पुलिस की सतर्कता ने बचाई सात जिंदगियां

Khoji NCR
2021-01-17 15:16:22

अदालत ने बदमाशों को पूछताछ के लिए 6 दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंपा अशोक राठी गैंग के तीन बदमाशों की गिरफ्तारी से बच गई सात लोगों की जिंदगी सोहना,(उमेश गुप्ता): सोहना के गांव अलीपुर ग्र

मपंचायत की महिला सरपंच ममता डागर के पति मनोज डागर हत्याकांड मामले में गिरफ्तार किए गए गैंगस्टर अशोक राठी गैंग के तीन बदमाशों 20 वर्षीय भारत पुत्र संजय मूल निवासी गांव टूमोला, थाना कोशीकला, जिला मथुरा, उत्तरप्रदेश हालआबाद गांव वजीरपुर, 27 वर्षीय मोहित पुत्र बीर सिंह मूल निवासी श्याम कॉलोनी, रामबाग मोहल्ला, बल्लबगढ़, जिला फरीदाबाद, 24 वर्षीय पुनीत पुत्र धनराज निवासी गांव हाजीपुरपातली, थाना फरूखनगर हालआबाद गांव पचगांव को पुलिस ने आज अदालत में पेश किया और बताया कि आरोपियों के पास से कुल 5 पिस्टल, 4 देशी कटटा, 36 जिंदा कारतूस, 2 मोबाइल, एक वाईफाई डोंगल आदि बरामद किए है, जिसमें से मोहित के पास से 3 पिस्टल, 3 देशी कटटे, 30 जिंदा कारतूस, 2 मोबाइल, एक वाईफाई डोंगल और धनराज के पास से 2 पिस्टल, एक देशी कटटा, 6 जिंदा कारतूस बरामद किए गए है। आरोपियों में से 2 भारत व मोहित की गिरफ्तारी पर हरियाणा पुलिस ने एक-एक लाख का इनाम घोषित किया हुआ है। आरोपी मोहित पुत्र बीर सिंह के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, लड़ाई-झगड़ा व अवैध हथियार रखने के आरोप में और अन्य मामलों में मिलेनियम सिटी गुरूग्राम, फरीदाबाद जिलों में कई मामले दर्ज है। जांच में सामने आया है कि आरोपी मोहित ने वर्ष-2014 में सोहना के गांव अलीपुर के रहने वाले अपने गिरोह के सरगना व गैंगस्टर अशोक राठी को गांव बालूदा के रहने वाले सूर्यांश होटल के मालिक मुकेश यादव की हत्या वाले मामले में गिरफ्तार होने पर गैंगस्टर अशोक राठी को सोहना के समीप पुलिस कस्टड़ी से उस वक्त भगाया था, जब उत्तरप्रदेश पुलिस अशोक राठी को अदालत में पेश करने के लिए ले जा रही थी। मोहित ने सोहना के पास पहुंचने पर उत्तरप्रदेश पुलिस को गनप्वाइंट पर लेकर उसके कब्जे से अशोक राठी को छुड़वाकर भगाया था। इसके अलावा आरोपी मोहित ने अपनी ही कॉलोनी में रहने वाले भालू नाम के युवक पर हत्या की नीयत से गोली चलाई। उस मामले में भी वह अब तक वांछित चल रहा था और अगले सप्ताह में बल्लबगढ़ उपमंडल में किसी व्यक्ति की हत्या करने वाला था लेकिन आज पहले ही पुलिस के हाथ लग गया जबकि तीसरा आरोपी पुनीत पुत्र धनराज गैंगस्टर अशोक राठी के मुख्य सदस्य पुष्कर का भाई बताया गया है। पुष्कर हाल-फिलहाल हत्या के एक मामले में जेल में बंद है और जेल के भीतर से ही बैठे-बैठे पुष्कर अपने भाई पुनीत व उपरोक्त आरोपियों के माध्यम से अपने गिरोह में नए-नए युवकों को जोडक़र उनसे हत्या व आपराधिक वारदातों को अंजाम दिलवाता है। इस आरोपी पर गुरूग्राम, पलवल व फरीदाबाद में हत्या के प्रयास व मादक पदार्थ रखने समेत विभिन्न अपराधों को लेकर करीब दर्जन भर मामले दर्ज है। पुलिस ने अदालत को यह भी बताया कि आरोपियों से पुलिस को पूछताछ करनी है। लिहाजा आरोपियों को पूछताछ के लिए रिमांड पर दिया जाए। अदालत ने आरोपियों को पूछताछ के लिए 6 दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया है। पुलिस सूत्रों की माने तो पकड़ में आए तीनों आरोपी गैंगस्टर अशोक राठी गैंग के सदस्य है। गैंगस्टर अशोक राठी की हत्या के बाद से फिलहाल इस गैंग का संचालन जेल में बंद पुष्कर कर रहा है। एसीपी प्रीतपाल सिंह सांगवान की माने तो तीनों आरोपियों को पकडऩे के लिए पुलिस की बरती गई सतर्कता के चलते 7 लोगों की जिंदगी बच गई है। पकड़ में आए बदमाशों ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह अगले एक सप्ताह के भीतर 3 अलग-अलग जगहों में सोहना