नागरिक अस्पताल में क्षय रोग जांच के लिए नही शुरू की जा रही ट्रनेट मशीन-क्षय रोगी हो रहे परेशान सोहना,(उमेश गुप्ता): मुख्यमंत्री मनोहरलाल सरकार नागरिक अस्पतालों में आने वाले रोगियों के लिए जर
री सुविधाएं मुहैया करा रही है लेकिन स्थानीय नागरिक अस्पताल में अस्पताल प्रबंधन द्वारा बरती जा रही लापरवाही और लालफीताशाही के चलते नागरिक अस्पताल में आने वाले रोगियों को पर्याप्त सुविधाएं नही मिल पा रही है। ताजा मामला नागरिक अस्पताल में क्षय रोग जांच ना होने का सामने आया है। क्षय रोगी अपनी जांच कराए जाने के लिए नागरिक अस्पताल में डाक्टरों से लेकर प्रवर चिकित्सा अधिकारी के चक्कर काट रहे है लेकिन ना तो उनकी क्षय रोग जांच हो पा रही है। ना ही उनकी कोई सुनवाई की जा रही है। नाम व पहचान का खुलासा ना किए जाने की शर्त पर कई क्षय रोगियों ने आपबीती बताते हुए खुलासा किया कि वह अपनी क्षय रोग जांच कराए जाने के लिए कई महीनों से नागरिक अस्पताल में कभी डाक्टरों के तो कभी प्रवर चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के चक्कर काट रहे है लेकिन उनकी क्षय रोग जांच नही हो पा रही है। वह अस्पताल में कार्यरत जिस भी डाक्टर पर अपनी क्षय रोग जांच कराए जाने के लिए अपने रोगी कार्ड पर जांच के लिए लिखे जाने का आग्रह करते है तो डाक्टर इस मामले में अपनी डयूटी ना होना बताकर पल्लू झाड़ जाते है। परेशान लोगों ने बताया कि वह जितना बार भी नागरिक अस्पताल में प्रवर चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में गए, उन्हे डयूटी वक्त में भी प्रवर चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में नही मिले। भूले से एक-दो बार मिले भी तो उन्होने बहानेबाजी करके टरका दिया। जिसका नतीजा ये है कि नागरिक अस्पताल में वह अपनी क्षय रोग जांच नही करा पा रहे है और उन्हे मानसिक तनाव झेलना पड़ रहा है। इतना ही नही स्थानीय अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही क्षय रोगियों पर इस कदर भारी पड़ रही है कि स्थानीय उपमंडलस्तरीय नागरिक अस्पताल में क्षय रोग जांच के लिए काफी समय पहले सीबीनेट ट्रनेट मशीन आने के बावजूद इसका लाभ अभी तक लोगों को नही मिल पा रहा है क्योकि स्थानीय उपमंडलस्तरीय नागरिक अस्पताल में आई इस मशीन को अभी तक शुरू ही नही किया गया है, जिसमें स्थानीय अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। लोग ये कहने से नही चूक रहे है कि स्थानीय अस्पताल प्रबंधन रोगियों को पर्याप्त जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने की बजाय घोर लापरवाही व मनमर्जी बरत रहा है। अस्पताल में क्षय रोग जांच कराने के लिए इधर से उधर चक्कर काट रहे परेशान लोगों की माने तो यहां के उपमंडलस्तरीय स्थानीय नागरिक अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा काफी महीनों पहले क्षय रोग जांच के लिए जो ट्रनेट मशीन भेजी गई, वह भी अभी तक चालू ही नही की गई है। क्षेत्र के लोग इसे स्वास्थ्य विभाग के स्थानीय अधिकारियों की बड़ी लापरवाही मान रहे है तो स्वास्थ्य विभाग के स्थानीय अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे है। क्षेत्र