बीपीएल परिवार की पहचान के लिए बनाए गए नए मानकों से गरीबों को मिलेगा लाभ : कमल सिंह

Khoji NCR
2021-01-27 10:08:05

सोहना,(उमेश गुप्ता): क्षेत्र के प्रमुख समाजसेवी व भाजपा नेता कमल सिंह धुनेलिया ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल द्वारा राज्य में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को बीपीएल श्रेणी के तह

लाभार्थी के रूप में पात्रता के लिए पूर्व में निर्धारित पारिवारिक आय सीमा को एक लाख 20 हजार सालाना से बढ़ाकर एक लाख 80 हजार सालाना किए जाने का स्वागत किया है और इसे मुख्यमंत्री मनोहरलाल सरकार द्वारा गरीब परिवारों को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिया गया यादगारी तोहफा बताया है। उन्होने इस बात पर भी खुशी जाहिर की कि राज्य में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को बीपीएल श्रेणी के तहत लाभार्थी के रूप में शामिल करने के लिए ऐसे परिवारों को सर्वेक्षण सरकार करा रही है। खुशी इस बात की है कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने यह भी ऐलान किया है कि राज्य में रह रहे जिन परिवारों की सालाना आय एक लाख रुपए से कम है, उनके लिए अप्रैल महीने से एक विशेष योजना बनाकर लागू की जाएगी। जिसके तहत यह सुनिश्चित बनाया जाएगा कि ऐसे परिवारों की सालाना आय कम से कम एक लाख रुपए प्रतिवर्ष जरूर बढ़े। क्षेत्र के प्रमुख समाजसेवी व भाजपा नेता कमल सिंह धुनेलिया ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल द्वारा राज्य में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को बीपीएल श्रेणी के तहत लाभार्थी के रूप में शामिल करने और बीपीएल परिवार की पहचान के लिए नए मानक बनाए गए है। नए बनाए गए मानकों के आधार पर ही गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की पहचान कर उन्हे बीपीएल परिवार की श्रेणी में शामिल किया जाएगा। बीपीएल परिवार की पहचान के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन यापन स्तर तीन को तरजीह दी जाएगी और तीनों को मिलाकर तैयार किए गए दस मानकों के आधार पर ही बीपीएल श्रेणी के लिए परिवार चयनित किए जाएंगे। क्षेत्र के प्रमुख समाजसेवी व भाजपा नेता कमल सिंह धुनेलिया ने हमारे प्रतिनिधि उमेश गुप्ता को जानकारी देते हुए बताया कि नए मानकों के आधार पर न्यूट्रीशन यानि परिवार का कोई सदस्य कुपोषण का शिकार तो नही है। मानक क्रमांक-2 में यह जांच होगी कि किसी परिवार में पिछले पांच वर्षों में अठारह वर्ष से कम आयु वाले किसी बच्चे की मौत तो नही हुई है और उसकी मौत का क्या कारण रहा है? मानक क्रमांक-3 में स्कूल जाने लायक कितने सदस्य स्कूल गए और मौजूदा वक्त में उस परिवार से कौन बच्चा स्कूल नही जा पा रहा है और उसका कारण क्या है? मानक क्रमांक-5 में यह देखा जाएगा कि परिवार में भोजन बनाने के लिए लकड़ी, कोयला, उपले, गैस आदि में से किन साधनों का इस्तेमाल हो रहा है जबकि मानक-6 में घर में शौचालय है या नही भी शामिल रहेगा तो मानक क्रमांक-7 में यह देखा जाएगा कि पीने वाले पानी की सुविधा घर तक उपलब्ध है अथवा परिवार को पानी कही दूरदराज स्थान से तो नही लाना पड़ रहा है और जहा से पानी लाया जा रहा है, पानी का वह स्त्रोत कौन सा है? मानक क्रमांक-8 में यह देखा जाएगा कि घर में बिजली कनेक्शन तो नही लिया हुआ है। मानक क्रमांक-9 में यह जांच की जाएगी कि घर की छत-दीवार ईंट-पत्थर की तो नही है और उनके ऊपर दूसरा फ्लोर तो नही बना हुआ है। इसके अलावा मानक क्रमांक-10 के तहत बीपीएल श्रेणी में शामिल होने वाले परिवार के लिए घर में रेडिया, टेलिविजन, टेलिफोन, कम्पयूटर, बैलगाड़ी, साइकिल, मोटरसाइकिल और फ्रीज आदि का ना होना ही उस परिवार को बीपीएल पात्रता सूची में शामिल करने का काम करेगा। क्षेत्र के प्रमुख समाजसेवी व भाजपा नेता कमल सिंह धुनेलिया की माने तो इस विषय पर केन्द्र सरकार की तरफ से एक अंतर मंत्रालयी समन्वय समिति बनाई गई है। जिसके संयोजक एवं नीति आयोग में सलाहकार संयुक्ता समागार को बनाया गया है। देश के सभी परिवारों और घरों का डाटा गरीबी आकलन के लिए एमपीआई में दर्ज किया जाएगा। जिसमें राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य मिशन द्वारा किए गए सर्वे की मदद ली जाएगी।

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