जलआभियांत्रिकी अधिकारी-बड़ी लापरवाही आ रही सामने सोहना,(उमेश गुप्ता): सोहना शहरी क्षेत्र में पेयजल किल्लत दूर करने के लिए चंदू बुढ़ेड़ा नहर से हो रही पानी की सप्लाई के लिए डाली गई पाइपलाइन के
शहर में चुंगी नंबर दो के समीप बनी वाटिका और पूजा एसटीडी के समीप वाटर सप्लाई लाइन के एयर पाइपों से सडक़ पर बह रहा पानी शासन-प्रशासन के जल बचत दावों की पोल खोल रहा है। प्रमुख समाजसेवी राजेश राघव, प्रवीण राघव, कांग्रेस नेता पहलवान सतबीर खटाना, मोहित जांगडा, नगरपार्षद राजीव यादव आदि जागरूक लोगों का कहना है कि एक तरफ सरकार जल बचत और संरक्षण पर जोर दे रही है तो दूसरी ओर पेयजल आपूर्ति करने वाली पाइपलाइन में लगे एयर पाइपों से पानी खुला बहने के बावजूद अधिकारी कुंभकर्णी नींद में सोए पड़े है। सोहना शहरी क्षेत्र में पेयजल किल्लत दूर करने के लिए चंदू बुढ़ेड़ा नहर से हो रही पानी की सप्लाई के दौरान डाली गई पाइपलाइनों के पानी का तेज प्रेशर ना झेल पाने के कारण जगह-जगह पाइपलाइन में लगे एयर पाइपों से पानी सडक़ों पर खुला बहने से पानी की बर्बादी हो रही है लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी-कर्मचारी इस तरफ कोई ध्यान नही दे रहे है। जिससे जल बचत और जल संरक्षण के दावे यहां दिखावा साबित हो रहे है। देखने में आ रहा है कि जब पानी की सप्लाई होती है तो शहर में आवाजाही वाले रास्ते पर सर्विस रोड वाली सडक़ किनारे कई स्थानों पर तेज प्रेशर की मार ना झेलने के कारण पानी सडक़ों पर खुला बह रहा देखने को मिलता है और वैसे शहर के कई वार्डों, गलियों, मोहल्लों में लोगों को पेयजल किल्लत झेलनी पड़ रही है। ध्यान योग्य यह है कि सोहना शहर व ग्रामीण क्षेत्र में जल स्तर दिनोंदिन नीचे जा रहा है जबकि पानी की मांग दिनोंदिन बढ़ रही है। ऐसे में लोगों को फ्लोराइड और टीडीएस की पानी में बढ़ती मात्रा के कारण शुद्ध पानी नहीं मिल रहा। रही-सही कसर अंधाधुंध हो रहे जल दोहन ने पूरी करके रख दी है। पानी की किल्लत झेल रहे शहर और क्षेत्रवासियों को प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 70 लीटर शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार ने जल आभियांत्रिकी विभाग में खूब पैसा भिजवाया। शहर के लोगों की पानी प्यास बुझाने के लिए बुढ़ेड़ा नहर से सोहना तक पानी सप्लाई के लिए विशेष योजना तैयार की गई। योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए शासन की तरफ से तयशुदा धनराशि भी उपलब्ध करा दी गई लेकिन जलआभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों की लापरवाही, मनमर्जी और लाल फीताशाही के चलते पानी की बर्बादी होते देखकर भी विभाग के स्थानीय अधिकारी लापरवाही बरत रहे है। ऐसे में शहर के लोग कही रेतीला पानी, कहीं रंग, बिरंगा बदबूदार पानी पीने को मजबूर है। गंदे पानी की आपूर्ति के चलते शहर में बीमारियां जोर पकड़ रही है लेकिन जल आभियांत्रिकी विभाग के अधिकारी ना तो लोगों को स्वच्छ पानी उपलब्ध करा पा रहे है, ना ही भूजल के दोहन को रोक पा रहे है। यहां पर खुलेआम जल की हो रही बर्बादी देखने में आती है लेकिन दिन-प्रतिदिन पेयजल खपत बढऩे और भूजल दोहन के कारण ग्राउंड वाटर लगातार दूषित हो रहा है। पानी में फ्लोराइड और टीडीएस की मात्रा अधिक होने से आम जनमानस में हड्डियां और जोड़ों के दर्द की बीमारियां बढऩे लगी है लेकिन जल आभियांत्रिकी विभाग कुंभकर्णी नींद से नहीं जाग पा रहा है। लोगों का कहना कि अगर जल आभियांत्रिकी विभाग ईमानदारी से इस तरफ ध्यान दे तो ना केवल पानी की बर्बादी रोकी जा सकती है, जल बचत और संरक्षण को भी बढ़ावा मिल सकता है। युवा समाजसेवी अमित गर्ग, मुकेश राजपाल, सैंकी सिंगला, कृष्ण खटाना, कृष्ण सैनी, देवेन्द्र यादव, पूर्व नगरपार्षद ओमप्रकाश सैनी आदि जागरूक लोगों ने जलआभियांत्रिकी विभाग के सोहना डिवीजन और सब डिवीजन अधिकारियों का ध्यान मीडिया के माध्यम से इस तरफ आकर्षित करते हुए जल की हो रही बर्बादी पर रोक लगाए जाने की मांग की है।
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