ईरान मामले पर ट्रंप से अलग हुए बाइडन, परमाणु समझौते पर वार्ता के लिए तैयार

Khoji NCR
2021-02-19 09:37:40

वाशिंगटन, । बाइडन प्रशासन ने शुक्रवार को कहा कि वह ईरान और विश्व शक्तियों के साथ बातचीत में शामिल होने के लिए तैयार है ताकि 2015 के परमाणु समझौते पर वापसी पर चर्चा हो सके। यह फैसला पूर्व राष्ट्रप

ि डोनाल्ड ट्रंप को झटका है, क्योंकि, उनके द्वारा इस्लामी गणतंत्र को इस डील से बाहर रखने के लिए पूरा दवाब बनाया गया था। प्रशासन ने 2018 में ट्रंप द्वारा खत्म की गई पहले की नीतियों को फिर से बहाल करने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र में दो कदम उठाए। वहीं, बताया जा रहा है कि इस फैसले से इस्राइल और खाड़ी अरब राज्यों में चिंता बढ़ जाएगी। ईरान के साथ बात करने की इच्छा को इंगित करने के अलावा, प्रशासन ने ट्रंप के उस फैसले को भी पलट दिया, जिसमें ईरान के खिलाफ सभी यू.एन. प्रतिबंधों को बहाल कर दिया गया था। और प्रशासन द्वारा संयुक्त राष्ट्र में तैनात ईरानी राजनयिकों की घरेलू यात्रा पर कड़े प्रतिबंधों पर भी तलवार चला दी गई। विदेश विभाग ने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और उनके ब्रिटिश, फ्रांसीसी और जर्मन समकक्षों के बीच चर्चा के बाद इस कदम की घोषणा की, और इससे बाइडन द्वारा विश्व नेताओं के साथ अपने पहले प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लेने की भी तैयारी हुई। यह घोषणा तब सामने आई, जब एक दिन बाद बाइडन को सात औद्योगीकृत लोकतंत्रों के समूह के नेताओं से बात करनी गै और बाद में दिन में वार्षिक म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करना है। दोनों में, बाइडन से बहुपक्षीय कूटनीति के लिए उनकी प्रतिबद्धता और पूर्ववत नुकसान के विष्य पर चर्चा की उम्मीद है। बता दें कि एक बयान में, स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि अमेरिका, यूरोपीय संघ से प्रतिभागियों की एक बैठक में भाग लेने के लिए निमंत्रण स्वीकार करेगा। मूल परमाणु समझौते में यू एन सुरक्षा परिषद और जर्मनी के स्थायी सदस्यों समेत पांच सदस्य हैं। इनमें ईरान भी है। वहीं, कुछ दिन पहले ईरान ने परमाणु संधि को लेकर 21 फरवरी डेडलाइन तय कर दी थी। उसने कहा है कि यदि इस दिन तक सभी संबंधित पक्षों ने 2015 की परमाणु संधि की शर्तो का पालन नहीं किया तो वह संयुक्त राष्ट्र(यूएन) की परमाणु निगरानी समिति के अगले सप्ताह होने वाले निरीक्षण को रोक देगा। ज्ञात हो, 2018 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए 2015 में हुए परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर दिया था। इसके बाद ईरान पर कई प्रतिबंध लगा दिए थे। अमेरिका का आरोप था कि ईरान समझौते का उल्लंघन कर रहा है और परमाणु हथियार विकसित कर रहा है। हांलाकि ईरान ने इससे इन्कार किया था। इसके बाद ईरान और अमेरिका के बीच तनाव चरम पर आ गया।

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