गांव में लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी नहीं मिल पाया है। कई बार वह प्रशासनिक अधिकारियों से यहां सुविधाएं मुहैया करवाने की मांग कर चुके हैं लेकिन आज भी किसी ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। चुनाव के समय नेता भी आते हैं लेकिन वोट लेने के बाद कोई नहीं आता। उनका जीवन नरकीय बना हुआ है। लोगों की मांग है कि उनके गांव की दयनीय स्थिति को सुधारा जाए और गांव में मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं।

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