तावडू 21 अक्टूबर ( दिनेश कुमार): शहर व क्षेत्र में प्रतिदिन रैली व प्रतियोगिताओं के माध्यम से विद्यार्थियों को सडक सुरक्षा के लिए जागरूक किया जा रहा है। लेकिन प्रशासन शहर में लगी लाखों की लागत स
े लगी ट्रैफिक लाइटें मात्र एक महा चलने के बाद वर्षों से बंद पड़ी हुई है, इस पर गौर नहीं कर रहा। जिससे वाहन चालकों को भारी असुविधा हो रही है। शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर सरकार द्वारा ट्रेफिक लाइट सिगनल के लिए लगाई गई थी। लेकिन इनके बंद होने के कारण लोगों को यह सुविधा नहीं मिल पा रही है। हालांकि वर्ष के आरंभ में लाखों रूपए की लागत से ट्रैफिक लाईटों को ठीक भी कराया जा चुका है। लेकिन व्यवस्था न होने के कारण यह ट्रैफिक लाईटें मात्र 5-7 दिन चलने के बाद ही बंद पड गई। शहर के दिनेश, राजू, कल्लू, सलमू, इकबाल, खालिद, घनश्याम, प्रेम, महाबीर, शरीफ, बल्ला, सोनू, अरशद आदि ने बताया की कई वर्ष पहले सरकार द्वारा यातायात व्यवस्था को दुरुस्त बनाने के लिए ट्रैफिक सिग्नल लाइटें शहर के विभिन्न स्थानों पर लगाई गई थी। लेकिन मात्र एक माह चलने के बाद लाखों रुपए की लागत से लगी यह सिगनल लाइट बंद पड़ी हुई थी। जिससे इस व्यवस्था का लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिससे लोगों में प्रशासन के प्रति रोष पनप रहा है। लोगों ने ट्रैफिक लाइट व्यवस्था को दुरुस्त कराने की मांग की है। वर्ष के आरंभ में लाखों रूपए की लागत से ट्रैफिक लाईटों को ठीक भी कराया जा चुका है। लेकिन व्यवस्था न होने के कारण यह ट्रैफिक लाईटें मात्र 5-7 दिन चलने के बाद ही बंद पड गई। वहीं पुलिस प्रशासन द्वारा विद्यालयों में सडक सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए प्रतियोगिताएं व रैलियां निकलवा रहा है। जबकि ट्रैफिक लाईटों की तरफ कोई ध्यान नहीं है। जिससे लोगों में प्रशासन के प्रति रोष पनप रहा है।
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