विकासशील देशों को भेजी जाएगी वैक्‍सीन की बड़ी खेप

Khoji NCR
2020-11-23 07:40:08

नई दिल्ली,। कोरोना वायरस महामारी कोविड-19 (Covid-19) के लिए प्रभावी वैक्‍सीन के जल्‍दी आने की संभावना प्रबल होती जा रही है क्‍योंकि अनेकों वैक्‍सीन की टेस्‍टिंग शुरू हो चुकी है। इस क्रम में कई वैक्‍

ीन टेस्‍टिंग के शुरुआती फेज में हैं और कई अंतिम फेज में पहुंच चुके हैं। जॉन्‍स हॉपकिन्‍स यूनिवर्सिटी के अनुसार, पूरी दुनिया में अब तक कुल 5 करोड़ 85 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और करीब 14 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (World Health Organisation, WHO) के अनुसार, अभी यह स्‍पष्‍ट नहीं हो पाया है कि इस संक्रमण से बचाव के लिए COVID-19 वैक्‍सीन की कितनी खुराकें पर्याप्‍त होंगी। वैक्‍सीन अपडेट:- - रॉयटर्स के अनुसार, बच्‍चों के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र की एजेंसी 'UNICEF' ने सोमवार को कहा कि अगले साल कोविड-19 वैक्‍सीन के करीब 200 करोड़ खुराक को विकासशील देशों को भेजा जाएगा। वैश्‍विक प्रमुखों ने वैक्‍सीन के एक समान वितरण को लेकर प्रतिबद्धता जताई है। - माइक्रोसॉफ्ट के कोफाउंडर बिल गेट्स ने वैक्‍सीन को लेकर यह विश्‍वास जताया है कि अगले साल के फरवरी माह तक ये वैक्‍सीन अपना प्रभाव दिखाना शुरू करेंगे। उन्‍होंने यह भी कहा कि फाइजर और मॉडर्ना के अलावा एस्‍ट्राजेनेका (AstraZeneca) जॉनसन एंड जॉनसन और नोवावैक्‍स (Novavax) से भी प्रभावी वैक्‍सीन की उम्‍मीद है। - स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि वैक्‍सीनेशन की शुरुआत के बाद पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मी और 65 साल से अधिक उम्र वालों को वैक्‍सीन दी जाएगी। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने उम्‍मीद जताई कि अगले कुछ माह में वैक्‍सीन आ जाएगा और अगले साल के मध्‍य तक 25 करोड़ लोगों का टीकाकरण भी हो जाएगा। - भारत के केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉक्‍टर हर्षवर्धन (Harsh Vardhan) ने रविवार को भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (Bharat Biotech International Limited) पर वैक्‍सीन 'Covaxin' को लेकर विश्‍वास जताया। उन्‍होंने कहा कि इस वैक्‍सीन का ट्रायल 1-2 महीने में पूरा हो जाएगा। वहीं अमेरिका की ओर से अगले माह तक वैक्‍सीनेशन की शुरुआत का संकेत दिया गया है। - ब्रिटेन को भी इस हफ्ते अपने 'Pfizer' के वैक्‍सीन को मंजूरी मिलने की संभावना है। - रूस के वैक्‍सीन स्‍पुतनिक 5 (Sputnik V) के ट्विटर अकाउंट में दावा किया गया है कि वैक्‍सीन के प्रति खुराक की कीमत मॉडर्ना (Moderna) व Pfizer के वैक्‍सीन की तुलना में काफी कम होगी। बता दें कि रूस को अगस्‍त में ही वैक्‍सीन विकसित करने में सफलता मिल गई थी। 11 अगस्त को रूस की कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक 5 की पहली खेप तैयार हो गई थी।

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