साईबर अपराधियों ने बदले ठगी के तरीके, कोविड वैक्सिन के नाम पर कर रहें हैं धोखाधडी - पुलिस अधीक्षक

Khoji NCR
2021-02-11 10:44:07

जैसे-जैसे लोग डिजिटल हो रहे हैं वैसे-वैसे साईबर अपराधी अपराध करने के नये-नये तरीके अपना रहे हैं । साइबर अपराधियों ने करोना वैक्सीन के लिए पंजीकरण करवाने के नाम पर लोगों से ठगी करने का नया तरीक

अपनाया है। साईबर ठगी के इस नए तरीके को रोकने के लिए पुलिस अधीक्षक कुरुक्षेत्र श्री हिमान्शु गर्ग ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि साईबर ठग कोरोना वैक्सीन के पंजीकरण के नाम पर आपकी निजी जानकारी हासिल कर लेते हैं| इस प्रकार आप धोखाधडी का शिकार हो सकते हैं। पुलिस की ओर से आमजन से अपील की गई है, कि आप अपनी निजी जानकारी किसी भी अंजान व्यक्ति से सांझा न करें । अगर आपके मोबाइल पर कोई अंजान काल या संदेश आता है या फिर किसी प्रकार का कोई लिंक आपके पास भेजा जाता है, तो आप उसको ओपन न करें । आपको अन्य प्रकार के प्रलोभन भी दिये जाते है| आप उनकी बातों में आकर किसी भी व्यक्ति के साथ अपना बैंक खाता/क्रेडिट कार्ड/ डेबिट कार्ड, आधार कार्ड की डिटेल,ओटीपी, पिन आदि को सांझा ना करें । अपने सोशल मीडिया अकाउंट, ईमेल आदि को सुरक्षित पासवर्ड से सुरक्षित रखें। समय-समय पर अपना पासवर्ड बदलते रहें । किसी भी वेरिफिकेशन कोड को किसी अन्य व्यक्ति के साथ सांझा ना करें। अपना बैंक एकाउंट नंबर, पासवर्ड आदि किसी को न बताएं। अपने इंटरनेट बैंकिंग और बैंकिग ट्रांजिक्शन का इस्तेमाल कभी भी सार्वजनिक स्थान जैसे कि साइबर कैफे, पार्क, सार्वजनिक मीटिंग और किसी भीड़-भाड़ वाले स्थान पर न करें। अपना एटीएम का पिन कोड लिख कर नहीं रखें और न हीं किसी को ओटीपी बताएं। फर्जी काल से बचें। साइबर ठग आपसे कॉरोना वैक्सीन के पंजीकरण करवाने के नाम पर आपका आधार नंबर, इमेल आईडी व अन्य जानकारी हासिल करते है। उसके बाद साईबर ठग आपसे ओटीपी या पिन प्राप्त करते हैं। आपके आधार नंबर, ओटीपी, पिन व अन्य निजी जानकारी की सहायता से जालसाज धोखाधड़ी करते हुए आपके बैंक खाते से रुपए निकाल लेते है या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की सहायता से रुपए हड़प लेते है। जिससे आप ठगी का शिकार हो जाते हैं । पुलिस का आमजन को सुझाव है, कि कभी भी किसी अंजान व्यक्ति के साथ आधार नंबर, इमेल आईडी, सत्यापन कोड व अन्य निजी जानकारी सांझा ना करें। सोशल मीडिया खातों के लिए दो-चरणीय सत्यापन को सक्रिय करें। यह आपके खाते की सुरक्षा को बढ़ाएगा और भले ही जालसाज को सत्यापन कोड मिल जाए लेकिन फिर भी अकाउंट खोलने के लिए पासवर्ड की आवश्यकता होगी। पिन या किसी अन्य संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी के लिए पूछने वाले व्यक्तिगत संदेशों पर प्रतिक्रिया ना दें। मैसेजिंग एप्स या सोशल मीडिया ऐसे किसी भी प्रकार के मैसेज नहीं भेजता है और न ही फोन या सन्देश के दवारा आपसे कोई निजी जानकारी मांगता है। व्यक्तिगत संदेशों पर प्रतिक्रिया ना दें सतर्क रहे, सुरक्षित रहें।

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