ब्रिटेन को भुगतना पड़ सकता है एस्‍ट्राजेनेका और यूरोपीय संघ के बीच हुए विवाद का खामियाजा

Khoji NCR
2021-01-31 08:11:04

ब्रसेल्‍स । कोरोना महामारी से जूझते ब्रिटेन की मुश्किलें आने वाले दिनों में और बढ़ सकती हैं। इसकी वजह है यूरोपीय संघ का कोविड-19 की वैक्‍सीन के निर्यात को लेकर किया गया एक फैसला। दरअसल, यूरोपी

संघ कोविड-19 वैक्‍सीन के निर्यात को लेकर नियमों को पहले से अधिक कड़ा कर दिया है। इस नए फैसले से वो सभी देश प्रभावित हो सकते हैं जो यूरोपीय संघ के सदस्‍य नहीं हैं। ब्रिटेन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं ब्रिटेन की मुश्किलें इसलिए बढ़ सकती हैं क्‍योंकि ब्रिटेन यूरोपीय संघ से खुद को अलग कर चुका है। यही वजह है कि ब्रिटेन समेत आयरलैंड की सरकार ने यूरोपीय संघ के इस फैसले की कड़ी निंदा की है। ब्रिटेन को इस नए फैसले से इस बात का डर भी सता रहा है कि इससे न सिर्फ उसको होने वाली वैक्‍सीन की आपूर्ति बाधित होगी बल्कि देश में कोरोना से लड़ी जा रही जंग में भी रुकावट आएगी। इस नए फैसले की वजह से यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के बीच विवाद और गहरा सकता है। इसको देखते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने यूरोपीय संघ आयोग के अध्‍यक्ष से भी बात कर अपनी चिंता जाहिर की है। यूरोपीय संघ और एस्‍ट्राजेनेका विवाद आपको बता दें कि यूरोपीय संघ और एस्‍ट्राजेनेका के बीच कुछ मुद्दों को लेकर विवाद भी चल रहा है। इस विवाद की वजह एस्‍ट्राजेनेका से होने वाली कोविड-19 वैक्‍सीन की आपूर्ति का न होना है। दरअसल, कुछ ही दिन पहले यूरोपीय संघ ने एस्‍ट्राजेनेका पर आरोप लगाया था कि उसको वैक्‍सीन की रकम अदा करने के बाद भी यूरोपीय संघ को वैक्‍सीन की आपूर्ति समझौते के अनुरूप नहीं हो रही है। ईयू के मुताबिक उन्‍होंने फार्मा कंपनी को वैक्‍सीन का उत्‍पादन बढ़ाने के लिए भी पैसा मुहैया करवाया है। ईयू ने कंपनी से दोनों के बीच हुए समझौते को पूरी दुनिया के सामने रखने की मांग की है। ईयू की रिपोर्ट ईयू से जारी एक रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि कंपनी ने जितनी खुराक मुहैया करवाने की बात कही थी उसकी वह केवल 40 फीसद खुराक ही मुहैया करवा पाई है। विवाद गहराने के बाद विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संठन के यूरोपीय अध्‍यक्ष ने कहा था कि यूरोपीय संघ के अधिकारी इस बाबत काफी आक्रामक तरीका इख्तियार किए हुए हैं और अधिक खुराक मुहैया कराने की मांग कर रहे हैं। विवाद का हल तलाशने के लिए दोनों पक्षों के बीच बैठक भी हो चुकी हैं। जहां तक यूरोपीय संघ को वैक्‍सीन की आपूर्ति करने की बात है तो आपको यहां पर ये भी बता दें कि उन्‍हें एस्‍ट्राजेनेका समेत फाइजर और बायोएनटेक से भी यही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एस्ट्राजेनेका की वैक्‍सीन की मार्केटिंग को शर्तों के साथ मंजूरी विवाद के बीच शनिवार को यूरोपीय संघ ने एस्ट्राजेनेका की वैक्‍सीन की मार्केटिंग को शर्तों के साथ मंजूरी प्रदान की है। इस तरह से ईयू द्वारा इजाजत दिए जाने वाली ये तीसरी वैक्‍सीन है। इस वैक्‍सीन को 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के वयस्कों को लगाया जाएगा। हालांकि फ्रांस ने एस्‍ट्राजेनेका की वैक्‍सीन को 65 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों को लगाने से मना कर दिया है।

Comments


Upcoming News