के प्रमुख समाजसेवी चौधरी धर्मपाल जोहलाका तथा पूर्व जिलापार्षद पूनम भामला का कहना है कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल सरकार ने सोहना शहर के उपमंडल स्तरीय नागरिक अस्पताल में आने वाले क्षय रोगियों की जांच घर बैठे कराए जाने के लिए काफी महीनों पहले ट्रूनेट मशीन मुहैया कराकर बीते वर्ष में सोहना क्षेत्र के लोगों को दीवाली से पहले ही दीवाली का नायाब तोहफा दिया था। उस वक्त कहा गया कि नागरिक अस्पताल में लगाई गई इस मशीन को जल्द ही इंस्टाल करवा दिया जाएगा लेकिन उसे काफी समय बीतने के बावजूद अभी तक चालू नही किया गया है। ताज्जुब की बात ये है कि यहां के उपमंडलस्तरीय स्थानीय नागरिक अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई महीने पहले क्षय रोग जांच के लिए जो ट्रनेट मशीन भेजी गई, पुराना साल बीत गया, वह भी अभी तक चालू ही नही की गई है। प्रमुख समाजसेवी चौधरी धर्मपाल जोहलाका तथा पूर्व जिलापार्षद पूनम भामला ने बताया कि स्थानीय उपमंडलस्तरीय नागरिक अस्पताल में जितने भी रोगी उपचार कराने आते है, उनमें से 5 प्रतिशत मरीज क्षय रोग संबंधी लक्षण के साथ अस्पताल में अपना उपचार कराने आते है लेकिन क्षय रोग की जांच पहले स्थानीय अस्पताल की बजाय जिलास्तर पर जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में होती थी। जिसके लिए यहां से मरीजों के नमूने इकटठा करके जांच के लिए पुराने सिविल अस्पताल स्थित क्षय रोग केन्द्र में भेजे जाते थे। यहां पर स्थानीय उपमंडल नागरिक अस्पताल में ट्रनेट मशीन आने के बाद लोगों को उम्मीद रही कि अब घर बैठे राहत मिलेगी। क्षय रोग जांच के लिए स्थानीय नागरिक अस्पताल में ट्रूनेट मशीन लगाए जाने से शहरी क्षेत्र के साथ-साथ आसपास लगते सैकड़ों गांवों में रहने वाले जरूरतमंद रोगियों को लाभ मिलेगा और अब क्षय रोग जांच कराने के लिए जरूरतमंद रोगियों को यहां से 26 किलोमीटर दूर जिला अस्पताल नही जाना पड़ेगा। जिससे लोगों को समय व पैसे दोनों की बचत होगी लेकिन स्वास्थ्य विभाग के स्थानीय नागरिक अस्पताल प्रबंधन अधिकारियों की बरती जा रही अनदेखी और लापरवाही लोगों पर भारी पड़ रही है। कई महीने बीतने पर भी क्षय रोग जांच के लिए स्थानीय अस्पताल में उपलब्ध कराई गई ट्रनेट मशीन अभी चालू ही नही हो पाई है। जिसका कारण स्थानीय नागरिक अस्पताल में कार्यरत एक लैब टैक्नीशियन की डयूटी कोरोना जांच में लगाना तो दूसरे लैब टैक्नीशियन की डयूटी सीबीनेट में लगाया जाना है। यही वजह है कि लाखों रुपए की कीमत वाली यह मशीन रोगियों के काम आने की बजाय अस्पताल के एक कक्ष के कोने में पड़ी-पड़ी धूल फांक रही है। जिससे जाहिर है कि स्वास्थ्य विभाग के स्थानीय अधिकारी अपने ही विभाग द्वारा जनहित में लागू की जा रही योजनाओं को ईमानदारी से लागू करने की बजाय पलीता लगाने का काम कर रहे है। जब इस बारे में नागरिक अस्पताल प्रभारी व प्रवर चिकित्सा अधिकारी डाक्टर नवलकिशोर से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो अपने कार्यालय में उनके मौजूद ना होने से उनका पक्ष नही जाना जा सका है।
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