सोहना,(उमेश गुप्ता): केन्द्रीय वस्तु एवं सेवाकर सतर्कता महानिदेशालय की टीम ने एक स्थान पर छापेमारी कर फर्जी फर्म बनाकर जीएसटी की चोरी करने वाले एक डाक्टर को गिरफ्तार किया है जबकि मूल रूप से ची
न का रहने वाला और फर्म का दूसरा डायरेक्टर जीएसटी टीम को चकमा दे देश छोडक़र भागने में कामयाब हो गया। फर्म के माध्यम से आरोपी पर फर्जी फर्मों से लेनदेन कर 5.44 करोड़ की जीएसटी चोरी का आरोप है। जांच में 10 फर्जी फर्मों से लेनदेन का खुलासा हुआ है। आरोपी की पहचान रवि रंजन मूल निवासी बिहार के रूप में हुई है। पकड़ में आए कारोबारी को टीम ने डयूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, जहां से आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। आरोपी पर करीब 5.44 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का आकलन किया गया है। केन्द्रीय वस्तु एवं सेवाकर सतर्कता महानिदेशालय में प्रधान आयुक्त चारूल बर्नवाल की माने तो 5.44 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी में एक फर्जी फर्म के डायरेक्टर को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी डायरेक्टर रवि रंजन ने फर्जी पते पर फर्म पंजीकृत कराई थी। जिससे लेनदेन किया गया। मामले में आगे की जांच तेजी से चल रही है। उन्होने बताया कि बिहार के रहने वाले रवि रंजन ने मैसर्ज जियाहुआ डेकोरेशन एंड डिजाइन इंजीनियरिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम से मिलेनियम सिटी में फर्जी पते पर एक फर्म पंजीकृत कराई। इसमें चीन के रहने वाले फेनलियांग को भी डायरेक्टर बनाया गया था। इस फर्म के जरिए चीन की ही एक प्रसिद्ध ब्रांड के मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनी के लिए वह काम करने लगे लेकिन इन लोगों ने अन्य फर्जी फर्मों से लेनदेन शुरू कर दिया। जांच में एक अन्य फर्जी फर्म की बात सामने आई तो जांच को आगे बढ़ाने पर पता चला कि यह फर्म भी फर्जी तरीके से बनाई गई है। तब विभागीय टीम ने इस फर्म की गहराई से जांच-पड़ताल शुरू कर दी। मात्र 25 दिनों की जांच में ही फर्म का फर्जी लेनदेन सामने आ गया। आरोपित फर्म ने दस अन्य फर्जी फर्मों से लेनदेन किया और इसी दौरान 5.44 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी कर ली। जांच के बाद जब टीम फर्म के पंजीकृत पते पर गई तो वहां ऐसी किसी फर्म का कार्यालय नही मिला। जिस पर टीम ने फर्म के एक डायरेक्टर रवि रंजन को गिरफ्तार कर लिया जबकि इससे पहले ही फर्म का दूसरा डायरेक्टर, जो मूल रूप से चीन का रहने वाला है, वह देश छोडक़र भाग निकला। विभागीय सूत्रों की माने तो फर्म से करीब 400 फर्मों के साथ लेनदेन किया गया है। जांच में 10 फर्म फर्जी मिली है। ऐसे में अंदेशा है कि अन्य फर्म भी फर्जी हो सकती है। इनसे लेनदेन में 5.44 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी सामने आई है और 25 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी का अनुमान लगाया है। अब जीएसटी की चोरी पकडऩे वाली टीम ने हर दृष्टिकोण से एक-एक कड़ी को जोडक़र जांच आगे बढ़ानी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि जल्द ही सभी फर्मों का खुलासा होगा। जांच अधिकारी ने आरोपी को डयूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया। अदालत ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
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