तावडू 21 अक्टूबर ( दिनेश कुमार): क्षेत्र के मंदिरों में कार्तिक मास के उपलक्ष्य में ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करके लोग भगवान विष्णु जी की पूजा कर रहे हैं। कार्तिक मास में व्रत रखने वालों को मोक्ष
के साधन के रूप में बताया गया है। शहर के वार्ड नंबर 14 में स्थित श्रीसाईं धाम मंदिर में पुजारी पंडित नंद किशोर मिश्रा ने बताया कि नदियों में जैसे गंगा व भगवानों में विष्णु इसी प्रकार मासों में कार्तिक मास क्षेष्ठ हैं। इस मास में गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। इस माह में जो व्यक्ति नियमों का पालन करते हैं, वह वर्ष भर सभी पापों से मुक्ति पाते हैं। धर्म शास्त्रों में प्रत्येक ऋतु व मास का अपना विशेष महत्व है। उन्होंने बताया कि शास्त्रों के अनुसार इस माह भवान विष्णु चार माह की अपनी योगनिंद्रा से जागते हैं। इस मास में दीपदान करने से भगवान विष्णु जी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में छाया अंधकार दूर होता है। इस मास में दीप जलाने वाले व्यक्ति को अश्वमेद्य यज्ञ के बराबर फ लों की प्राप्ति होती है। इस मास में तुलसी के समीप दीपक जलाने से व्यक्ति को साक्षात लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त होती है। क्योंकि तुलसी में साक्षात लक्ष्मी का निवास माना जाता है। इस मास में तुलसी के पौधे को सजा भगवान शालिग्राम का पूजन किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास में किए गए दान-पुण्य का फ ल व्यक्ति को अगले जन्म में अवश्य प्राप्त होता है। उन्होंने उपस्थित संगत से आहवान किया कि कार्तिक मास में क्षेष्ठ कर्म कर, स्नान, ध्यान, दान करते हुए व तुलसी अराधना कर अनन्य पुण्य के भागी बनें।
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