सोहना,(उमेश गुप्ता): सोहना में गांव जक्खोपुर से इंडरी, मिंडकौला आवाजाही वाली सडक़ जगह-जगह से क्षतिग्रस्त होने से सडक़ में कई-कई फुट गहरे गढढे बन गए है जबकि यह सडक़ आटा, बारोटा, उदाका, खानपुर, रामपुर,
ंडरी, खेड़ाखलीलपुर, दुबालू, गांगौली, नौरंगाबाद, खेड़लीदौसा, दुबालू, नवाबगढ़, राहुका, रामपुर, किरा, पोंडरी, छपेड़ा आदि समेत करीब 2 दर्जनों गांवों को जोड़ती है। इस सडक़ पर रोजाना दर्जनों गांवों के कई हजार लोगों और वाहनों की आवाजाही है लेकिन कई वर्षों से यह सडक़ गढढों में तब्दील होकर रह गई है। गांव जक्खोपुर में रहने वाले युवा समाजसेवी मोहित जांगडा, बिज्जू कबाड़ी, चौधरी रामकिशन गुर्जर, श्रीचंद, फूल सिंह, हरिचंद जागड़ा, हक्कू, देवेन्द्र देवा, फतेह सिंह, सरजीत, हंसराज गुर्जर, इंडरी गांव के सरपंच कमल सिंह सरपंच, दुबालू गांव के सरपंच जगदेव सिंह, खेड़ाखलीलपुर गांव के सरपंच चौधरी संतलाल खटाना, छपेड़ा गांव के सरपंच रमेश चंद्र, गौभक्त लोकेश तोमर, योगेश तंवर, एडवोकेट जगदेव सिंह पंवार, देशी पंवार इंडरिया, चौधरी रामजीत पंवार इंडरिया आदि लोगों ने बताया कि शर्मनाक बात ये है कि कई वर्ष पहले जब उस वक्त केन्द्रीय मंत्री रहे चौधरी विरेन्द्र सिंह डूमर खां बाया सोहना होकर गांव इंडरी में अपने सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में आए तो उस वक्त कार्यक्रम में मौजूद दर्जनों गांवों की सरदारी ने उन्हे इस सडक़ मार्ग के हालातों से अवगत कराते हुए इस सडक़ का पुर्ननिर्माण कराए जाने की गुहार लगाई। तब उन्होने क्षेत्र के लोगों को भरोसा दिया कि जल्द ही इस सडक़ का पुर्ननिर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा लेकिन कई वर्ष बीत गए है। सडक़ का पुनर्निर्माण कार्य पूरा होना तो दूर शुरू भी नही कराया गया है। जिससे लोगों का भरोसा सरकार से उठ रहा है। लोगों का कहना है कि भाजपा सरकार की दोगली नीतियां अब सामने आ रही है। कई वर्षों से लोग इस सडक़ के टूटी होने से परेशानी झेल रहे है लेकिन विकास का दम भरने वाले अधिकारों और वजीरों की इन टूटी सडक़ों की तरफ निगाह नही जा पा रही है। दमदमाढाणी के रहने वाल कृष्ण खटाना, गांव सिरसका के रहने वाले कर्मपाल बोकन, कृष्ण सैनी, रोहित गुर्जर समेत विभिन्न लोगों का कहना है कि शहर में भी जगह-जगह सर्विस रोड टूटे पड़े है। ऐसा ही हाल सोहना से विभिन्न मार्गों को जाने वाले सडक़ मार्गों का है। गांव जक्खोपुर से निकलने वाले वाहन चालक परेशान है पर कोई देखने-सुनने वाला नही है। सोहना से गांव दौहला से खरौदा जाने वाले सडक़ मार्ग का भी बुरा हाल है। जगह-जगह सडक़ में गहरे गढढे है तो कही सडक़ के किनारे टूटे पड़े है। आए दिन सडक़ हादसे हो रहे है। लोग चोटिल हो रहे है लेकिन कोई ध्यान देने वाला नही है। मुख्यमंत्री मनोहरलाल सरकार के विकास के दावे सोहना में खोखले और कागजी ज्यादा नजर आ रहे है। सडक़ का पुर्ननिर्माण नही हो रहा है। जिससे मोटरसाइकिल और साइकिल सवारों को पत्थरों के बार-बार उछटने से परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। गहरे गढढों में वाहनों के टायर जाने से वाहन चालकों को चोट लगने के साथ-साथ आर्थिक नुकसान सहना पड़ रहा है तो सडक़ टूटी होने से वाहनों की आवाजाही पर यह पत्थर उछल कर आते-जाते लोगों को लगने की कई घटनाएं हो चुकी है। कई लोग चोटिल हो चुके है लेकिन इस तरफ कोई भी ध्यान नही दे रहा है। सडक़ ना बनने से उड़ रही धूल भरी गुबार प्रदूषण को बढ़ावा दे रही है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यदि लोक निर्माण विभाग ने इस सडक़ का पुर्ननिर्माण जल्द ना कराया तो आसपास गांवों के लोग लोक निर्माण विभाग की बरती जा रही लापरवाही और अधिकारियों की मनमर्जी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। जिसकी जिम्मेदारी संबंधित विभाग की होगी।
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