सोहना,(उमेश गुप्ता): पशुपालन विभाग की उपनिदेशक डाक्टर पुनीता गहलावत के अनुसार विभाग की तरफ से सोहना सबडिवीजन के तहत लगने वाले 62 गांवों में पल रहे 30 हजार से ज्यादा पशुओं को मुंहखुर व गलघोटू के टी
के लगाने का लक्ष्य तय किया गया है। अभियान फरवरी और मार्च में शुरू होगा। उन्होने बताया कि इससे पहले बीते वर्ष में अक्टूबर-नवंबर में चलाए गए टीकाकरण अभियान के दौरान 6 हजार 831 पशुओं को मुंहखुर व गलघोटू बीमारी से बचाव के लिए टीके लगाए गए है। सामान्य वर्ग वाले पशुपालकों से टीका लगाने की एवज में 100 रुपए लेकर उनके पशुओं का बीमा व गिनती भी साथ-साथ की जा रही है जबकि अनुसूचित जाति व जनजाति के पशुपालकों के पशुओं का बीमा व टीकाकरण सभी बिल्कुल मुफ्त में होगा। उन्होने बताया कि पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग की तरफ से चालू वर्ष में फरवरी महीने से गलघोंटु एवं मुंहखुर टीकाकरण अभियान शुरु किया जा रहा है। अभियान के तहत पशुपालन विभाग की टीमें घर-घर जाकर पशुओं का टीकाकरण करेंगी। पशुपालन विभाग की उपनिदेशक डाक्टर पुनीता गहलावत ने बृहस्पतिवार को यहां पर बताया कि इस अभियान में चार महीने से ऊपर आयु के सभी पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। पहले मुंहखुर व गलघोंटू का साल में दो बार टीकाकरण किया जाता था अर्थात पशु को चार टीके लगते थे लेकिन अब हरियाणा ने देश का अग्रणी प्रदेश बनकर पशुओं को बचाने के लिए संयुक्त वैक्सीन से टीकाकरण करने का बीड़ा उठाया है। चार से आठ महीने के कटड़े-कटडियों को तीन से पांच सप्ताह में दोबारा बूस्टर डोज का वैक्सीन दिया जा रहा है। पशु चिकित्सक वैक्सीन लगाने के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का भी ध्यान रखेंगे, वे फेसमास्क जरुर पहनेंगे, सैनेटाइजर का प्रयोग करेंगे और सामाजिक दूरी बनाये रखेंगे। उन्होंने पशुपालकों से भी अपील की है कि वे इस टीकाकरण अभियान में पूरा सहयोग दे और किसी भी प्रकार की भ्रांति में ना आकर अपने सभी पशुओं का टीकाकरण अवश्य करवाए। यदि इस टीकाकरण से पशु थोड़ा चरना कम कर दे या उसके शरीर का तापमान बढ़ जाए तो उसे बुखार उतारने की दो गोलियां दी जा सकती है। अगर टीकाकरण के कारण किसी पशु को गांठ बन जाती है तो उसे बर्फ से सेंककर ठीक किया जा सकता है। उन्होने बताया कि पहली बार पशुओं के कानों में टैग लगाकर टीकाकरण करने का कार्य किया जाएगा। टैग लगाने के साथ-साथ पशुओं का रजिस्ट्रेशन भी ऑनलाइन किया जाएगा। सभी पशुओं की टैगिंग की जाएगी ताकि टीकाकरण सहित पशुपालन विभाग की स्कीम एवं अन्य सुविधाओं का लाभ पशुपालक उठा सके। उन्होने पशुपालकों से अनुरोध किया है कि वे अपने सभी पशुओं की टैगिंग जरुर करवाए। पशुपालन विभाग की उपनिदेशक डॉक्टर पुनीता ने बताया कि मुंहखुर या गलघोंटु की संयुक्त वैक्सीन लगाई जा रही है ताकि इन संक्रामक एवं खतरनाक बीमारियों से पशुओं की सुरक्षा की जा सके। गलघोंटु एक जानलेवा बीमारी है और मुंहखुर के कारण पशु की दूध देने की क्षमता घट जाती है। जिससे पशुपालकों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इस वैक्सीन का टीका लगने से पशु काफी हद तक सुरक्षित हो जाता है। उन्होने यह भी बताया कि विभाग की पशुधन के बीमाकरण की भी योजना है। सामान्य वर्ग के पशुपालकों का बीमा 100 रुपए में व अनुसूचित जाति परिवारों के पशुपालको का बीमा निशुल्क किया जाता है।
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