भारत ने पहले ही पास कर दी थी एस्‍ट्राजेनेका की कोरोना वैक्‍सीन, अब डब्‍ल्‍यूएचओ की भी लगी मुहर

Khoji NCR
2021-02-11 08:51:09

नई दिल्‍ली। कोविड-19 से एक वर्ष से अधिक समय से जूझ रही दुनिया के लिए एक अच्‍छी खबर सामने आई है। ये खबर इसकी वैक्‍सीन से जुड़ी है। दरअसल, विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक्‍सपर्ट पैनल ने कोरोना वायरस क

नए स्‍ट्रेन की रोकथाम के लिए ऑक्‍सफॉर्ड-एस्‍ट्राजेनेका की वैक्‍सीन को सही मानते हुए इस पर मुहर लगा दी है। इस एक्‍सपर्ट पैनल का कहना है कि इस वैक्‍सीन को उस मरीज को देना सही कदम है जो कोरोना वायरस के नए स्‍ट्रेन से संक्रमित है। भारत की ही बात करें तो इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्‍यक्ष डॉक्‍टर जेए जयलाल का कहना है कि सरकार ने यहां पर एस्‍ट्राजेनेका/ऑक्‍सफॉर्ड दोनों की ही वैक्‍सीन को मंजूरी दे रखी है। जहां तक इन वैक्‍सीन को लोगों को लगाने की बात है तो जहां जिसकी उपलब्‍धता है उसके हिसाब से भारतीय वैक्‍सीन और इन वैक्‍सीन को लगाया जा रहा है। उनके मुताबिक विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की तरफ से सामने आने वाली ये खबर निश्चिततौर पर उन देशों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है जहां पर वायरस का नया स्‍ट्रेन समस्‍या खड़ा कर रहा है। संगठन की तरफ से इस वैक्‍सीन की दो खुराक को 12 सप्‍ताह के अंतराल पर देने की सिफारिश की है। इसी तरह की सिफारिश ब्रिटेन के विशेषज्ञों ने भी की थी। हालांकि उनकी इस सिफारिश को जर्मनी के विशेषज्ञों ने गलत बताया था। इसके अलावा विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने ये भी कहा है कि ये वैक्‍सीन 65 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के लोगों पर भी असरदार है। हालांकि संगठन के एक्‍सपर्ट पैनल ने इसको गर्भवति और स्‍तनपान कराने वाली महिलाओं को देने की सिफारिश अभी नहीं की है। आपको बता दें कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की शुरुआत से लेकर अब तक इसके करीब 4 हजार म्‍यूटेशन सामने आ चुके हैं। सरल भाषा में कहा जाए तो इस वायरस में लगातार बदलाव हो रहा है। ये बदलाव मरीजों पर विभिन्‍न लक्षणों के रूप में सामने आता है। जहां तक इस वायरस के नए स्‍ट्रेन की बात है तो इसका पहला मामला ब्रिटेन में सामने आया था। इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए ब्रिटेन के कुछ हिस्‍सों में आंशिकतौर पर तो कुछ में पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया।

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