सोहना,(उमेश गुप्ता): क्षेत्र के किसान नेता व किसान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी सतबीर गुर्जर ने सोहना में यूरिया खाद की कालाबाजारी का आरोप लगाया है। उन्होने कहा कि सोहना में किसानों को
ूरिया खाद ना मिलने से खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां पर सरकारी खाद केंद्रों व निजी दुकानों पर यूरिया ना होने से किसान मारे-मारे फिर रहे है। खाद ना मिलने से इस बार किसानों को गेहूं की फसल खराब होने का डर पैदा हो गया है क्योकि पिछले दिनों हुई बारिश के बाद से खेतों में यूरिया डालना जरूरी है। फसल में खाद नही डाली तो पैदावार आधी रह जाएगी। इसलिए फसल में खाद डालने और यूरिया खरीदने के लिए कडक़ड़ाती ठंड में किसान अपने घर व गांवों से सोहना आ रहे है। किसानों के दर-दर भटकने और सुबह से शाम तक खाद बिक्री केंद्रों पर चक्कर काटने के बावजूद कृषि विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है। यूरिया खाद के लिए भटक रहे किसानों का कहना है कि उन्होने गेहूं में पहला पानी लगाया। उसके बाद कई दिनों से हो रही मूसलाधार बरसात ने पानी की कसर तो पूरी कर दी लेकिन अब फसलों को यूरिया की जरूरत है लेकिन उन्हे ढूंढऩे पर भी यूरिया खाद नहीं मिल पा रही है। किसानों का कहना है कि अभी से यहां खाद की इतनी किल्लत है तो बाद में क्या होगा। किसानों का यह भी कहना है कि क्षेत्र में जमीन का जलस्तर शनै: शनै: निरंतर नीचे जा रहा है। गेहंू की फसल के लिए पानी की बहुत जरूरत होती है। इस बार ढूंढ़े से भी यूरिया खाद ना मिलने से किसानों को अपनी उम्मीदों पर पानी फिरता दिखलाई पड़ रहा है। किसान नेता व किसान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी सतबीर गुर्जर ने आरोप लगाया कि यूरिया खाद किल्लत से जूझ रहे किसानों को ऐसे में साथ लगते दूसरे जिलों से मुंहमांगे दामों पर खाद खरीदकर लाना मजबूरी बन गई है। खाद किल्लत से परेशान किसान रह-रहकर कृषि विभाग और भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को कोस रहे है। किसानों का कहना है कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ना तो किसानों को फसलों का वाजिब दाम देने को तैयार है और ना ही किफायती रेट पर बीज, खाद उपलब्ध करा पा रही है। रह-रहकर सरकार किसान हितैषी होने का दावा कर परेशान किसानों के ‘जले पर नमक छिडक़’ रही है। किसान नेता व किसान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी सतबीर गुर्जर ने किसान हित में गठबंधन सरकार से अविलंब सरकारी बीज, खाद बिक्री केंद्रों पर खाद उपलब्ध कराए जाने की मांग की है ताकि किसान अपने खेतों में खाद डाल सके और गेहंू की फसल खराब होने से बचाई जा सके। उन्होने यूरिया की कमी के लिए मौजूदा सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है और साफ कहा है कि सरकार सोहना में पर्याप्त खाद सरकारी कीमत पर उपलब्ध करवाने का प्रयत्न करे। अन्यथा क्षेत्र के किसान आंदोलन कर अधिकारियों का घेराव करेंगे।
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