होडल, डोरीलाल गोला शहर में खाद बिक्री करने वाले प्राईवेट दुकानदारों द्वारा खाद की कालाबाजारी करने एवं विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से उत्तर प्रदेश के ग्रामीणों को खाद उपलब्ध कराने को ले
र स्थानीय प्रशासन अब पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गया है। किसानों को हो रही खाद की किल्लत को लेकर एसडीएम रणवीर सिंह ने मंगलवार को लघु सचिवालय स्थित सभागार में प्राईवेट खाद बिक्रेताओं और विभागीय अधिकारियों की बैठक भी ली थी, जिसमें उन्होंने खाद की दुकानों के बाहर रेट लिस्ट और खाद के स्टाक की सूची चस्पा करने के निर्देश दिए था, लेकिन प्राईवेट खाद बिक्रेताओं ने एसडीएम के आदेशों को भी अनदेखा कर दिया। जिसकी सूचना मिलते ही एसडीएम रणवीर सिंह स्वयं बाजार में औचक निरीक्षण करने जा पहुंचे और खाद बिक्रेताओं की दुकानों के बाहर खाद की रेट लिस्ट व स्टाक की सूची की जांच की। यहां एसडीएम सिंह ने बाजार में पांच खाद बिक्रेताओं के यहां निरीक्षण किया, जिनमें से मात्र एक दुकान के बाहर खाद की रेट लिस्ट और स्टाक सूची चस्पा मिली। इसके अलावा किसी भी खाद की दुकान के बाहर इस प्रकार की कोई सूची लगी नहीं मिली। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले प्राईवेट खाद बिक्रेताओं ने तुरंत प्रभाव से रेट लिस्ट लगाने के निर्देश दिए और कहा कि अगर इसके बाद भी खाद बिक्रेताओं ने खाद की रेट लिस्ट और स्टाक की सूची नहीं लगाई तो उनके खाद बिक्री के लाईसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी। जिसको लेकर खाद बिक्रेताओं में हडकंप मचा हुआ है। एसडीएम रणवीर सिंह ने बताया कि शहर में खाद की कोई कमी नहीं है। अगर कोई खाद बिक्रेता खाद की कालाबाजारी करता है तो उसकी शिकायत किसान उनसे कर सकते हैं। किसानों के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है खाद का स्टाक विभागीय रिकार्ड के अनुसार होडल और हसनपुर खंड में किसानों के लिए स्टाक में डीएपी 241 मीट्रिक टन, यूरिया 7155 मीट्रिक टन, एनपीकेएस 266 मीट्रिक टन तथा एसएसपी 544 मीट्रिक टन उपलब्ध है। बता दें कि खाद लेने पहुंचे किसानों ने आरोप लगाया था कि केंद्र इंचार्ज और कर्मचारी अपने चहेतों के आधार कार्ड पहले से ही अपने पास जमा रखते हैं। एडवांस काटी गई पर्ची के हिसाब से खाद की गाड़ी आते ही उन्हें सबसे पहले खाद उपलब्ध कराया जाता है। जो किसान पिछले कई दिनों तक खाद लेने के लिए चक्कर काट रहे हैं, उन्हें खाद उपलब्ध नहीं हो रहा है। केंद्र इंचार्ज और कर्मचारी हरियाणा प्रदेश के किसानों को खाद देने के बजाए उत्तर प्रदेश के किसानों को ब्लैक में खाद उपलब्ध करा रहे हैं। जिसके कारण क्षेत्र के किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड रहा है। क्षेत्र के सैंकडों किसान खाद बिक्री केंद्रों के बाहर सुबह से ही लाइन लगाकर इंतजार करते रहते हैं, लेकिन कई कई घंटों तक इंतजार करने के बाद भी बगैर खाद लिए घरों को लौट जाते है।
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