सोहना,(उमेश गुप्ता): यहां पर लोहड़ी व मकरसंक्रांति का त्यौहार-लाए जीवन में खुशियों की बहार तथा माई दे लोहड़ी-जीवे तुहाड़ी जोड़ी, खाएंगे घी-चूरमा-बनेंगे हम सूरमा, आई लोहड़ी जैसे गानों पर जब मातृ
क्ति के साथ-साथ प्रौढ़ों और युवाओं ने ढोल की थाप पर मदमस्त होकर धमाल मचाया तो सर्दी के मौसम में भी गर्माहट आ गई। युवा समाजसेवी मोहित यादव के अनुसार जीएलएस सोसायटी में आयोजित किए गए लोहड़ी समारोह में बोलते हुए विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि अपना देश त्यौहारों का देश है। लोहड़ी को मस्ती व उल्लास का त्यौहार माना गया है तो मकर संक्रांति का पावन पर्व जीवन में नई शुरूआत व नई गति का प्रतीक है। इस दिन घी-चूरमा खाने और अपने को शक्तिमान बनाए रखने का विधान है। इस मौके पर पंडित वेदप्रकाश शास्त्री की मौजूदगी में गायत्री मंत्रों के उच्चारण के बीच लोहड़ी प्रज्जवलित कराई तो उभरते कलाकार मोहित यादव ने सुंदरी-मुंदरी होय-तेरा कौन बिचारा होय, दुल्ला भटटी वाला हो, ओ आई गई लोहड़ी-बना लो जोड़ी जैसे पारम्पारिक गीत-संगीत के साथ ढोल की थाप पर सबको नाचने पर मजबूर कर दिया। ढोल-नगाड़ों की थाप पर लोगों ने जमकर भंगडा किया और लोहड़ी की पवित्र अग्नि के इर्द-गिर्द जमकर नृत्य कर खुशियों को एक-दूसरे से सांझा किया। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी पंजाबी गीतों की ताल पर झूमते नजर आए। मौजूद युवा समाजसेवी अरुण कुमार, देवेश भाटिया, डाक्टर आनंद सिंह, सौरभ मिश्रा, यश यादव, देवव्रत झा, विनय पांडे, मुकेश मिश्रा, विरेंद्र सिंह, विनय यादव, विपिन चौधरी, ओमवीर आर्य आदि प्रमुखजनों समेत मौजूद तमाम साथियों ने मौजूदों के बीच रेवड़ी, मूंगफली, पापकार्न को वितरित कर लोहड़ी की मुबारकबाद दी।
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