सोहना,(उमेश गुप्ता): एक ऑटोमोबाइल कंपनी में कार्यरत मैनेजर समेत 10 कर्मचारियों के कई डीलरों के साथ मिलकर एक्सचेंज में खरीदी गई पुरानी कारों को बेचकर प्राप्त किया गया पैसा कंपनी के खाते में 33 ला
रुपए जमा कराने की बजाय खुद ही हड़पने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि कंपनी प्रबंधन ने मामला सामने आने पर आरोपितों को बुलाकर हड़पे गए पैसे कंपनी के खाते में जमा कराने को कहा और गलती सुधारने के लिए मैनेजर को मौका भी दिया। फिर भी वह अपनी हरकतों से बाज नही आया। तब कंपनी ने आरोपियों को सबक सिखाने की ठानी और मामला पुलिस के दरवाजे तक पहुंचा। कंपनी की तरफ से दी गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने 10 आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में शिकायत दर्ज कर ली है और हर दृष्टिकोण से एक-एक कड़ी को जोडक़र जांच आगे बढ़ा रही है। पुलिस का कहना है कि आरोपितों को पुलिस जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाएगी। जो भी दोषियान मिलेंगे। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। एसीपी क्राईम प्रीतपाल सिंह सांगवान के अनुसार हुंडाई की कार सेल करने वाली कंपनी की तरफ से एचआर मैनेजर राहुल सैनी ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि कंपनी के अलग-अलग शोरूम पर कई ब्रांड की कार, ट्रक आदि सेल किए जाते है। कंपनी का एक शोरूम हीरो होंडा चौक पर भी है, जहां हुंडाई कंपनी की नई कार बेची जाती है लेकिन कुछ ग्राहक पुरानी कारों को बदले में देकर नई कार खरीदते है। इस आधार पर शोरूम पर पुरानी कार भी खरीदी जाती है। इसके लिए कंपनी ने पुरानी कार की वाजिब कीमत लगाने से लेकर उसके दस्तावेजों की जांच और इन पुरानी कारों को आगे बाजार में बेचने के लिए कर्मचारी रखे हुए है। ठगी का आरोप शोरूम के पुरानी कार खरीद मैनेजर कृपाल सिंह, वाईस प्रेजिडेंट बलविंदर सिंह, वैल्यू लगाने वाले तरणप्रीत सिंह, दलबीर सिंह, सेल्स मैनेजर नलिन करवाल, कैशियर अजय कुमार, डीलर मुकेश जैन, पवन रावत, गुरूप्रीत और गोपाल पर लगाया गया है। आरोप है कि दिसंबर-2020 में ऑडिट के दौरान पाया गया कि कंपनी में 33 लाख 34 हजार 132 रुपए की गड़बड़ी हुई है। उपरोक्त सभी ने मिलकर पुरानी गाडिय़ां बेच दी लेकिन पैसे कंपनी के खाते में जमा नही कराए। शिकायतकर्ता की माने तो कंपनी प्रबंधन के जांच में सामने आया कि पुरानी खरीदी गई 2 कारों को आरोपित कर्मचारियों ने उनके मालिक से खरीद तो लिया लेकिन अपने रिकार्ड में उनकी एंट्री करने की बजाय बाहर से ही बेच दिया। कंपनी की एक कार को भी आरोपियों ने 7 लाख 80 हजार रुपए में ओएलएक्स पर बेच दिया और वह रुपए कंपनी खाते में पहले बेची जा चुकी कारों के नाम पर दिखा दिए। एक अन्य खरीदी गई पुरानी कार को बगैर वैरिफिकेशन के खरीद लिया गया जबकि बाद में उसे कार पर लोन बकाया मिला। मामला संज्ञान में आने पर कंपनी प्रबंधन ने मैनेजर कृपाल सिंह को बुलाकर यह रुपए कंपनी खाते में जमा कराने को कहा ताकि मैनेजर को गलती सुधारने का मौका दिया जा सके। आरोप है कि इतना करने के बाद भी उसने गड़बड़ी की और कंपनी के सेल्स मैनेजर नलिन के साथ मिलकर बीस जनवरी, 2021 को नई कार के सेल के खाते से 3 लाख 30 हजार रुपए पुरानी कार वाले खाते में कैशियर ने ट्रांसफर कर दिए। जिसके लिए अकाउंटस में कई गलत एंट्री की गई। गड़बड़ी सामने आने पर कंपनी की तरफ से राहुल सैनी ने पुलिस में आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी मामले को लेकर शिकायत दी। एसीपी प्रीतपाल सिंह सांगवान का कहना है कि कंपनी की तरफ से दी गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने 10 आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में शिकायत दर्ज कर ली है और इंस्पेक्टर दिनेश कुमार की अगुवाई वाली टीम हर दृष्टिकोण से एक-एक कड़ी को जोडक़र जांच आगे बढ़ा रही है। आरोपितों को पुलिस जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाएगी। जो भी दोषियान मिलेंगे। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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