सोहना,(उमेश गुप्ता): मुख्यमंत्री मनोहरलाल सरकार में कक्षा 8वीं के विद्यार्थियों के अच्छे दिन आ गए है क्योकि राज्य में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कक्षा 8वीं में ली जाने वाली ब
र्ड की परीक्षाएं भिवानी बोर्ड ने इस वर्ष ना लेने का फैसला लिया है और कहा है कि कोरोनाकाल के चलते यह फैसला लिया गया है। यानि इस वर्ष भी आठवीं कक्षा की परीक्षाएं पहले की तरह स्कूलस्तर पर ही आयोजित की जाएगी और राज्य में अगले वर्ष से कक्षा 8वीं की परीक्षा लेने के लिए बोर्ड बहाल किया जाएगा। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड कक्षा 8वीं, 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं लेता रहा है। तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुडडा ने वर्ष-2008 के दौरान राज्य में राइट टू एजुकेशन अधिनियम लागू किया। जिसके लागू होने पर 10 वर्ष पहले 8वीं कक्षा की परीक्षा लेने के लिए अधिकृत भिवानी बोर्ड को हटा दिया गया। देखा जाए तो राज्य में वर्ष 2009-10 में भिवानी बोर्ड ने अंतिम बार कक्षा 8वीं की परीक्षा ली थी लेकिन राइट टू एजुकेशन लागू होने पर कक्षा पहली से 8वीं कक्षा तक कोई बच्चा फेल ना करने की नीति से विद्यार्थियों में कक्षा 8वीं की परीक्षा बोर्ड द्वारा लिए जाने का डर खत्म हो गया और विद्यार्थी पढऩे-लिखने में कम रूचि रखने लगे। जिससे शिक्षा गुणवत्ता स्तर में गिरावट आई और हालात ऐसे बने कि भिवानी बोर्ड द्वारा ली जाने वाली कक्षा 10वीं व 12वीं की परीक्षाओं में बोर्ड परीक्षा परिणाम गिरता चला गया। तमाम कोशिशों के बावजूद 8वीं की कक्षा में बोर्ड परीक्षा शुरू कराने में विफल रही मनोहरलाल सरकार ने अपने शासनकाल की दूसरी पारी में विधानसभा के बजट सत्र में कक्षा 8वीं में बोर्ड परीक्षाएं शुरू कराने का बिल पारित करा लिया। बीते वर्ष जुलाई महीने में यह ऐलान किया गया कि मार्च-2021 में 8वीं कक्षा की परीक्षाएं हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से आयोजित की जाएगी लेकिन कोरोनाकाल के चलते इस बार भी सरकार ने 8वीं की परीक्षाएं हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से ना कराए जाने का निर्णय लिया है। साथ ही लिए गए निर्णय से शिक्षा विभाग को अवगत कराने के लिए शिक्षा निदेशालय भिवानी बोर्ड और सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को जरूरी निर्देश जारी किए गए है।
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