गौसेवा धाम हॉस्पीटल में गोपाष्टमी पर्व हर्षोल्लास से मनाया

Khoji NCR
2020-11-22 11:23:34

होडल, डोरीलाल गोला गाय को भारतवर्ष की प्राचीन संस्कृति का प्रतीक माना जाता है और गोपाष्टमी का पावन पर्व इन्हीं गायों को समर्पित है। द्वापर युग से ये पवित्र उत्सव आम जन-मानस के बीच हर्षाेल्ला

से मनाया जाता है। गाय की महिमा का वर्णन स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने अपने श्रीमुख से किया है। गायों की सेवा एवं उनका पालन करने के कारण ही श्रीकृष्ण को गोविन्द तथा गोपाल के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि जिस दिन बाल कृष्ण ने सर्वप्रथम गौ चारण किया था उस दिन की तिथि को अष्टमी थी एवं तभी से ये गोपाष्टमी का पावन पर्व प्रारम्भ हुआ। उक्त वाक्त करमन बॉर्डर स्थित गौसेवा हॉस्पीटल में कथा वाचक देवी चित्रलेखा ने गोपाष्टमी पर्व के अवसर पर श्रद्धालुओं से कहे। इस मौके पर हॉस्पीटल में गोपाष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस पर्व पर सूयोदर्य के साथ ही दूरदराज अन्य व राज्यों से पधारे गौ भक्तों ने देवी चित्रलेखा जी के साथ भजन-कीर्तन, हवन तथा गौमाता का पूजन किया। इस मौके पर भगवान श्रीकृष्ण गौ सेवा करते हुए सजाई गई झाकी मुख्य आकर्षण का केंन्द्र रही। दिन के मध्य में गौवंश के लिए भंडारा प्रसाद का आयोजन किया गया। जिसमें हरा चारा, गुड़, मीठा दलिया, रोटी, गन्ना आदि का वितरण न केवल गौ सेवा धाम में अपितु क्षेत्र की दर्जनों गौशालाओं में भी गौ सेवा धाम की ओर से वितरित किया गया। हॉस्पीटल से हजारों रोटियां, मीठा दलिया, हरी सब्जी, हरा गन्ना व अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थ आसपास की अन्य गौशालाओं को भी भेजा गया। गौसेवा धाम हॉस्पीटल में चल रही भागवत कथा के छठे दिन हरियाणा गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्रवण कुमार गर्ग मुख्यअतिथि के रूप में मौजूद थे। उन्होंने यहां पहले गौ सेवा धाम हास्पीटल का भ्रमण कर यहां हो रही गायों की सेवा अत्यधिक प्रभावित हुए।

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