सोहना,(उमेश गुप्ता): यहां पर अवैध खनन व ओवरलोड डंपरों पर पुलिस के आला अधिकारियों की लगाई गई बंदिश के बाजवूद आज भी सडक़ों पर पूरी-पूरी रात और दिन में रेता, बजरी व रात में पत्थरों से भरे ओवलोड डंपर त
ज रफ्तार में बेरोक-टोक दौड़ रहे है। जिसका जीता जागता प्रमाण ये है कि पूरी रात सोहना घाटी में तावडू की तरफ से पत्थरों से भरे ओवरलोड डंपरों की भरमार देखने को मिल रही है। कहने को तो सोहना घाटी में खनन कार्य पर रोक लगाने के लिए पुलिस नाका लगा हुआ है। सोहना घाटी से नीचे उतरने पर एसीपी कार्यालय और देहात पुलिस थाना बना हुआ है। उससे आगे चलने पर बाईपास क्षेत्र में गोल सर्कल पर यातायात पुलिस चौकी बनी हुई है तो सोहना से बल्लबगढ़ आवाजाही वाले सडक़ मार्ग पर निमोठ चौकी, सोहना से घासेड़ा आवाजाही वाले मार्ग पर रोजकामेव पुलिस थाना, सोहना से बादशाहपुर आवाजाही वाले सडक़ मार्ग पर सोहना सिटी पुलिस थाना, गांव घामडौज में भौंड़सी पुलिस थाना, गांव बादशाहपुर में बादशाहपुर पुलिस थाना समेत कई-कई पुलिस थाने बने हुए है। बावजूद इसके पूरी-पूरी रात पत्थरों से भरे ओवरलोड डंपरों के पहिए थमने का नाम नही ले रहे है। पहले भी इन ओवरलोड डंपरों की चपेट में आने से किसी महिला का सुहाग उजड़ गया तो किसी मां का लाल अकाल मौत का ग्रास बन गया। किसी बहन का भाई हादसे में मौत की नींद सो गया तो किसी बच्चे के ऊपर से बाप का साया उठ गया और ना जाने कितने लोग सडक़ हादसों में तेज रफ्तार वाहनों विशेषकर डंपरों की चपेट में आने से अपंग बन गए। लोगों का कहना है कि पुलिस प्रशासन चाहे जो दावे करे, डंपरों की तेज रफ्तार पर रोक के लिए चाहे जो बंदिश लगा ले लेकिन सोहना की सडक़ों पर मौत के सौदागर बने यह डंपर अब यमदूत और खूनी डंपर के नाम से अपनी पहचान बनाए हुए है। क्षेत्र के प्रमुख समाजसेवी पहलवान सतबीर खटाना दमदमिया, युवा समाजसेवी मनदीप खटाना आदि समेत जागरूक लोगों का कहना है कि यहां वक्त-वक्त पर सडक़ों पर बेलगाम दौड़ते इन डंपरों से होने वाले अनेकों सडक़ हादसों ने ना केवल कई परिवारों के लाड़लों को अकाल मौत का ग्रास बना उनके घरों के चिराग को बुझा डाला है तो वहीं ना जाने कितनों को अपंग बना डाला है। बेकाबू डंपर दिन रात बेरोकटोक शहर सोहना व अन्य सडक़ मार्गों पर अनियंत्रित रूप में फर्राटे भर रहे है। बिना गति नियंत्रक और बिना परमिट, आधे-अधूरे कागजातों व अप्रशिक्षित नौसिखिया कम उम्र चालकों के साथ-साथ सरकार के बनाए गए यातायात नियमों की सरेआम उल्लंघना कर शासन-प्रशासन के निर्धारित मापदंडों की धज्जियां उड़ाते इन डंपरों में निर्धारित क्षमता से कई-कई गुणा ज्यादा पत्थर भरे होने के बावजूद अनियंत्रित होकर सडक़ों पर बेलगाम दौडकर दुर्घटनाओं को आमंत्रण देने वाले यह डंपर क्षेत्र में लोगों की जान के दुश्मन बने हुए है। वही जानकारों का यह भी कहना है कि सरकारी कायदे-कानूनों को ताक पर रखकर पूरी-पूरी रात निर्धारित वजन भार से कई गुणा ज्यादा वजन भार वाले पत्थर भरकर ढो रहे यह डंपर रोजाना राजस्व कर की चोरी कर लाखों रूपए माहवार का चूना भी सरकार को जमकर लगा रहे है। बता दें कि इस क्षेत्र में डंपरों के साथ-साथ आज अकेले सोहना में ही पुलिस प्रशासन की ढीलाई, अनदेखी, निष्क्रियता और अप्रत्यक्ष सरंक्षण के चलते करीब 300 से ज्यादा मार्शल जीपे, टाटा सूमो आदि वाहन गैर कानूनी तरीके से सोहना से पलवल, नूंह, तावडू व गुरूग्राम के लिए जमकर दिन-रात सवारियों को ढोने में लगे है। परिवहन व पुलिस विभाग इनके आगे नतमस्तक व पंगु ही साबित हो रहा है। ऐसा भी नहीं उच्चाधिकारियों को इस मामले की तनिक भी जानकारी ना हो लेकिन ना जाने क्यों खनन विभाग, परिवहन एवं पुलिस विभाग के आला अधिकारी, एसडीएम आदि समेत सभी आला अधिकारी इन यमदूत रूपी डंपरों व सडक़ों पर तेज रफ्तार में दौडकर मौत बांटती दिखलाई पडऩे वाली मैक्सी कैबों के खिलाफ प्रतिदिन प्रभावी रूप से अभियान चलाने की बजाय संभवत: कुंभकर्णी नींद में सोए प्रतीत होते है? डीसीपी साउथ धीरज सेतिया का कहना है कि पत्थरों के ओवरलोड डंपरों पर रोक लगी है। रात के वक्त पत्थरों और रेता, रोड़ी से भरे ओवरलोड डंपर उनके संज्ञान में नहीं थे। अब वह औचक निरीक्षण कर क्षमता से ज्यादा रेता, रोड़ी ढोने वाले डंपरों की धरपकड़ करेंगे। जो भी डंपर पकड़ में आएगा, उसे पुलिस कब्जे में लेकर डंपर चालक के साथ-साथ डंपर मालिक के खिलाफ भी थाने में मामला दर्ज कराया जाएगा।
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