काफी समय से इस्‍तेमाल नहीं हुई थी टीयर गैस, इसलिए प्रदर्शनकारियों पर किया गया टेस्‍ट- पाक मंत्री

Khoji NCR
2021-02-15 08:42:22

इस्‍लामाबाद । पाकिस्‍तान में लगातार सरकार विरोधी प्रदर्शनों की संख्‍या बढ़ती जा रही है। पहले पाकिस्‍तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट की रैलियां और अब सरकारी कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शनों ने सर

ार की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं। वहीं पाकिस्‍तान के आंतरिक मंत्री शेख राशिद अहमद ने इस दौरान प्रदर्शनकारियों पर छोड़े गए आंसू गैस के गोलों को लेकर बेहुदा बयान दिया है। उन्‍होंने कहा है कि ये गोले काफी समय से इस्‍तेमाल नहीं किए गए थे, लिहाजा ये जरूरी था कि इन्‍हें टेस्‍ट किया जाए। पाकिस्‍तान के अखबार द डॉन के मुताबिक रावलपिंडी में एक समारोह के दौरान उन्‍होंने कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों पर काफी कम संख्‍या में इनका इस्‍तेमाल किया गया, ज्‍यादा नहीं किया गया। अखबार की खबर के मुताबिक सरकारी कर्मचारियों की ये रैली शनिवार को हुई थी जिसमें विरोध करने वाले लोगों को तितर-बितर करने के लिए उनके ऊपर करीब 1 हजार आंसू गैस के गोले छोड़े गए थे। प्रदर्शनकारी सरकार से अपनी सैलरी में मंहगाई के मुताबिक इजाफा करने की मांग कर रहे थे। ये प्रदर्शन ऑल गवर्मेंट एंप्‍लॉइज ग्रांड एलाइंस के नेतृत्‍व में किया गया था। उनका कहना था कि वो तब तक सचिवालय के बाहर बैठे रहेंगे जब तक सरकार इस पर सही फैसला नहीं ले लेती है। इन प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प भी हुई। हालांकि बाद में सरकार ने इनकी मांगों को मान लिया। पाकिस्‍तान के आंतरिक मंत्री राशिद, जो खुद भी उस कमेटी का हिस्‍सा थे जिन्‍होंने इन प्रदर्शनकारियों की मांग को माना है ने कहा कि असल में दिक्‍कत आंसू गैस के गोले छोड़े जाना नहीं था बल्कि सैलरी में इजाफे की थी। ऐसे समय में जब देश के आर्थिक हालात खराब हैं और मंहगाई दर काफी अधिक तो सैलरी बढ़ाने से सरकारी खजाने पर काफी बोझ पड़ेगा। उन्‍होंने ये भी कहा कि कोरोना महामारी से जूझते पाकिस्‍तान को इससे बाहर लाने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान ने काफी कुछ किया है। इसके लिए पीएम ने सेना के साथ मिलकर जेहाद छेड़ा हुआ है। पीडीएम की रैलियों का जिक्र करते हुए राशिद ने कहा कि यदि वो देश के संविधान की इज्‍जत करेंगे और उसको मानेंगे तो वो खुद उनका स्‍वागत करेंगे। उन्‍होंने ये भी कहा कि संविधान के दायरे में रहते हुए यदि वो विरोध करते हैं तो कोई दिक्‍कत नहीं होगी, लेकिन यदि वो इस्‍लामाबाद आकर संविधान की धज्जियां उड़ाकर अपने विरोध को अंजाम देते हैं तो इसका खामियाजा उन्‍हें भुगतना होगा। उनकी इतनी संख्‍या नहीं है। वो यदि दस बार भी यहां आएंगे तब भी उन्‍हें हर बार वापस भेज दिया जाएगा। वर्ष 2014 में इमरान खान की पार्टी पीटीआई के इस्‍लामाबाद में दिए गए 126 दिनों के विरोध प्रदर्शन और धरने का जिक्र करतेहुए राशिद ने कहा कि उस वक्‍त पार्टी ने अपनी हदें नहीं लांघी थीं और कानून का पूरा पालन किया था। सीनेट के चुनाव पर उन्‍होंने कहा कि बिकने वाले बिकते ही हैं। ऐसे लोगों की देश में कोई जगह नहीं है।

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