गुंबद में पुस्तकालय खोलने के लिए सीएम को भेजा पत्र

Khoji NCR
2021-02-14 11:23:21

गुंबद की मरम्मत कराने के लिए एकजुट हुए ग्रामीण सन 1605 में गुमटबिहारी गांव में राजा अकबर ने कराया था निर्माण चिराग गोयल फिरोजपुर झिरका। सन् 1605 के मध्य गुमटबिहारी गांव में बने तीन मंजिला मकबरे

की देखभाल करनेे वाला कोई नहीं है। लोगों ने सीएम को पत्र लिखकर गुंंबद के अंदर लाइब्रेरी खोलने की मांग रखी है। आजादी पहले और बाद में मकबरे केे अंदर बच्चों की पाठशाला 1979 तक लगाई गई। गौरतलब है कि पत्थर से बनीं एक कब्र पर अरबी-फारसी भाषा के लिखे अल्फाजों से पता चलता है कि इसका निर्माण मुगल सम्राट अकबर के दौर में हुआ। दो वर्ष पहले हरियाणा सरकार ने जिला नूूंह की 4 मकबरों व प्राचीन इमारतों की मरम्मत कराने तथा पाठ्यक्रम में शामिल करने का फैसला लिया था। यह ऐतिहासिक धरोहर नगीना से दो किलोमीटर दूर अरावली पर्वतमालाओं के नजदीक गांव गुमटबिहारी में बनी हुई है। गुंबद के तल के नीचे खुला मैदान है। गुुुमटबिहारी गांव में पली-बढी़ सबीला जंग बताती हैं कि 50 साल पहले तक गुुंबद के नीचे से ऊंट पर बैठा सवार आसानी से आर-पार गुजर जाता था। लेकिन कुछ लोगों ने नीचे के तल पर अतिक्रमण कर लिया है जिससे गुुंबद के ऊपर चढ़ना भी मुुुश्किल है। उन्होंने बताया कि मरम्मत कराने की कार्ययोजना तैयार कराने के लिए पुरातत्व विभाग से मिला जाएगा। तैयारी कर ली गई है। यहां मेरा बचपन गुजरा है और गुंबद में खेली हूं, आज भी मेरा इससे लगाव हैं। मेरा अभियान इस गुंबद को पुरातत्त्व विभाग की ऐतिहसिक धरोहरों में शामिल कराने का है। सामाजिक कार्यकर्ता सबीला घागस बताती हैं कि अभी भी पहली मंजिल पर चढ़ने के लिए 12 सीढ़ियां हैं तो दूसरी मंजिल पर चारों कोनों पर 7-7 सीढ़ियां तथा तीसरी मंजिल पर चढ़ने के लिए 12 सीढ़ियां नजर आती है। दूसरे तल पर करीब 7 फुट लंबी कब्र बनी है जिस पर लोग अपनी मुराद पूरी कराने के लिए हरे रंग की चादर चढ़ाने आते है। गुमटबिहारी गांव के समाजसेवी कामरेड अब्दुल अजीज कहते है कि लगभग 450 साल पहले गुंबद के चारों कोनों पर चार कुएं थे जिनका वजूद अतिक्रमण की वजह से समाप्त हो गया। बीच में एक सुन्दर बगीचा भी था जो तकरीबन 8-10 एकड़ भूमि पर फैला हुआ था। खस्ताहाल हो चुका गुंबद: गुमटबिहारी गांव के सरपंच रमजान बताते है कि डीसी से मरम्मत की मांग की है। यह राजा अकबर के माली गुंबद की रखवाली करता था। उसी के नाम पर गांव का नाम गुमटबिहारी पड़ा। आज तक जिला प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई मरम्मत नहीं कराई गई। मरम्मत का भेजेंगे प्रस्ताव: खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी मोहन सिंह ने कहा कि गुमटबिहारी गांव की पंचायत की तरफ से प्रस्ताव मिलते ही मरम्मत की मंजूरी के लिए उच्चाधिकारियों को भेज दिया जाएगा। अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं मिला है।

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