सोहना,(उमेश गुप्ता): मुख्यमंत्री मनोहरलाल सरकार में नए शिक्षा सत्र से बगैर मान्यता प्राप्त चलाए जा रहे प्ले स्कूलों पर रोक लगाने के लिए आदेश जारी किए है और साफ कहा है कि प्ले स्कूल में पढऩे वाल
विद्यार्थियों की सुरक्षा को ताक पर नही रखा जा सकता है। प्ले स्कूल चलाने के लिए अब प्ले स्कूल चलाने और कक्षा लगाने से पहले नए शुरू होने वाले शिक्षा सत्र में पहले प्ले स्कूल चलाने के लिए मान्यता लेनी होगी। उसके बाद ही प्ले स्कूल चलाया जा सकेगा। ऐसा ना किए जाने पर प्ले स्कूल संचालक के खिलाफ विभागीय व कानूनी दोनों कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। ध्यान योग्य ये है कि लॉकडाउन से पहले सोहना शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों से ज्यादा तो जिले भर में 735 प्ले स्कूल फिलहाल बिना किसी मान्यता के चल रहे थे। जिन पर आज तक ना तो महिला एवं बाल विकास विभाग ने कार्रवाई की और ना ही राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कभी इन प्ले स्कूलों की तरफ कोई ध्यान दिया। राज्य सरकार और राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग की अनदेखी के चलते राज्य भर में 3431 प्ले स्कूल लॉकडाउन से पहले बगैर किसी मान्यता के बेरोकटोक चलते रहे और इनमें सबसे अधिक स्कूलों की संख्या साइबर सिटी जिले में है। स्कूल के नाम पर एक मोटा व्यापार चलता रहा। देखने वाली बात ये है कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल सरकार के राज्य में चल रहे सभी प्ले स्कूलों पर तालाबंदी कर प्ले स्कूलों में चल रही नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी की कक्षाएं बंद करने के आदेशों के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग निर्देशक के निर्देश पर बिना मान्यता के चल रहे इन स्कूलों और इन स्कूलों में चल रही कक्षाओं पर रोक के लिए जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिए है। जिससे प्ले स्कूल संचालकों में बेचैनी व हडक़ंप का माहौल है। इधर स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के संयोजक बृजपाल परमार ने बताया कि प्ले स्कूल बच्चों की सुरक्षा व नियमों को ताक पर रखकर चलाए जा रहे थे। उन्होने बताया कि पहले भी प्रदेश में कई ऐसे हादसे हो चुके है, जिनमें बच्चों व शिक्षकों की जान तक चली गई। बावजूद इसके संबंधित विभाग नियमों की अनदेखी कर बिना मान्यता के गली-मोहल्लों और निजी स्कूलों में अवैध रूप से चल रही नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी कक्षाओं पर कोई ध्यान नही दे रहा था लेकिन अब उनकी शिकायत पर महिला एवं बाल विकास कल्याण विभाग के निर्देशक ने संज्ञान लेकर सभी जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारियों को अपने-अपने जिलों में प्ले स्कूलों में अवैध रूप से चलाई जा रही नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी कक्षाओं को बंद कराने के आदेश जारी किए है और निर्देश दिए है कि ऐसे स्कूलों को तुरंत प्रभाव से बंद करा दिया जाए। सूत्रों की माने तो सोहना ब्लॉक को मिलाकर जिले भर के करीब 980 स्कूलों में बिना किसी मान्यता के नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी की कक्षाएं लॉकडान से पहले बेरोकटोक चल रही थी। शिक्षा क्षेत्र से जुड़े सूत्रों की माने तो सोहना इलाके में नए सत्र के लिए अभी से दाखिलों पर जोर देना शुरू हो गया है लेकिन शिक्षा विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग इस पर ठोस कार्रवाई करने की बजाय एक-दूसरे पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी डालकर अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे है। क्षेत्र के वरिष्ठ समाजसेवी मुकुल शर्मा एडवोकेट, शिक्षाविद भागीरथ राघव, युवा समाजसेवी कर्मपाल बोकन सिरसका, बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान देवदत्त शर्मा एडवोकेट, अग्रवालसभा के अध्यक्ष रजनीश अग्रवाल समेत जागरूक लोगों ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल सरकार के राज्य में चल रहे सभी प्ले स्कूलों पर तालाबंदी कर प्ले स्कूलों में चल रही नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी की कक्षाएं बंद करने के निदेशों का स्वागत किया है और इसे जनहित में लिया गया एक दूरदर्शी फैसला बताया है।
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