सोहना,(उमेश गुप्ता): स्थानीय थोक सब्जीमंडी में सब्जी बेचने के लिए आने वाले जमीदारों और सब्जी खरीदने वाले खुदरा व्यापारियों से निर्धारित 2 प्रतिशत फीस की बजाय 10 प्रतिशत फीस वसूली वाली शिकायत प
संज्ञान लेते हुए फिलहाल इस मामले में मार्किटकमेटी प्रशासन ने एक थोक सब्जी विक्रेता यशपाल एंड ब्रादर्स को पीएपीएम एक्ट-1961 की अवहेलना करने के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी कर 3 दिन के भीतर-भीतर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए है और कहा है कि दिए गए जवाब से संतुष्ट ना होने पर क्यो ना उनके थोक में सब्जी बेचने वाले लाइसेंस को निलंबित अथवा रदद कर दिया जाए। साथ ही थोक सब्जीमंडी में प्रमुख स्थानों और दीवारों पर मार्किटकमेटी प्रशासन की तरफ से सार्वजनिक रूप में इस्तहार लगाकर स्थानीय थोक सब्जीमंडी में सब्जीमंडी में थोक में सब्जी बेचने वाले सभी थोक विक्रेताओं को निर्देश दिए है कि स्थानीय थोक सब्जीमंडी में सब्जी बेचने के लिए आने वाले जमीदारों और सब्जी खरीदने वाले खुदरा व्यापारियों से निर्धारित 2 प्रतिशत फीस की बजाय 10 प्रतिशत फीस वसूली किए जाने पर इसकी शिकायत मार्किटकमेटी प्रशासन को किए जाने और 2 प्रतिशत से ज्यादा मार्किटफीस वसूल ना की जाए और अपना कमीशन 5 प्रतिशत ही वह खरीददारों से ले। लेबर चार्ज पीएपीएम एक्ट के मुताबिक लिया जाए। किसानों से चुंगी के नाम पर कोई सब्जी ना ली जाए और सभी थोक सब्जी विक्रेता सब्जी के क्रय-विक्रय में अपनी बिल बुक अथवा लैटरपैडों का प्रयोग करे। किसी भी किसान रिटेलर से अभद्र व्यवहार ना करे। मार्किटकमेटी सचिव नरेश कुमार की माने तो वह अब स्थानीय सब्जीमंडी में समय-समय पर औचक छापेमारी कर इस बात को सुनिश्चित बनाएंगे कि मंडी में सब्जी बेचने वाले थोक विक्रेता किसी भी जमीदार अथवा खुदरा व्यापारी से 5 प्रतिशत से ज्यादा फीस से ज्यादा वसूल ना कर पाए। उन्होने साफ-सपाट लहजे में कहा कि यदि इस विषय पर किसी भी खुदरा सब्जी व्यापारी अथवा किसी जमीदार या ग्राहक की शिकायत लिखित में उन्हे मिली तो संबंधित आरोपी थोक सब्जी विक्रेता के खिलाफ तुरंत कड़ी से कड़ी प्रभावी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी लेकिन सब्जी खरीदने-बेचने की आड़ में जमीदारों व ग्राहकों की लुटाई किसी भी कीमत पर हर्गिज नही होने दी जाएगी। कानून अपना काम करेगा। उन्होने कहा कि सभी सब्जीमंडी थोक आढ़तियों को निर्देश दिए गए है कि सब्जी की खरीद-फरोख्त के दौरान वह खरीददार से निर्धारित 5 प्रतिशत अपना कमीशन ही ले और सब्जी खरीदने वाले ग्राहकों अथवा खुदरा व्यापारियों से लेबर चार्ज पीएपीएम एक्ट के तहत ही वसूल करे। जिसके लिए कई श्रेणियां निर्धारित है। थोक सब्जीमंडी में सब्जी बेचने आए किसी भी किसान से किसी भी सब्जी में चुंगी के नाम पर कोई भी सब्जी हर्गिज ना निकाली जाए। सरकार के निर्धारित नियमों के अनुसार सब्जी क्रय-विक्रय कार्य किया जाए। बोली पर एक बार सब्जी का क्रय-विक्रय होने के बाद दोबारा उस सब्जी की खरीद-फरोख्त ना की जाए। काबिले गौर यह है कि सोहना गांव के नंबरदार तेजपाल सैनी पुत्र कुंदनलाल सैनी ने स्थानीय मार्किटकमेटी सचिव एवं कार्यकारी अधिकारी, उपायुक्त तथा मुख्यमंत्री को दी गई शिकायत में स्थानीय सब्जीमंडी के थोक विक्रेता द्वारा थोकमंडी में सब्जी बेचने के लिए लाने वाले किसानों और सब्जी खरीदने वाले उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी के आरोप लगाए है। दी गई शिकायत में नंबरदार तेजपाल सैनी का कहना है कि वह खुद किसान परिवार से संबंध रखते है और सब्जी खरीदन के लिए थोकमंडी में जाते है। सब्जी खरीदते वक्त सब्जी का थोक व्यापारी सब्जी लाने वाले जमीदार और सब्जी खरीदने वाले दुकानदार अथवा ग्राहक से सब्जी की तयशुदा राशि पर 10 प्रतिशत अलग से वसूलता है और उपभोक्ता खरीदी गई सब्जी खुद अपने वाहन में रखता है। फिर भी लेबर-पल्लेदारी के नाम पर उससे 5 से 10 रुपए तक वसूले जा रहे