सोहना,(उमेश गुप्ता): अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान की नलहड़ गांव में खुली चिकित्सा शाखा यानि नलहड़ मेडीकल कॉलेज में आने वाले रोगियों को अल्ट्रासाउंड की सुविधा ना मिलने से जरूरतमंद रोगिय
ं को ना चाहते हुए भी मजबूरी में दूर दराज स्थानों पर निजी अस्पतालों में आकर अल्ट्रासाउंड कराने के नाम पर आर्थिक रूप से लुटना पड़ रहा है। बता दें कि साइबर सिटी गुरूग्राम स्थित जिला अस्पताल से लेकर राजस्थान स्थित अलवर के जिला अस्पताल तक 130 किलोमीटर लंबे सडक़ मार्ग पर गुरूग्राम को छोडक़र सोहना, नूंह, नगीना, पुन्हाना, फिरोजपुर झिरका तथा अलवर आदि स्थानों पर बने किसी भी नागरिक अस्पताल में सिटी स्कैन की सुविधा रोगियों के लिए नही है। इतना ही नही धारूहेड़ा, मानेसर आदि स्थित नागरिक अस्पतालों में भी जरूरतमंद रोगियों को सिटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध नही है जबकि किसी भी सडक़ हादसे के वक्त गंभीर हालत में घायल अथवा सिर में चोट लगने वाले रोगियों के लिए सिटी स्कैन अत्यंत आवश्यक माना जाता है। नलहड़ मेडीकल कॉलेज में आने वाले रोगियों का कहना है कि वर्ष-2012 में साढ़े 500 करोड़ रुपए की लागत से नलहड़ में 94 एकड़ भूमि पर मेडीकल कॉलेज बनाया गया है। नलहड़ कॉलेज में बिल्डिंग भी पूरी बनी हुई है। दिल्ली स्थित एम्स की तर्ज पर यहां आने वाले रोगियों को पर्याप्त सुविधाएं मिलने के कारण यहां आने रोगियों की तादाद दिनोंदिन बढऩे लगी है लेकिन नलहड़ कॉलेज में करोड़ों रुपए की लागत आने और कई करोड़ों का बजट होने के बावजूद जरूरतमंद मरीजों के लिए अल्ट्रासाउंड की सुविधा ना मिलना रोगियों और उनके परिजनों के साथ-साथ रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों को भी अखर रहा है। इतना ही नही नल्हड मेडीकल कॉलेज को 9 वर्ष हो गए है लेकिन यहां पर अभी तक दिल-दिमाग से जुड़े रोगों के उपचार के लिए कोई चिकित्सक नही है। इसके अलावा कैंसर के इलाज के लिए लोगों को एनसीआर, अलवर और जयपुर जाना पड़ रहा है। नाम व पहचान छुपाते हुए सूत्रों ने बताया कि नलहड मेडीकल कॉलेज प्रबंधन की तरफ से बरती जा रही लापरवाही जरूरतमंद रोगियों पर भारी पड़ रही है क्योकि बीते करीब डेढ़ वर्षों से भी ज्यादा समय से यहां पर अल्ट्रासाउंड की सुविधा जरूरतमंद रोगियों को नही मिल रही है। फिर भी नलहड मेडीकल कॉलेज प्रबंधन इस तरफ तनिक भी ध्यान नही दे रहा है। ऐसे में मरीजों को निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है और मुंहमांगे दामों पर अल्ट्रासाउंड कराना पड़ रहा है। वही दूसरी तरफ यह भी देखने में आया कि नलहड़ कॉलेज में जितनी बड़ी बिल्डिंग का निर्माण किया गया है, इतने बड़े अस्पताल के हिसाब से भारी क्षमता वाले जरनेटर की सुविधा नही है। यही कारण है कि बिजली गुल होने पर जरनेटर क्षमता कम होने तो कभी एक्स-रे मशीन में कोई ना कोई खराबी बनने के कारण अस्पताल में एक्स-रे कराने वाले रोगियों के एक्स-रे वक्त पर नही हो पा रहे है। उन्हे दिक्कतें उठानी पड़ रही है। नलहड़ कॉलेज क्षेत्र में पानी अत्यंत खारा होने के कारण रोगियों को बाजार से पानी की बोतल खरीदने के नाम पर अपनी जेब ढीली कर पानी की प्यास बुझानी पड़ रही है। इंडरी गांव के सरपंच कमल सिंह पंवार, युवा समाजसेवी चौधरी रामजीत पंवार, नंबरदार रणजीत सिंह का कहना है कि पहले नलहड़ कॉलेज यहां पर गांव इंडरी में बनना मंजूर हुआ था। जिसके लिए इंडरी ग्रामपंचायत ने बिल्कुल मुफ्त में मनचाही जितनी एकड़ पंचायती भूमि मेडीकल कॉलेज बनाए जाने के लिए देने का फैसला भी ले लिया था लेकिन बाद में सरकार ने नलहड़ मेडीकल कॉलेज को इंडरी की जगह नलहड़ गांव में बनाने का फैसला ले लिया। मेडीकल कॉलेज नलहड़ में बनने पर आज इस मेडीकल कॉलेज में दिल्ली स्थित एम्स की तरह रोजाना आने वाले रोगियों की सुबह-सवेरे ही ओपीडी में लंबी-लंबी कई लाईनें लग जाती है लेकिन रोगियों को यहां पर वह तमाम सुविधाएं नही मिल पा रही है, जिनके वह हकदार है अथवा जो सुविधाएं दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में रोगियों को उपलब्ध है। हरियाणा कांग्रेस विधायक दल के उपनेता तथा पूर्व परिवहन मंत्री चौधरी आफताब अहमद का कहना है कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। चाहे शिक्षाक्षेत्र की बात हो अथवा चिकित्सा क्षेत्र की। परिवहन क्षेत्र की बात हो या रोजगार की, हर क्षेत्र में यहां से सौतेला व्यवहार हो रहा है और हालात आज ये है कि नलहड़ स्थित एम्स कॉलेज समेत राज्य में पूर्व की कांग्रेस सरकार जो स्वास्थ्य सुविधाएं प्रारंभ करके गई, उन्हे वर्तमान सरकार संभाल नही पा रही है। सोहना के नागरिक अस्पताल में भी रोगियों को पर्याप्त सुविधाएं नही मिल पा रही है। हालात ये है कि सोहना के नागरिक अस्पताल में कुत्ता व बंदर काटे जाने पर लगाए जाने वाले रेबीज के इंजेक्शन तक उपलब्ध ना होने से लोगों को बाजार से मुंहमांगे दामों पर रेबीज के इंजेक्शन खरीद कर लगवाने पड़ रहे है। वह इस मामले को विधानसभा में पूरे जोरशोर से उठाकर इस क्षेत्र के साथ चिकित्सा क्षेत्र में हो रहे सौतेले व्यवहार को बंद किए जाने और नागरिक अस्पताल व नलहड एम्स शाखा में पर्याप्त सुविधाएं मुहैया कराने के लिए आवाज उठाएंगे।
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