ब्लॉक के गांव अलीपुर में 2 युवकों की, झज्जर जिले के गांव डीगल में एक पहलवान की और फरीदाबाद जनपद के उपमंडल बल्लबगढ़ में एक व्यक्ति की, उत्तरप्रदेश के मथुरा जनपद के गांव सोंधी में एक युवक की और गांव पातली में 2 लोगों की हत्या समेत कुल 7 लोगों की हत्या करने वाले थे ताकि गैंग का वर्चस्व कायम रहे और पुरानी दुश्मनी का भी निपटारा निशाने पर आए लोगों की हत्या करके लिया जा सके। उन्होने बताया कि इन आरोपियों द्वारा जिन लोगों की हत्या की जानी थी, उनमें से कईयों के नाम सामने आ गए है लेकिन माहौल खराब होने की वजह से पुलिस नामों का खुलासा करना मुनासिब नही मान रही है। पुलिस अब आरोपितों को रिमांड पर लाकर यह जानने का प्रयास कर रही है कि आखिरकार वह इन अलग-अलग स्थानों पर रह रहे 7 लोगों की क्यो हत्या करने वाले थे। वारदात को अंजाम देने के लिए इन्होने हथियार कहां से जुटाए और वारदात में प्रयुत किए जाने वाले दोपहिया अथवा 4 पहिया वाहनों की व्यवस्था कैसे की जानी थी। इस सबके बारे में भी जानकारी हासिल की जाएगी। एसीपी क्राईम प्रीतपाल सिंह सांगवान ने रविवार को उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि पूछताछ के दौरान पुष्कर ने खुलासा किया है कि उसने अपने साथी भारत, मोहित व अन्य के साथ मिलकर डीगल में एक व्यक्ति की हत्या करनी थी और अगले सप्ताह में फरीदाबाद में भी एक व्यक्ति की हत्या की जानी थी। इसके अलावा गांव सोंधी व सोहना ब्लॉक के गांव अलीपुर में भी एक व्यक्ति की हत्या की जानी। इसके अलावा इन्हे गांव पातली में 3 लोगों की हत्या करनी थी। एसीपी क्राईम प्रीतपाल सिंह सांगवान ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि सोहना ब्लॉक के गांव अलीपुर महिला सरपंच ममता डागर के पति 36 वर्षीय मनोज डागर हत्याकांड मामले में पुलिस गैंगस्टर अशोक राठी गैंग के अब तक कई शार्पशूटरों समेत 7 बदमाशों को गिरफ्तार कर चुकी थी। इससे पहले पुलिस ने मनोज डागर हत्याकांड में पुष्कर निवासी गांव हाजीपुरपातली तथा सोहना के गांव अलीपुर में रहने वाले गैंगस्टर अशोक राठी के भाई महेश उर्फ नीशु निवासी गांव अलीपुर, सोहना, अंकित पुत्र तेजराम निवासी गांव कुलथाना, थाना सांपला, जिला रोहतक और मुकेश कुमार उर्फ प्रिंस पुत्र खेमचंद निवासी वार्ड-पांच, न्यू अग्रवाल कॉलोनी, कोसीकला, जिला मथुरा, उत्तरप्रदेश को गिरफ्तार किया था। उन्होने बताया कि सोहना ब्लॉक के गांव अलीपुर महिला सरपंच ममता डागर की उपरोक्त बदमाशों ने बीते वर्ष में पंद्रह जुलाई को सोहना सिटी पुलिस थाने के नजदीक गोलियां मारी थी और भागने में कामयाब रहे। कुछ दिन बाद मनोज डागर की अस्पताल में मौत हो गई। तब पुलिस ने मनोज डागर की मौत के बाद इस मामले को हत्या के प्रयास से हत्या में परिवर्तित करते हुए धारा-302 को भी साथ जोड़ दिया था और उस वक्त पुलिस ने मनोज डागर के भाई की शिकायत पर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था। इस मामले में पुलिस ने गैंगस्टर अशोक राठी के भाई महेश उर्फ नीशु राठी को गिरफ्तार किया था, जो उसी गांव का रहने वाला है। जिस अलीपुर गांव का मनोज डागर रहने वाला था और जांच में सामने आया कि मनोज डागर पर कातिलाना हमला उसी के गांव के रहने वाले गैंगस्टर अशोक राठी के भाई महेश उर्फ नीशु राठी ने कराया था। पुलिस ने जब उस वक्त पकड़ में आए गैंगस्टर अशोक राठी के भाई महेश उर्फ नीशु राठी से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूलते हुए खुलासा किया कि अशोक राठी व मनोज डागर के बीच अशोक राठी की पत्नी सुषमा के पिता वाले घर को लेकर विवाद था। अशोक राठी ने अपनी पत्नी सुषमा की हत्या के बाद उसके घर पर कब्जे की कोशिश की थी मगर मनोज डागर ने सुषमा के परिजनों का साथ देते हुए उसके घर पर कब्जा नही होने दिया। गैंगवार के चलते इसी बीच