है और मंडी में सब्जी बेचने के लिए लाने वाले किसानों से भी प्रति नग के हिसाब से लेबर-पल्लेदारी ली जा रही है। सब्जी खरीद-फरोख्त के नाम पर थोक सब्जी विक्रेता अपने फर्म की लैटरपैड और बिलबुक का प्रयोग करने की बजाय सादी पर्ची पर सब्जी की आवक व खरीद दिखाकर सरकार की निगाहों में धूल झोक रहे है। कोई ग्राहक इनसे वसूली गई राशि के बदले में पक्का बिल मांगता है तो उससे अभद्र व्यवहार कर उससे बेचा गया सामान ही छीन लेते है। नंबरदार तेजपाल सैनी का कहना है कि वह सब्जी के थोक विक्रेता द्वारा की जा रही लूट-खसोट के खिलाफ जल्द ही सीएम विंडो, मानवाधिकार आयोग, उपभोक्ता संरक्षण मंत्रालय तथा उपभोक्ता फोरम में भी अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे। नंबरदार तेजपाल सैनी ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने सरकार और मार्केटिंग बोर्ड द्वारा राज्य भर में सब्जी की थोक मंडियों में सब्जियों पर एक फीसदी मार्किट फीस और एक फीसदी एचआरडीएफ समेत कुल 2 फीसदी निर्धारित होने वाली बात रखी और कहा कि आप 2 प्रतिशत की बजाय दस प्रतिशत ले रहे है तो उसका पक्का बिल अपनी फर्म के लैटरपैड पर बनाकर दे तो सब्जी बेचने वाला वह थोक विक्रेता हेकड़ी दिखाते हुए बोला कि सब्जी लेनी है तो लो, मार्किट फीस इतनी ही ली जाएगी। यदि मार्किट फीस नही दोंगे तो तुम्हे कोई भी थोक सब्जी विक्रेता सब्जी नही देगा। नंबरदार तेजपाल सैनी का कहना है कि जब प्रदेश सरकार द्वारा सब्जीमंडियों में सब्जियों पर एक फीसदी मार्किट फीस और एक फीसदी एचआरडीएफ समेत कुल 2 फीसदी निर्धारित है तो फिर यहां पर किसकी शह और सरंक्षण से सब्जी पर मार्किट फीस वसूली जा रही है। लेबर चार्ज के नाम पर भी मनमाने दाम वसूले जा रहे है। हैरानी की बात ये है कि थोक सब्जीमंडी में मार्किटकमेटी की तरफ से मंडी सुपरवाइजर और कर्मचारी रोजाना मंडी में घूमते है। उनकी आंखों के सामने अवैध रूप से सब्जी पर मार्किट फीस वसूली सरेआम चल रही है। उन्होने कहा कि अवैध रूप से मार्किट फीस वसूली स्कैंडल में थोक सब्जी विक्रेताओं के साथ स्थानीय मार्किट कमेटी के कौन-कौन अधिकारी, कर्मचारी शामिल रहे है, उनकी पहचान कर उनके खिलाफ भी विभागीय व कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए ताकि भविष्य में सब्जी के थोक विक्रेता मार्किटकमेटी के निर्धारित कायदे, कानूनों को ठेंगा दिखाने और किसी भी अधिकारी-कर्मचारी के सांठगांठ कर किसी भी खुदरा सब्जी विक्रेता अथवा ग्राहक से अवैध रूप से मार्किट फीस वसूली ना कर पाए। नंबरदार तेजपाल सैनी की माने तो ऐसा हर्गिज संभव नही है कि सरकार की हिदायतों के बावजूद बिना स्थानीय मार्किटकमेटी अधिकारियों व कर्मचारियों के सरंक्षण के थोक सब्जी विक्रेता अपनी मनमर्जी का कानून लागू कर ले और मार्किट फीस व एचआरडीएफ को मिलाकर कुल 2 फीसदी होने के बावजूद सब्जी बेचने के नाम पर 10 प्रतिशत मार्किट फीस की वसूली अवैध रूप से करते रहे। इस मामले में थोक सब्जी विक्रेता से संपर्क ना होने से उनका पक्ष नही जाना जा सका है। मार्किट कमेटी सचिव व कार्यकारी अधिकारी नरेश कुमार का कहना है कि सरकार ने सब्जी पर एक फीसदी मार्किट फीस और एक फीसदी एचआरडीएफ समेत कुल 2 फीसदी निर्धारित की हुई है। यदि कोई भी थोक सब्जी विक्रेता सब्जी बेचने के नाम पर मार्किट फीस ज्यादा वसूलता है तो उसकी लिखित शिकायत उन्हे दी जाए। आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। आरोप सही पाए जाने पर उसका थोक में सब्जी बेचने के लिए जारी किया गया लाइसेंस तक रदद किया जा सकता है। एसडीएम डाक्टर चिनार चहल का कहना है कि वह इस मामले की जांच कराएंगी। मार्किट फीस वसूली वाले अवैध धंधे में जांच के दौरान यदि मार्किट कमेटी का कोई भी अधिकारी-कर्मचारी संलिप्त पाया गया तो उसे हर्गिज बख्शा नही जाएगा। उसके खिलाफ तुरंत विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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