सोहना,(उमेश गुप्ता): सीआईए पुलिस ने एक पिकअप में जिंदा गौधन को भरकर गौतस्करी कर गौकशी के लिए ले जाने वाले गौतस्करों में से पकड़ में आए 2 गौतस्करों की पहचान वसीम उर्फ अमन मूल निवासी गांव सरधाना, ज
ला सहारनपुर, उत्तरप्रदेश और शहजाद मूल निवासी गांव रहीड़ा, जिला संगरूर, पंजाब के रूप में करते हुए दोनों गौतस्करों को अदालत में पेश किया। जिन्हे अदालत ने न्यायिक हिरासत में भौंड़सी जेल भेज दिया है। सीआईए में कार्यरत इंस्पेक्टर मुकेश कुमार फौगाट की माने तो पुलिस अब मौके से भाग निकले अन्य गौतस्करों की पहचान का प्रयास कर रही है। फिलहाल इस मामले में सीआईए पुलिस की शिकायत पर रोजकामेव पुलिस ने 2 नामजद समेत अन्य गौतस्करों के खिलाफ गौकशी व गौतस्करी के आरोप में उपरोक्त आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उनके अन्य साथियों के नाम-पते भी जानने का प्रयास कर रही है ताकि उनकी पहचान होने पर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हे भी जल्द पकड़ा जा सके। सीआईए में कार्यरत इंस्पेक्टर मुकेश कुमार फौगाट ने बताया कि उन्हे मुखबिर खास से सूचना हाथ लगी कि एक पिकअप में जिंदा गौधन को सोहना से बाया रोजकामेव वाले रास्ते से मेवात में गौकशी के लिए ले जाया जा रहा है। जब गौतस्करों ने देखा कि वह एक तरफ पुलिस और दूसरी तरफ गौरक्षक सेना से घिर गए है तो वह जिंदा गायों से भरी पिकअप को घटनास्थल पर ही छोडक़र अपनी जान बचाने के लिए अंधेरे का फायदा उठाकर खेतों में कूद भागने लगे। हालांकि पुलिस और गौरक्षादल कार्यकर्ताओं ने भाग रहे गौतस्करों में से 2 गौतस्करों को पकड़ लिया और भाग रहे अन्य गौतस्करों को पकडऩे का प्रयास किया लेकिन वह हाथ नही आए। जब पुलिस ने पिकअप की तलाशी ली तो उसमें 8 गायों को जिंदा हालत में मुंह-पैर से बंधे पाया। पुलिस ने गायों के उपचार के लिए पुलिस चिकित्सक को मौके पर बुलाया और उपचार के बाद गायों को नजदीक की गौशाला में पुलिस निगरानी में भिजवाया और पिकअप को कब्जा पुलिस में ले लिया। गौर करने वाली बात ये है कि पुलिस और गौरक्षकों की मुस्तैदी व कड़ी निगरानी के बावजूद गौतस्करी और गौकशी का धंधा रूकने की बजाय पहले से कई गुणा ज्यादा बढ़ गया है। मुख्यमंत्री मनोहरलाल सरकार द्वारा गौकशी व गौतस्करों पर लगाम लगाने के लिए बनाया गया नया कानून भी गौकशी व गौतस्करी को रोक पाने में नाकाम साबित हो रहा है। देखने वाली बात ये है कि बढ़ती गौतस्करी और गौकशी पर रोक लगाने तथा ऐसे घृणित कार्य में संलिप्त लोगों को सामाजिक तौर पर दंडित करने के लिए कई पंचायतें जुड़ी, जिनमें गौतस्करी व गौकशी करने तथा गौमांस बेचने वालों की पहचान कर उन्हे समाज में दंडित करने का फैसला लिया गया लेकिन पंचायत जोडऩे और ऐसे फैसले लेने वाले लोगों ने आए दिन गौतस्करों व गौकशी करने वालों तथा गौमांस बेचने वालों के पकड़ में आने के बावजूद आज तक भी सामाजिक तौर पर किसी भी आरोपी को रंगे हाथों पकड़े जाने के बावजूद किसी एक को भी आज तक दंडित नही किया है। जिससे जाहिर है कि यह पंचायतें मात्र दिखावा ज्यादा साबित हो रही है और गौतस्कर व गौकशी करने वाले लोग बिना किसी रोकटोक के इस धंधे को धडल्ले से अंजाम दे रहे है।
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