बरसाना से चली चौरासी कोष यात्रा का गढ़ी पट्टी में किया भव्य स्वागत

Khoji NCR
2024-10-22 11:18:08

होडल, डोरीलाल गोला बरसाना में स्थित संत रमेश बाबा के सानिध्य में चौरासी कोष परिक्रमा के लिए निकली गई राधा रानी ब्रज यात्रा का होडल गढ़ी पट्टी में पहुंचने पर पट्टी के लोगों द्वारा भव्य स्वागत

किया गया। पट्टी के लोगों ने यात्रा में आए सभी साधु संतों का पटका पहनाकर व फूल मालाओं से स्वागत किया। यात्रा में चल रही गौशाला आश्रम की बालाओं ने नृत्य कर पट्टी के लोगों का मन मोह लिया। उत्तरप्रदेश के बरसाना धाम में स्थित संत रमेश बाबा के सानिध्य में हर वर्ष निकली जाने वाली चौरासी कोष पदयात्रा में दूर दराज से हजारों की संख्या में साधु संत व श्रद्धालु शामिल होते है। यह पदयात्रा ब्रज के सभी गांवों में से होकर निकलती है। इस यात्रा का जगह-जगह ग्रामीणों द्वारा स्वागत किया जाता है। मंगलवार को यह यात्रा उत्तरप्रदेश के गावों से होते हुए हरियाणा में प्रवेश कर गई। यात्रा का हरियाणा में प्रवेश करने पर गढ़ी पट्टी के लोगों ने भव्य स्वागत किया। गढ़ी पट्टी के सैकड़ो लोग रास्ते में एकत्रित हो गए और उन्होंने यात्रा में आए साधु संतों व श्रद्धालुओं का पटका पहनाकर स्वागत किया। यात्रा में चल रहे संत राधा कांत शास्त्री ने बताया कि यात्रा में मौजूद लोगों ने सर्व प्रथम मोहन जी के दर्शन किए जहां बहुत से लीला स्थल हैं । गांव नंदगांव में जगद्नियंता परम पुरुष परमात्मा का जन्म हुआ तो आस पास बड़े बड़े ऋषि मुनि देव गंदर्भों ने अपना आवास बनाया। इसके अलावा गांव कामर में ऋषि दुर्वासा, महर्षि व्यास, शुकदेव जी सहित बड़ी बड़ी विभूतियों ने भगवल्लीलाओं के दर्शन का लाभ लिया है । यात्रा में संकीर्तन की मधुर ध्वनियों पर थिरकती बालाओं को देखने के लिए घरों की छतों पर पट्टी की महिलाएँ खड़ी थीं । यात्रा में चल रहे राधा कान्त शास्त्री ने पट्टी के लोगों से अपील की कि यात्रा में जैसा संकीर्तन आप देख रहे हैं वैसा आप को नृत्य अपनी पट्टी में भी करना चाहिए ।उन्होंने कहा कि सच्चा ब्रजवासी वही है जो भगवान को ध्यान में रखकर आश्रय में जीवन व्यतीत करता है। पट्टी के लोगों ने यात्रा में आया पदयात्रियों के लिए जलपान की व्यवस्था की। यात्रा के मध्य में पहुंचकर पदम श्री संत रमेश बाबा ने भी सभी लीला स्थलों के दर्शन किए । भगवताचार्य भक्त शरण जी ने दृष्ट स्थलों का माहात्म्य निरूपण किया । यात्रा में संत ब्रज शरण दास, नरसिंह दास, राजकुमार शास्त्री ब्रजदास, इंद्र नीलमणि आदि सम्मिलित रहे।

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