अशोक राठी की हत्या हो गई। तब अशोक राठी के भाई नीशु ने मनोज से बदला लेने की कसम खाई और एक साजिश रच मनोज की हत्या करवाने के लिए गोली चलवाई। नीशु ने मनोज की हत्या की योजना तैयार कर भौंड़सी जेल में बंद अपने मामा के लडक़े पुष्कर से संपर्क किया और पुष्कर ने ही दो शूटर तैयार तैयार किए, जो मनोज पर गोली चलाने की वारदात को अंजाम देने के बाद भाग निकले और गोली लगने पर मनोज डागर सत्ताईस दिनों तक एक बड़े अस्पताल में जिंदगी व मौत के बीच जूझने के बाद जिंदगी की लड़ाई हार गया। इस मामले में सीआईए पुलिस में कार्यरत सहायक सबइंस्पेक्टर दीपचंद फौगाट की अगुवाई वाली टीम ने बीते पांच अगस्त को इस वारदात की साजिश रचने वाले एक आरोपी और गैंगस्टर अशोक राठी के सगे भाई महेश उर्फ नीशु पुत्र महावीर सिंह मूल निवासी गांव अलीपुर, ब्लॉक सोहना को शहर में इंडरी मोड पर घेराबंदी डाल एक स्थान से पकडऩे में कामयाबी पाई थी। सामने आया कि सीआईए पुलिस की पकड़ में आया आरोपी गैंगस्टर अशोक राठी का सगा भाई है। जब सीआईए पुलिस ने उसे थाने में लाकर कड़ाई से पूछताछ की तो मनोज डागर गोलीकांड की अनसुलझी गुत्थी सच्चाई सामने आने पर एकदम सुलझ गई। पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि पुरानी रंजिश के चलते उसने इस वारदात को अंजाम दिलाया था। पुलिस की माने तो आरोपी ने पूछताछ में बताया कि गांव अलीपुर में गैंगस्टर अशोक राठी की धर्मपत्नी सुषमा के नाम पर मकान था। सुषमा राठी की जब बच्चों को स्कूल छोडऩे जाते वक्त हत्या हो गई तो उसके बाद इस मकान पर अशोक राठी ने कब्जा कर लिया और जब गैंगस्टर अशोक राठी की भी हत्या हो गई तो उसके बाद उसने अशोक राठी के साथियों के साथ मिलकर उस मकान पर कब्जा कर लिया। मामला ग्रामपंचायत के संज्ञान में आने पर ग्रामपंचायत सरपंच श्रीमती ममता डागर के पति मनोज डागर ने सुषमा राठी के नाम वाले मकान से उनका कब्जा छुड़वा दिया और सुषमा के परिजनों का खुला साथ देकर उस मकान पर ताला लगवा दिया। तभी से वह मनोज डागर से रंजिश रखने लगा। उस वक्त गैंगस्टर अशोक राठी के भाई महेश ने खुलासा किया कि थानाक्षेत्र फरूखनगर के गांव पातली का रहने वाला उसके मामा का पुत्र पुष्कर भी गैंगस्टर है, जो हत्या के एक मामले में जेल में बंद है। इस मामले में जब उसकी पुष्कर से बात हुई तो पुष्कर ने मनोज डागर को टपकाने के लिए कहा ताकि उनके बीच कांटा बने मनोज डागर को रास्ते से हटाया जा सके। जिसके बाद उसने मनोज डागर को अपने रास्ते से हटाने के लिए पूरी योजना तैयार कर बदमाशों को उसकी टोह में लगा दिया और वारदात वाले दिन जब मनोज डागर पंद्रह जुलाई की शाम करीब चार बजे अपनी 9 वर्षीय पुत्री को बीमार होने पर स्कार्पियों में बैठाकर यूनियन बैंक के नजदीक एक डाक्टर के क्लीनिक पर लाए तो बेटी को निजी अस्पताल में दिखाने के बाद जैसे ही वह स्कार्पियो में बैठे कि तभी अचानक एक युवक उनकी गाड़ी के पास आया और ड्राईविंग सीट पर बैठे मनोज डागर को निशाने पर लेकर गोलियां चलानी शुरू कर दी। चलाई गई गोलियों में से एक गोली मनोज डागर को गर्दन में लगी। मनोज डागर तुरंत अपने मुंह पर लगे मास्क को हटाते हुए जान बचाने के लिए निजी अस्पताल के अंदर भागे और खून से लथपथ होने पर अस्पताल के फर्श पर ही गिर गए। इसी बीच हमलावर घटनास्थल पर इकटठा भीड़ का फायदा उठाकर भाग निकलने में कामयाब रहे। एसीपी क्राईम प्रीतपाल सिंह का कहना है कि मनोज डागर हत्याकांड में पुलिस अब तक 7 बदमाशों को गिरफ्तार कर चुकी है। जिसमें से कई ईनामी बदमाश भी रहे है। जिनसे हथियार भी बरामद किए गए है। देखा जाए तो अब यह जाहिर हो गया कि चाहे गैंगस्टर अशोक राठी इस दुनिया में नही रहा लेकिन उसके गिरोह के बदमाश दोबारा से गिरोह को संगठित करने का काम कर रहे है।

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