कहीं आप लो ब्लड शुगर के मरीज तो नहीं? जानिए लक्षण और उपचार

Khoji NCR
2021-01-11 09:15:16

नई दिल्ली, । शुगर एक ऐसी बीमारी है जिसका बढ़ना और घटना दोनों जिंदगी के लिए जानलेवा है। जिन लोगों की शुगर बढ़ती है वो उसे कंट्रोल करने के लिए दवा का सेवन कर लेते हैं लेकिन जिन लोगों की शुगर कम रहत

है वो अपनी शुगर को मेनटेन करने के लिए कुछ नहीं करते। शुगर का बढ़ना बॉडी के लिए जितना घातक है उतना ही शुगर का कम होना भी घातक है। शुगर का कम होना हाइपोग्लाइसीमिया कहलाता है। जब ब्लड शुगर लेवल 72 मिग्रा/DL से भी नीचे चला जाए, तो ऐसी स्थिति हाइपोग्लाइसीमिया या लो ब्लड शुगर कहलाती है। हमारे शरीर का सामान्य ब्लड शुगर लेवल 80-110 मिग्रा/DL के बीच होता है और 90 मिग्रा/DL को औसत ब्लड शुगर लेवल माना जाता है। हाइपोग्लाइसीमिया एक ऐसी परेशानी है जिसकी वजह से मरीज को चक्कर आना, घबराहट और पसीने आते है। कई बार इस परेशानी की वजह से मरीज को बेहोशी भी हो सकती है। शरीर में ग्लूकोज और इंसुलिन के संतुलन के बिगड़ने की वजह से हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है। हॉर्मोनल लेवल के बिगड़ने के कारण भी ये बीमारी हो सकती हैं। चीनी हमारी बॉडी को ऊर्जा देती है इसलिए हाइपोग्लाइसीमिया वाले लोग अक्सर थका हुआ महसूस करते हैं। इस बीमारी से पीड़ित लोगों के रक्त में शर्करा की अचानक गिरावट बेहोशी या दौरे का कारण बन सकती है। इस बीमारी से पीड़ित इनसान चलते-चलते चक्कर खा कर गिर सकता है। उसे दौरा, स्ट्रोक और कौमा में भी जा सकता है। हाइपोग्लाइसेमिक का इलाज: डायबिटीज को कंट्रोल रखने के लिए बॉडी को सक्रिय रखना जरूरी है। जब भी आपको थकान या चक्कर महसूस हो तो आपको तुरंत अपना शुगर चेक कराना चाहिए। ऐसा करने से आप जल्दी ही बॉडी में शुगर की रिकवर कर सकते है। अगर ‘लो ब्लड शुगर’ का माइल्ड केस है तो जल्द ही मीठी चीज़ खा कर आप अपनी डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते है। अगर आपका ब्लड शुगर लेवल 70 मिग्रा/डीएल से कम है और आप होश में हैं, तो 15-20 ग्राम ग्लूकोज़ का सेवन करना सही इलाज है। आप अपने पास हमेशा कैंडी, मिटाई या फलों का जूस रखें, ताकि आप अपनी बॉडी में ग्लूकोज़ का स्तर मेनटेन रख सकें। हाइपोग्लाइसीमिया को रोकने के लिए आपको नाश्ता या भरपूर भोजन करना चाहिए। नाश्ते में मिठी चीजों का सेवन करें। ब्लड शुगर लेवल बहुत कम हो जाने पर दौरे पड़ने या बेहोश होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसी परेशानी में आप ग्लोकोज का इंजेक्शन लगवाएं। इस परेशानी से बचने के लिए खाने में देरी या खाना ना खाना जैसी आदतों से परहेज करें। नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करवाते रहें। अपने साथ हमेशा ग्लूकोज टैबलेट या कैंडी ज़रूर रखें।

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