सोहना,(उमेश गुप्ता): किसान आंदोलन की वजह से व्यापारी वर्ग परेशानियों से जूझने को मजबूर है। सामान की आवाजाही में हो रही देरी से उद्योग-धंधे प्रभावित हो रहे है। इतना ही नही सामान की ढुलाई, माल मंग
ाने व भेजने में भी खर्चा ज्यादा बढ़ गया है। सूत्रों की माने तो माल भाड़ा पहले की तुलना में ज्यादा वसूला जा रहा है। जिसके चलते कच्चा माल मंगाने से लेकर माल तैयार कराकर भेजने को लेकर खर्चा पहले की तुलना में अधिक बढ़ गया है। साथ ही सामान ढोने वाले वाहनों को लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है। जिससे बाजार में सामान की कीमतें तेजी से बढ़ रही है तो ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि किसान आंदोलन के साथ-साथ डीजल के दामों में भी बढ़ोतरी होने से माल भाड़ा बढ़ा है। आंदोलन के चलते उन्हे माल ढुलाई वाले वाहन दूसरे रास्तों से ज्यादा लंबाई तय करके लाने पड़ रहे है। जिस कारण परिवहन खर्च डेढ़ गुणा से ज्यादा बढ़ गया है। किसान आंदोलन के चलते हरियाणा व पंजाब में व्यापार ज्यादा प्रभावित हुए है। बार्डर के आसपास इलाकों से आने वाले श्रमिकों के आंदोलन के चलते कभी भी अचानक छुटटी कर लेने से भी श्रमिकों का अभाव देखने को मिल रहा है तो किसान आंदोलन की वजह से बार्डर वाली सडक़ें बाधित होने और सूक्ष्म, लद्यु, मंछोले उद्यमियों को कच्चे माल की आपूर्ति और तैयार माल का बाजार तक नही पहुंचने से व्यापारी तबका परेशान है।
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